डीएम ने भूमाफिया पर की करारी चोट, दर-दर भटक रही 95 वर्षीय लीला देवी को दिलाया न्याय
वृद्धा की भूमि को हड़पने की मंशा से अवैध रूप से संचालित गैस गोदाम को किया गया सील, उपजिलाधिकारी मुख्यालय कुमकुम जोशी ने त्वरित रूप से कराया आदेश का पालन

Amit Bhatt, Dehradun: आज के दौर में लोक सेवा से ‘लोक’ की अहमियत गायब होती जा रही है। तभी तो जनता और सरकार तमाम मौकों पर अलग-अलग छोर पर नजर आते हैं। लेकिन, आइएएस सविन बंसल जैसे अधिकारी लोक सेवा में ‘लोक’ के हितों को सर्वोपरि रखते हुए बिना दबाव के अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की मुहिम को ऐसे अधिकारियों के होने से बल मिलता है। ताजा मामला 95 वर्षीय उस वृद्ध महिला लीला देवी गुरुंग का है, जो अपनी जमीन को माफिया के कब्जे से मुक्त कराने के लिए थक हार चुकीं थीं। एक रोज उनकी 75 वर्षीय पुत्री नीना गुरुंग अपनी लाचार मां की अर्जी लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल की जनसुनवाई में पहुंचती हैं। जिससे पता चलता है कि रायपुर क्षेत्र स्थित उनकी भूमि पर लोकेश उनियाल नाम का कोई व्यक्ति भारत पेट्रोलियम का गैस गोदाम चला रहा है। इस पूरे प्रकरण में विस्फोटक नियंत्रक और भारत पेट्रोलियम के अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई। खैर, जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रकरण की जांच उपजिलाधिकारी मुख्यालय कुमकुम जोशी को सौंपी और सख्त कार्रवाई के लिए कहा।
उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने भी तत्परता के साथ जांच करवाई और विस्फोटक नियंत्रक से भी आख्या प्राप्त की। जांच में अवैध कब्जे की पुष्टि किए जाने और बिना अधिकार के गैस गोदाम का संचालन पाए जाने पर शुक्रवार की सुबह प्रशासन की टीम ने इसे सील कर दिया। साथ ही अवैध रूप से संचालित किए जा रहे गैस गोदाम का लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू करा दी गई है। फिलहाल लाइसेंस को 03 माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस त्वरित कार्रवाई पर 95 वर्षीय लीला देवी और उनकी पुत्री नीना गुरुंग को यकीन नहीं हो पा रहा है। वह समझ नहीं पा रहीं हैं कि जिस सिस्टम ने उन्हें सालों तक दर दर की ठोकरें खाने को विवश रखा, वह अचानक इतना पारदर्शी और सख्त कार्रवाई वाला कैसे बन गया। लीला देवी जैसी भावनाएं वह तमाम फरियादी भी व्यक्त कर चुके हैं, जिन्हें जिलाधिकारी के दरबार से त्वरित न्याय मिला। सरकार, शासन और प्रशासन के होने का आधार भी इसी तरह के भरोसे की मांग करता है।
गैस सिलेंडर और कब्जा हटाने के लिए मिलेगा समय, डीएम की कार्रवाई की चौतरफा चर्चा
उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने कहा कि एजेंसी चला रहे व्यक्ति को अवैध कब्जे वाली सील की गई जगह से सिलेंडर और कब्जा हटाने का समय दिया जाएगा। इसके बाद भूमि/संपत्ति को सील किया जाएगा। साथ ही संपत्ति की मालिक को दिलाने की औपचारिकता भी पूरी की जाएगी। दूसरी तरफ गैस गोदाम के प्रकरण में जिलाधिकारी बंसल की कार्रवाई की चौतरफा चर्चा की जा रही है। हर कोई इस बात से संतुष्ट है कि अभी भी कमजोर व्यक्ति को न्याय दिलाने वाले अधिकारी मौजूद हैं।
यह था पूरा प्रकरण
जिलाधिकारी सविन बंसल की जनसुनवाई में पहुंची नीना गुरुंग ने कहा था कि उनकी मां लीला देवी गुरुंग उम्र के आखिरी पड़ाव से गुजर रही हैं और अब उनमें यह हिम्मत नहीं है कि अपनी जमीन पर अवैध रूप से संचालित किए जा रहे गैस गोदाम को हटवा सके। इसलिए अब अंतिम उम्मीद के रूप में जिलाधिकारी की शरण में पहुंची हैं। नीना गुरुंग ने कहा कि उनकी मां लीला देवी गुरुंग की रांझावाला क्षेत्र रायपुर स्थित भूमि पर भारत पेट्रोलियम का गैस गोदाम का अवैध रूप से संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1988 में गैस गोदाम के लिए इस भूमि को उनके पिता स्व. रतन सिंह गुरुंग ने नंदा सुब्बा को 10 साल की लीज पर दिया था। नंदा सुब्बा ने वर्ष 2000 से किराया देना बंद कर दिया और वर्ष 2004 में कब्जे के आधार पर जमीन पर मालिकाना हक जताना शुरू कर दिया।
जबकि लीज की शर्तों में स्पष्ट था कि किराया अदा न करने की दशा या इसके अन्य को हस्तांतरण की दशा में इसे निरस्त माना जाएगा। किराया अदा न करने की दशा में गोदाम को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। उसी बीच नंदा सुब्बा ने गैस एजेंसी को सरेंडर कर दिया था। दूसरी तरफ भारत पेट्रोलियम के तत्कालीन अधिकारियों ने गोदाम को हटाने की जगह किसी तीसरे व्यक्ति लोकेश उनियाल पर कब्जा उनकी भूमि पर करवा दिया। जो कि पूरी तरह अवैध और सुरक्षा मानकों के लिहाज से खतरनाक है।
तहसील में फर्जीवाड़ा कर चढ़ा नाम, एडीएम ने किया खारिज
जिलाधिकारी को दी गई शिकायत में नीना गुरुंग ने यह भी कहा था कि कुछ कार्मिकों की मिलीभगत से राजस्व रिकार्ड में नंदा सुब्बा राव का नाम चढ़ा दिया था, जिसे अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने वर्ष 2009 में खारिज कर दोबारा से उनकी मां का नाम दर्ज करा दिया गया। इसके बाद भी गैस गोदाम का आवंटन निरस्त नहीं किया जा रहा है। उन्होंने इस फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की मांग भी की थी।
विस्फोटक सुरक्षा संगठन के मानक दरकिनार
शिकायत के साथ दर्ज किए गए दस्तावेजों के अनुसार पेट्रोलियम एवं विस्फोटक संगठन के मानकों में साफ किया गया है कि लीज डीड समाप्त होने या किसी विवाद की स्थिति में भी लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। ऐसे मामलों में वाद के निस्तारण का इंतजार नहीं किया जाएगा। फिर भी सुरक्षा मानकों और नियमों को दरकिनार कर बीपीसीएल के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं। जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी ने भी बीपीसीएल और विस्फोटक नियंत्रक के अधिकारियों की निष्क्रियता को समझा और वृद्धा को न्याय दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए।