देहरादून मेयर सीट: कमाई में कांग्रेस प्रत्याशी पोखरियाल सबसे ऊपर, करोड़ों की संपत्ति के मालिक
भाजपा प्रत्याशी सौरभ थपलियाल के खाते में तीन लाख रुपए, कृषि बताया पेशा
Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून महापौर पद पर मैदान में 10 प्रत्याशी हैं। जिनमें पांच निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी रण में दमखम दिखाने को तैयार हैं। हालांकि, भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी प्रचार में जुट गए हैं और दोनों पार्टियां जोर लगा रही हैं। नामांकन में सभी प्रत्याशियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा भी उपलब्ध कराया है। भाजपा प्रत्याशी सौरभ थपलियाल और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल पहली बार महापौर पद पर चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें संपत्ति के लिहाज से वीरेंद्र पोखरियाल काफी आगे नजर आ रहे हैं। उनकी कुल संपत्ति करोड़ों में है, जबकि सौरभ थपलियाल के बैंक खातों में करीब तीन लाख रुपये जमा हैं। इसके अलावा सौरभ ने अपनी आय का साधन कृषि को बताया है। जिससे उन्हें सालाना पांच लाख रुपये की आय होती है। वहीं, वीरेंद्र पोखरियाल ने विभिन्न शेयर व बांड में निवेश किया है, जिससे उन्हें 20 लाख रुपये वार्षिक आय होती है। दोनों ही प्रत्याशियों की पत्नियों के ना पर भी कुछ संपत्ति है।
सौरभ थपलियाल के पास 90 हजार रुपये कैश है। जबकि, बैंक खाते में एक लाख 90 हजार रुपये जमा हैं। वहीं, पत्नी के पास 55 हजार रुपये कैश व 1.80 लाख रुपये बैंक खाते में हैं। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी के पास एक मारुति डिजायर कार, एक पल्सर बाइक और एक स्कूटी है। जबकि, उनके और उनकी पत्नी के पास कुल 14 तोला सोना है, जिसका वर्तमान मूल्य करीब 10 लाख रुपये है। सौरभ थपलियाल ने साढ़े तीन लाख रुपये कवर की एलआइसी पालिसी और सात लाख रुपये बीमा कवर की रिलांयस की पालिसी ली है। अचल संपत्ति में सौरभ थपलियाल ने एक बीघा पैतृक भूमि दर्शायी है, जिसकी कीमत 50 लाख रुपये है। साथ ही 95 लाख रुपये की लागत का दो मंजिला मकान भी सौरभ के नाम पर है। सौरभ थपलियाल के ऊपर कोई बैंक या अन्य माध्यमों से ऋण नहीं है।
कांग्रेस प्रत्याशी विरेंद्र पोखरियाल के पास 20 हजार रुपये कैश है। जबकि, बैंक खाते में करीब 34 लाख रुपये जमा हैं। उन्होंने चार लाख से अधिक मूल्य के बांड भी खरीद रखे हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी के पास भी बैंक में ढाई लाख रुपये और पांच लाख 65 हजार रुपये के शेयर हैं, जिन पर करीब एक लाख रुपये का सालाना डिविडेंट प्राप्त हो रहा है। पोखरियाल दंपती के पास पुश्तैनी व स्वयं खरीदे जेवर 25 तोला से अधिक यानि 21 लाख रुपये लागत के हैं। वीरेंद्र पोखरियाल के पास एक होंडा सिटी और एक मारुति इग्निस कार है, दोनों ही कार ऋण पर ली गई हैं और उनकी किश्त जा रही। पोखरियाल उत्तरांचल केबल नेटवर्क, भवानी एसोसिएट्स, अलाइट इन्फोटेक आदि कंपनियों में भी हिस्सेदार हैं। उन्होंने आसन कृषि उत्पादन एवं विपणन सहकारी समिति में 23 लाख रुपये से अधिक के शेयर खरीदे हैं, जिन पर चार लाख रुपये सालाना से अधिक का डिविडेंट उन्हें प्राप्त हो रहा है। अचल संपत्ति में कांग्रेस प्रत्याशी के पास साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत की कृषि भूमि है और लगभग साढ़े तीन करोड़ की लागत की अकृषि भूमि है। साथ ही एक करोड़ मूल्य का वाणिज्यिक व डेढ़ करोड़ का आवासी भवन भी है। पाेखरियाल ने अपनी आय का साधन बिजनेस दर्शाया है।
भाजपा-कांग्रेस के अलावा मेयर पद के लिए उक्रांद, आप भी लगाएगी जोर, चुनाव प्रचार तेज
देहरादून नगर निगम चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो गई है। नाम वापसी के बाद मेयर पद पर 10 और पार्षद पद पर 386 प्रत्याशी मैदान में हैं। मेयर पद पर भाजपा नेता प्रकाश सुमन ध्यानी के नाम वापस लेने के बाद भाजपा-कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशियों में जंग होगी। वहीं, पार्षद पद 41 ने नाम वापस ले लिया है। भाजपा और कांग्रेस के कई बागी मान गए और अंतिम वक्त में उन्होंने नाम वापस ले लिया। वहीं, अब कई वार्ड में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। महापौर पद पर भाजपा-कांग्रेस के साथ ही तीन अन्य पार्टी के प्रत्याशी और पांच निर्दलीय प्रत्याशियों ने ताल ठोकी है। हालांकि, इसमें एक कांग्रेस की बागी प्रत्याशी भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनौती दे रही है। ऐसे में पार्षद के कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा-कांग्रेस का गणित भी बिगाड़ सकते हैं।
महापौर पद पर इनके बीच होगा मुकाबला
देहरादून नगर निगम के महापौर पद पर अब भाजपा सौरभ थपलियाल, कांग्रेस से विरेंद्र पोखरियाल, उत्तराखंड क्रांति दल से विरेंद्र सिंह बिष्ट, यूकेडी डेमोक्रेटिक से राजकिशोर सिंह रावत, आम आदमी पार्टी से रविंद्र सिंह आंनद, निर्दलीय प्रत्याशी आरुषि सुंदरियाल, राजेंद्र प्रसाद गैरोला, विजय प्रसाद भट्टराई, सरदार खान पप्पू और सुलोचना ईष्टवाल मैदान में हैं। वहीं, नगर निगम देहरादून के 100 वार्डों पर पार्षद पद के लिए कुल 431 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था। जिनमें से आपत्तियों के चलते चार नामांकन रद कर दिए गए थे। इसके बाद गुरुवार को 41 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए। जिसके बाद अंतिम सूची में अब कुल 386 प्रत्याशी मैदान में हैं।
बागियों को लेकर नामांकन केंद्र पहुंचे रायपुर विधायक
रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ पार्षदों प्रत्याशियों को लेकर काफी सक्रिय दिखे। पहले कांग्रेस के प्रत्याशियों के नामांकन पर आपत्ति के बाद गुरुवार को वह भाजपा के बागी प्रत्याशियों को लेकर नगर निगम पहुंचे और नाम वापस कराए। उनके कहने पर भगत सिंह कालोनी वार्ड से बागी अजीम मिर्जा, माता मंदिर वार्ड से बागी नवनीत ठाकुर, डिफेंस कालोनी से भाजपा की पूर्व पार्षद सुशीला रावत बगावती तेवर छोड़ते हुए नाम वापस ले लिए। गुजाराड़ा मानसिंह से बागी कमल पंवार ने नाम वापस लिया। वहीं, डांडा लखौंड से भी बागी प्रत्याशी गिरीश प्रसाद ने नाम वापस लिया। आमवाला तरला से मंगल सिंह राठौर और माजरी माफी से बागी एनके गुसाईं और शिवपाल रावत भी बैकफुट पर आ गए। लोहिया नगर वार्ड में भाजपा से बगावत कर रहे आशीष गिरी और देहराखास वार्ड से बागी प्रत्याशी सुभाष बलियान ने विधायक चमोली के कहने पर अपना नाम वापस लिया।
कांग्रेस भी बागियों को साधने में सफल
कांग्रेस भी पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतर रहे प्रत्याशियों को साधने में सफल रही। वरिष्ठ कांग्रेसी व चकराता विधायक प्रीतम सिंह की उपस्थिति में कांग्रेस नेता गोदावरी थापली व ब्लाक अध्यक्ष मोहन सिंह थापली ने कांग्रेस से बागियों को वापस कांग्रेस में शामिल कराते हुए नाम वापस कराए। वार्ड आमवाला तरला से परितोष बिष्ट, वार्ड मोहब्बेवाला से ललित थापा, वार्ड मालसी से नवीन चौधरी, वार्ड श्रीदेव सुमन नगर से प्रियंका अग्रवाल, वार्ड इंदिरापुरम से मीना रावत और वार्ड आरकेडियाग्रांट से निधि देवी ने नाम वापस ले लिया है।