सीबीआई ने आइआइटी रुड़की में फर्जी नौकरी पर दर्ज की एफआइआर
ग्रुप सी के पद की भर्ती के लिए एक अभ्यर्थी ने लगाया फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र, जांच एसीबी देहरादून के डीएसपी सुभाष चंद्र को सौंपी गई
Amit Bhatt, Dehradun: आइआइटी रुड़की में पक्की नौकरी के प्रलोभन में एक व्यक्ति ने अपनी कच्ची (आउटसोर्स) नौकरी को भी दांव पर लगा दिया। उसने ग्रुप सी के तहत ग्रेड-दो चालक पद के लिए फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र लगा दिए और नौकरी भी झटक ली। अब सीबीआइ को सूचना मिली तो फर्जी दस्तावेज का कच्चा चिट्ठा भी सामने आ गया। सीबीआइ ने संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर ली है। प्रकरण की जांच एसीबी देहरादून के डीएसपी सुभाष चंद्र को सौंपी गई है।
सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार सचिन राठी निवासी जवाहर नवोदय विद्यालय के पास मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) ने आइआइटी रुड़की में ग्रुप सी के अंतर्गत ग्रेड-दो चालक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। जिसके लिए उसने मार्कंडेय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (एलटी/एयूएमवी) रामपुर से खुद को उत्तीर्ण दिखाया। जिसमें उसने अपनी उम्र कम करते हुए 25 नवंबर 1996 दर्शाई। जबकि उसकी जन्म तिथि 25 नवंबर 1988 एक अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र में दर्ज है।
यह प्रमाण पत्र जनता कॉलेज हरसोली, मुजफ्फरनगर का है। जिसमें उसने वर्ष 2005 में हाईस्कूल की परीक्षा तृतीय श्रेणी में प्राइवेट दाखिले में पास की। सचिन ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पहले मैसर्स साइबेक्स सपोर्ट सर्विसेज प्रा. लि. में कुशल चालक की श्रेणी में नौकरी प्राप्त की। फिर वह उच्च कुशल चालक बना और आइआइटी रुड़की में आउटसोर्स चालक की नौकरी हासिल की।
जुलाई 2023 में जब आइआइटी रुड़की ने ग्रुप बी और सी के चालक पद की भर्ती निकाली तो सचिन ने उसमें आवेदन किया। नौकरी ने लिए आयु सीमा 27 वर्ष थी, लिहाजा उसने वर्ष 1996 जन्मतिथि वाला प्रमाण पत्र लगा दिया। उसका चयन ग्रेड बी (ग्रुप सी) के चालक पद के लिए हो गया। इसी बीच सीबीआइ को फर्जी प्रमाण पत्र की सूचना मिल गई और सचिन राठी का भंडाफोड़ हो गया।