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मृतकों को भी बांटा जा रहा राशन, अब दस्तावेज भी हुए गायब
सूचना आयोग पहुंचे प्रकरण में सामने आया गड़बड़झाला, डीएसओ को किया गया तलब
Amit Bhatt, Dehradun: पूर्ति विभाग में राशन वितरण में बड़े स्तर पर राशन घोटाले की बू आ रही है। हरिद्वार जिले में मृतक व्यक्तियों के नाम पर भी राशन बांटे जाने की बात सामने आई है। यहां तक कि सिंगल यूनिट वाले राशन कार्ड पर भी मृतकों को राशन वितरण के आरोप लगे हैं। इसकी शिकायत जब अधिकारियों से की गई तो जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई। अब अपील के रूप में सूचना आयोग पहुंचे प्रकरण में पता चला कि शिकायत के क्रम में जो जांच की गई, उन सभी में मृतक व्यक्तियों को राशन बांटे जाने की पष्टि की गई है। इस मामले में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने जिला पूर्ति अधिकारी हरिद्वार को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।
हरिद्वार के ग्राम रतनपुर तहसील रुड़की निवासी मुर्तजा ने मृतक व्यक्तियों को राशन बांटे जाने की शिकायत पूर्ति विभाग से की थी। उन्होंने इस संबंध में आरटीआइ में भी जानकारी मांगी। तय समय के भीतर उचित सूचना न मिलने पर उन्होंने सूचना आयोग में अपील की। प्रकरण पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने मांगी गई सूचनाओं को स्पष्ट करने के लिए जांच के निर्देश दिए थे। जिसमें अपीलकर्ता मुर्तजा की शिकायत को भी शामिल करने को कहा गया।
16 कार्डों की जांच, सभी में मृतकों को राशन
जिला पूर्ति अधिकारी ने क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी रुड़की से जांच कराई। सूचना आयोग में प्रस्तुत की गई जांच अधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक 16 राशन कार्डों की जांच की गई। सभी कार्डों में मृतक सदस्यों के नाम पर भी राशन का वितरण पाया गया।
शिकायत में सिंगल यूनिट कार्ड पर भी राशन वितरण का जिक्र
सूचना आयुक्त भट्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सूचना का संबंध सस्ते गल्ले पर राशन वितरण की पारदर्शी व्यवस्था से है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि सिंगल यूनिट वाले कार्ड पर भी मृतकों को राशन बांटा जा रहा है। ऐसे कार्डों का जिक्र शिकायत में किए जाने के बाद भी विभाग ने इसका संज्ञान नहीं लिया है। अपने बचाव में लोक सूचना अधिकारी ने कहा कि मृतकों को राशन वितरण से संबंधित दुकान निलंबित चल रही है। हालांकि, अपीलकर्ता मुर्तजा ने कहा कि दुकान का निलंबन उनकी शिकायत के क्रम में नहीं, बल्कि अन्य कारण से किया गया है।
शिकायत के बाद गुम हो गए सस्ते गल्ले के अभिलेख
सूचना आयोग ने पाया कि मृतकों को राशन बांटे जाने की शिकायत के बाद राशन विक्रेता (सस्ता गल्ला) के अभिलेख गुम हो गए हैं। यह स्थिति राशन वितरण संबंधी दस्तावेजों को खुर्दबुर्द करने की आशंका को जन्म देती है। इसके बाद भी क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ने जांच में गंभीरता नहीं दिखाई और जिला पूर्ति अधिकारी ने भी इसे उसी रूप में अग्रसारित कर दिया। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी को बिंदुवार रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। प्रकरण में तय की गई सुनवाई की अगली तिथि 20 दिसंबर को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे।