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मसूरी से 02 किमी पहले रोक दिए जाएंगे वाहन, पर्यटक शटल सेवा से तय करेंगे मसूरी का सफर
मसूरी में भीषण जाम से निपटने को अमल में लाई जाएगी शटल सेवा की नई व्यवस्था, वीकेंड पर मिलेगी राहत
Amit Bhatt, Dehradun: यदि आप पहाड़ों की रानी मसूरी की सैर करने की योजना बना रहे हैं तो पहले इस खबर को पढ़ लें। खासकर वीकेंड पर मसूरी की ट्रिप प्लान करने वालों को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। भीषण जाम की स्थिति में वाहनों को मसूरी से 02 किलोमीटर पहले किंक्रेग में ही रोक दिया जाएगा। यहां पर्यटकों के वाहनों को मल्टीलेवल कार पार्किंग में खड़ा कर दिया जाएगा। इसके बाद पर्यटकों को हाईटेक बसों की शटल सेवा से मसूरी भेजा जाएगा। जिलाधिकारी सविन बंसल ने शटल सेवा के लिए टेंडर प्रक्रिया 10 दिन के भीतर शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यह जिले की पहली शटल सेवा भी होगी। प्रथम चरण में दो बसों की शटल सेवा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। जिसका संचालन लाइब्रेरी और पिक्चर पैलेस तक किया जाएगा।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को आयोजित बैठक में शटल सेवा शुरू करने के लिए उपजिलाधिकारी मसूरी और अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को आवश्यक प्रक्रिया अविलंब शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही पुलिस अधीक्षक यातायात को किंक्रेग में अपने ऑफिस के सेटअप के साथ कंप्यूटर नेटवर्क स्थापित करने को कहा गया है। बैठक में पुलिस अधीक्षक यातायात मुकेश कुमार, संयुक्त मजिस्ट्रेट मसूरी अनामिका, उपजिलाधिकारी मुख्यालय शालिनी नेगी आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
पुलिस रखेगी होटलों की पार्किंग की जानकारी
जिलाधिकारी सविन बंसल ने पुलिस को निर्देश दिए कि वह मसूरी के होटलों की अधिकतम पार्किंग की पूरी जानकारी रखे। पार्किंग फुल होने की जानकारी मिलते ही वाहनों को किंक्रेग से आगे न बढ़ने दिया जाए। यात्रियों को आगे शटल सेवा के माध्यम से रवाना किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि यह जिले की फली शटल सेवा है। जरूरत पड़ने पर बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
किंक्रेग में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण पर्यटन विभाग के बजट से वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। तमाम बाधा और बजट में बढ़ोतरी के बाद इसका निर्माण वर्ष 2021 में किया जा सका। 212 कारों की क्षमता वाली इस पार्किंग का लोकार्पण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिसंबर 2021 में किया था। हालांकि, यह मसूरी से करीब 02 किलोमीटर होने पर वाहन चालकों को लुभा नहीं पाई। बेहद कम संख्या में ही इसमें वाहन पार्क होते हैं। क्योंकि, इससे आगे के लिए शटल सेवा जैसी व्यवस्था न होने पर 30 करोड़ रुपए खर्च कर बनाई गई पार्किंग शोपीस बन गई। अब जिलाधिकारी बंसल के नए निर्णय के बाद पार्किंग का सदुपयोग किया जा सकेगा।