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क्या शिक्षा विभाग में बदलने जा रही है परिपाटी, महानिदेशक ने जाहिर किए इरादे

प्रभावी शैक्षणिक व्यवस्था और योजनाओं की सुगमता के लिए सभी 13 जिलों में 13 नोडल अधिकारी नामित

Rajkumar Dhiman, Dehradun: विद्यालयी शिक्षा विभाग में जो पहले कभी नहीं हुआ या किसी महानिदेशक ने ऐसा करने का साहस नहीं दिखाया, वह अब होता दिख रहा है। नवनियुक्त शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान कुछ ऐसा करने का साहस दिखा रही हैं, जो शायद विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिपाटी को बदलकर रख सकता है। उन्होंने आते ही पहले तो मौजूदा व्यवस्था में ट्रांसफर का मखौल बनाने वाले कृपापात्र शिक्षकों की कुंडली बांचने का आदेश दे डाला तो इसके तत्काल बाद मुख्यालयों में सिर्फ प्रबंधकी झाड़ने वाले अधिकारियों के गले में जिम्मेदारी की घंटी बांध दी है। जिलों और मुख्यालय के बीच सीधा समन्वय और कामकाज में तेजी के लिए उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों के लिए नोडल अधिकारियों को नामित कर दिया है। जो संबंधित जिले के किसी भी प्रकरण के लिए सीधे तौर पर जवाबदेह होंगे।

सभी 13 जिलों में नामित किए गए नोडल अधिकारियों का आदेश।

अब तक शिक्षा विभाग में कामकाज को बेहतर बनाने के लिए ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। छोटे उदाहरण के साथ बात करते हैं कि यदि किसी शिक्षक का स्थानांतरण का प्रकरण भी है तो वह ब्लॉक और जिले के बाद मुख्यालय में कहां जाकर डंप हो गया है, उसकी पड़ताल आसान नहीं थी। साथ ही बात जब जिम्मेदारी की होती थी तो मुख्यालय में अफसरों की फौज उसे जिले और फिर यहां से ब्लॉक और अंत में स्कूलों के प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापकों पर डाल दी जाती थी। ऐसे में शिक्षण व्यवस्था से लेकर केंद्र और राज्य की तमाम योजनाओं की प्रगति भी प्रभावित हो रही थी।

लिहाजा, नवनियुक्त महानिदेशक झरना कमठान ने इसका सीधा हल निकालते हुए निदेशक स्तर से लेकर उप निदेशक स्तर तक के अधिकारियों को अलग-अलग जिले सौंप दिए हैं। इसके लिए 13 अधिकारियों का चयन करते हुए सभी को एक-एक जिले का नोडल अधिकारी नामित कर दिया गया है। अब संबंधित जिले के किसी भी शिक्षक या कार्मिक के प्रकरण से लेकर शैक्षणिक प्रबंधन और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वही अधिकारी जवाबदेह होंगे। शिक्षा महानिदेशक सीधे उन्हीं अधिकारियों का जवाब तलब करेंगी।

इस व्यवस्था में एक खास प्रबंध यह भी किया गया है कि नामित नोडल अधिकारी आवंटित जनपद की समय-समय पर समीक्षा करेंगे और प्रत्येक माह उसकी अपडेट रिपोर्ट महानिदेशक को उपलब्ध कराएंगे। जिलों की समीक्षा बैठक में भी नामित अधिकारी स्वयं जनपद की सूचनाओं के साथ उपस्थित रहेंगे। इस नई व्यवस्था से शिक्षक भी संतोष व्यक्त कर रहे हैं। अब उन्हें अपने किसी भी प्रकरण के लिए यहां-वहां नहीं भटकना पड़ेगा, बल्कि सीधे अपने जिले के नोडल अधिकारी से संपर्क करना होगा।

इस तरह आवंटित किए गए जिले
एससीईआरटी निदेशक बंदना गर्ब्याल को टिहरी, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आरके उनियाल को उत्तरकाशी, प्रभारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल को पौड़ी, अपर निदेशक एससीईआरटी आशा रानी पैन्यूली को हरिद्वार, प्रारंभिक शिक्षा अपर निदेशक आरएल आर्य को रुद्रप्रयाग, अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डा. मुकुल कुमार सती को ऊधम सिंह नगर, सीमैट के विभागाध्यक्ष दिनेश चंद्र गौड़ को चंपावत, एससीईआरटी की संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी को नैनीताल, संयुक्त निदेशक एमडीएम कुलदीप गैरोला को पिथौरागढ़, माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक आनंद भारद्वाज को बागेश्वर, संयुक्त निदेशक महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा पदमेंद्र सकलानी को चमोली, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा कमला बड़थ्वाल को देहरादून और उपनिदेशक माध्यमिक जगदीश काला को अल्मोड़ा का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

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