Amit Bhatt, Dehradun: जाम से हांफते शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दून पुलिस ने लंबी कसरत के बाद नया प्लान तैयार किया है। जिसमें शहर के 05 क्षेत्रों के 21 स्कूलों के खुलने और बंद होने के समय में कक्षाओं के हिसाब से बदलाव किया गया है। नए बदलाव में कक्षाएं सुबह 07 बजे से दोपहर 1.45 तक अलग अलग श्रेणी के हिसाब से संचालित की जाएंगी। एसएसपी अजय सिंह ने स्कूलों के समय में बदलाव को लेकर तैयार किए गए प्लान को स्वीकृति के लिए जिलाधिकारी के पास भेजा था। अब जिलाधिकारी सोनिका ने स्कूल प्रबंधकों से वार्ता के बाद पुलिस के प्लान पर मुहर लगा दी है।
जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक नई व्यवस्था को 19 जुलाई से लागू किया जाएगा। नई टाइमिंग के दायरे में 26 हजार 500 से अधिक छात्र आ रहे हैं। पुलिस के प्लान में यह देखा गया है कि एक ही समय पर अधिक छात्रों की कक्षाओं के शुरू होने और छुट्टी की स्थिति पैदा न हो। जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक पहले एक सप्ताह में नए प्लान के असर की समीक्षा की जाएगी। जिसके बाद इसमें निरंतरता या बदलाव का निर्णय लिया जाएगा। ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए समय-समय पर नए प्रयोग की हमेशा जरूरत रहती है। यह प्रयास भी इसी का हिस्सा है।
छात्रों का सर्वाधिक दबाव राजपुर रोड क्षेत्र में
दून पुलिस ने स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव के लिए तैयार किए गए प्लान में क्षेत्रवार स्कूल और छात्रों की संख्या का आकलन भी किया है। इसके साथ ही स्कूलों में पार्किंग की क्षमता, स्कूल बस और वैन की संख्या का आकलन किया गया। ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि किस क्षेत्र में दबाव कैसा है और यातायात में सुधार के लिए टाइमिंग क्या तय करना उचित रहेगा। छात्रों की सर्वाधिक संख्या राजपुर रोड क्षेत्र में है। छात्र संख्या में दूसरे स्थान पर कर्जन रोड (डालनवाला) क्षेत्र है, जबकि छात्रों की आवाजाही के मामले में सुभाष रोड क्षेत्र का स्थान तीसरा है।
21 स्कूलों के पास महज 26 स्कूल बस
पुलिस के प्लान के मुताबिक 05 प्रमुख क्षेत्रों के 21 स्कूलों के पास महज 26 ही स्कूल बस हैं, जबकि वैन की संख्या 123 है। यही कारण है कि छात्रों को लाने लेजाने की प्रमुख जिम्मेदारी अभिभावकों पर ही रहती है। इस कारण भी स्कूलों के मार्गों पर वाहनों की अधिक आवाजाही और पार्किंग की कमी से जाम की समस्या बढ़ जाती है।
705 चौपहिया वाहन ही खड़े करने की क्षमता
पार्किंग क्षमता की बात की जाए तो 21 स्कूलों में महज 705 चौपहिया वाहन ही खड़े किए जा सकते हैं, जबकि दुपहिया वाहनों की क्षमता 1630 है। हालांकि, इतनी क्षमता में भी तमाम स्कूल अभिभावकों को पार्किंग सुविधा मुहैया कराने से कतराते हैं। जिसके चलते अभिभावकों वाहनों और निजी वैन को सड़क पर ही पार्क करा दिया जाता है। यह स्थिति भी जाम को विकट बनाने का काम करती है।
डालनवाला में
केवल ट्रैफिक को वनवे करने से
और
सड़कों को नंबर नाकी नाम देने के
और
ट्रैफिक लाइट लगाने से समाधान होजाएगा। बुद्धिजीवियों को नमन।