रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच में ढील नहीं, एसआईटी का कार्यकाल मार्च तक बढ़ा
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की एसआईटी का कार्यकाल बढ़ाकर धामी सरकार ने स्पष्ट की मंशा, पुलिस की एसआईटी को स्टांप विभाग की एसआईटी से भी जोड़ा गया
Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में दर्ज मुकदमों में एक तरफ पुलिस की कार्रवाई गिरफ्तारियों के बाद चार्जशीट, गैंगस्टर और दोषियों को सजा दिलाने की तरफ बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ फर्जीवाड़े की जड़ तक जाने के लिए सरकार जांच में अभी भी ढील देने को तैयार नहीं है। पुलिस की कार्रवाई से इतर फर्जी रजिस्ट्रियों के प्रकरण की सीधी शिकायत जनता से प्राप्त करने के लिए शासन ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया था। पहले इसका कार्यकाल नवंबर 2023 तक था, जबकि अब इसे बढ़ाकर मार्च 2024 कर दिया गया है। स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के सबसे बड़े जमीन फर्जीवाड़े को लेकर किसी तरह की ढिलाई बरतने को तैयार नहीं हैं।
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अंतर्गत इस तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन 25 जुलाई 2023 को किया गया था। तब इसका कार्यकाल नवंबर 2023 तक तय किया गया था। हालांकि, एसआईटी में शुरू से ही जमीन फर्जीवाड़े के प्रकरण बड़ी संख्या में पहुंचने और इसका सिलसिला जारी रहने के बाद जांच को विस्तार देने का निर्णय किया गया है। शासन के आदेश के मुताबिक एसआईटी अब मार्च 2024 तक शिकायतें प्राप्त करेगी और उनका परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की संस्तुति को जारी रखेगी।
जमीन फर्जीवाड़े की 150 से अधिक शिकायतें
एसआईटी के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रावत के मुताबिक एसआईटी के समक्ष जमीन फर्जीवाड़े से संबंधित 150 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। जो भी शिकायतें एसआईटी के पास आ रही हैं, उनका गहन परीक्षण किया जा रहा है। जो शिकायतें उचित पाई जा रही हैं, उन्हें आवश्यकता के मुताबिक संबंधित तहसील/सब रजिस्ट्रार कार्यालय को भिजवाया जा रहा है। इस आधार पर विभिन्न प्रकरणों में मुकदमे भी दर्ज करवाए जा रहे हैं। वहीं, निराधार शिकायतों को निरस्त भी किया जा रहा है।
पुलिस की एसआईटी और स्टांप विभाग की एसआईटी में समन्वय को नोडल अधिकारी
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था। इसमें पुलिस की एसआईटी अब तक विभिन्न मुकदमे दर्ज कर 18 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही 13 आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर गैंगस्टर में भी मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस की एसआईटी अब शासन की ओर से गठित एसआईटी के साथ समन्वय बनाकर संस्तुति के आधार पर आगे भी मकदमे दर्ज करेगी। लिहाजा, दोनों एसआईटी के बीच बेहतर समन्वय बना रहे, इसके लिए शासन ने पुलिस की एसआईटी के अध्यक्ष पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार को नोडल अधिकारी भी नामित किया है।
अब एडीएम होंगे शासन की एसआईटी के सदस्य
उत्तराखंड शासन ने एसआईटी में आंशिक बदलाव भी किया है। सचिव वित्त दिलीप जावलकर के आदेश के मुताबिक एसआईटी सदस्य पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) पी रेणुका देवी को इस दायित्व से मुक्त किया गया है। उनकी जगह अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व)/जिला निबंधक देहरादून को एसआईटी का सस्दय नामित किया गया है। वर्तमान में अपर जिलाधिकारी (एडीएम) वित्त एवं राजस्व का दायित्व रामजी शरण शर्मा के पास है। इसके एक अन्य सदस्य स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग से अतुल कुमार यथावत कार्य कर रहे हैं।