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31st की पार्टियों पर पैनी नजर, जिलावार अफसरों की तैनाती

दून के बारों का होगा औचक निरीक्षण, नियमों के भीतर ही जाम परोसेंगे बार रेस्तरां, रिसॉर्ट और होटल आदि के संचालक

Amit Bhatt, Dehradun: 31st नाइट और नए साल के स्वागत का उल्लास। जाहिर है सुरा के शौकीन जाम छलकाते हुए संगीत की थाप पर नववर्ष 2025 के उदय का बांछे खोलकर स्वागत करेंगे। तमाम बार रेस्तरां, रिसॉर्ट और होटल आदि प्रतिष्ठानों में भी सुरा के शौकीनों की मुराद पूरी करने के लिए तमाम इंतजाम किए जा चुके हैं। आबकारी विभाग को भी इससे एतराज नहीं है। बशर्ते कि जाम छलकाने का इंतजाम मानकों के भीतर रहकर किया जाए। चूंकि, ऐसे अवसर पर पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों का भी रुख उल्लास का आयोजन कराने वाले प्रतिष्ठानों की तरफ बढ़ जाता है, तो शराब तस्करी या निर्धारित ब्रांड से अलग भी शराब परोसी जा सकती है। लिहाजा, आबकारी आयुक्त एचसी सेमवाल ने शराब तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए राजधानी दून समेत सभी जिलों में आयोजनों से जुड़े प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण करने के आदेश जारी किए हैं।

सांकेतिक।

उत्तराखंड के आबकारी आयुक्त एचसी सेमवाल के आदेश के अनुसार शराब तस्करी रोकने, अनुमोदित ब्रांड की शराब से अलग शराब परोसे जाने से रोकने या अन्य नियमों के पालन के लिए 02 जनवरी 2025 तक जिलावार अधिकारियों की तैनाती की गई है। जो प्रतिष्ठानों के औचक निरीक्षण के साथ ही विभिन्न नाकों और अन्य स्थलों पर चौकसी करेंगे और करवाएंगे। सभी अधिकारी रात 02 बजे तक क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे। अधिकारी प्रत्येक घंटे अपनी लाइव लोकेशन भी शेयर करेंगे। जिन अधिकारियों को वर्दी अनुमन्य है, वह अनिवार्य रूप से वर्दी में रहकर ड्यूटी करेंगे।

जिलावार तैनात किए गए अधिकारी
अधिकारी, जनपद का नाम
बीएस चौहान, अपर आबकारी आयुक्त, देहरादून
केके कांडपाल, संयुक्त आबकारी आयुक्त, नैनीताल और अल्मोड़ा
प्रदीप कुमार, उप आबकारी आयुक्त परिक्षेत्र देहरादून/हरिद्वार, हरिद्वार
विवेक सोनकिया, उप आबकारी आयुक्त परिक्षेत्र नैनीताल/ऊधमसिंहनगर, ऊधमसिंहनगर
देवेंद्र गिरी गोस्वामी, सहायक आबकारी आयुक्त मंडलीय प्रवर्तन, टिहरी

एचसी सेमवाल, आबकारी आयुक्त (उत्तराखंड)

इन नियमों का कराना होगा पालन
1. लाइसेंस में अनुमोदित ब्रांड के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की तस्करी की, नकली या अवैध शराब की बिक्री पर रोक।
2. लाइसेंस शतों का अनुपालन।
3. निर्धारित समय सीमा के बाद संचालन।
4. अधिकतम अनुमत क्षमता से अधिक लोगों का प्रवेश।
5. बिना पूर्व अनुमति विशेष आयोजनों का संचालन।
6. नाबालिगों को शराब परोसने या प्रवेश की सख्ती से रोकथाम।
7. सुरक्षा और स्वच्छता मानकों का पालन।

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