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सीबीआई और विजिलेंस ने 02 अभियंताओं को घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा

02 अलग-अलग मामलों में एलआईसी के सहायक अधिशासी अभियंता और ऊर्जा निगम के अवर अभियंता को 15-15 हजार रुपये की घूस लेते दबोचा गया

Amit Bhatt, Dehradun: यह एक संयोग ही है कि घूसखोरी में सीबीआई और विजिलेंस ने 02 अलग-अलग मामलों में न सिर्फ 02 अभियंताओं को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया, बल्कि दोनों ही इंजीनियर बिजली संबंधी (इलेक्ट्रिकल) कार्यों से जुड़े हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि एक एलआईसी में नियुक्त है, जबकि दूसरा ऊर्जा निगम उत्तराखंड का इंजीनियर है। दोनों को ही 15-15 हजार रुपये की घूस लेते हुए दबोचा गया है।

पहले मामले में सीबीआई को शिकायत मिली थी कि असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) एलआईसी, मंडल कार्यालय, हरिद्वार रोड, देहरादून भगवती प्रसाद पेंडिंग बिलों के भुगतान व पहले से भुगतान किए गए बिलों के कमीशन के तौर पर 57 हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था। बार-बार अनुरोध करने पर सौदा 40 हजार रुपये में तय हो गया।

शिकायत के आधार पर सीबीआइ के एसपी की ओर से टीम का गठन कर जांच के निर्देश दिए गए। मंगलवार को सीबीआइ की टीम ने जाल बिछाते हुए सहायक अधिशासी अभियंता भगवती प्रसाद को शिकायतकर्ता से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सीबीआइ की टीम आरोपी के आवासीय परिसर की तलाशी भी कर रही है। आरोपी अभियंता को बुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जाएगा।

दूसरे मामले में विजिलेंस की टीम ने मीटर लगाने के बदले रिश्वत ले रहे ऊर्जा निगम के सब स्टेशन हरबर्टपुर देहरादून के अवर अभियंता परवेज आलम को 15 हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ने अवर अभियंता के दलाल आदित्य नौटियाल निवासी विकासनगर की भी गिरफ्तारी की है। एक व्यक्ति ने विजिलेंस के टोल फ्री नंबर पर 1064 पर शिकायत की थी कि ऊर्जा निगम के सब स्टेशन हर्बटपुर विकासनगर में तैनात अवर अभियंता परवेज आलम उनसे बिजली का कनेक्शन लगाने के एवज में घूस मांग रहा है। इसमें उसका दलाल आदित्य नौटियाल भी शामिल है।

मंगलवार को विजिलेंस की ओर से ट्रैप टीम का गठन किया गया। योजना के मुताबिक शिकायतकर्ता को रिश्वत देने के लिए भेजा गया। इसी दौरान विजिलेंस टीम ने अवर अभियंता परवेज आलम व उसके दलाल आदित्य नौटियाल को शिकायतकर्ता से बिजली के कनेक्शन लगाने के एवज में 15000 रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की टीम की ओर से आरोपी के आवास की तलाशी व अन्य स्थानों पर चल-अचल संपत्ति के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निदेशक सतर्कता डॉ वी मुरुगेशन ने ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त कोई अधिकारी व कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है तो तत्काल इसकी सूचना विजिलेंस के टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 व व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क कर सूचना दें।

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