उत्तराखंड

पेयजल निगम में मुख्य अभियंता का प्रभार देने को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे अधीक्षण अभियंता

पेयजल निगम में वरिष्ठता को दरकिनार कर मुख्य अभियंता बने संजय सिंह

देहरादून: पेयजल निगम में वरिष्ठता को दरकिनार कर दिए गए मुख्य अभियंता के प्रभार का विरोध तेज हो गया है। कई अधीक्षण अभियंताओं ने इसके विरोध में हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। मुख्य अभियंता मुख्यालय का प्रभार वरिष्ठता के आधार पर न दिए जाने विरोध में कुछ अधीक्षण अभियंताओं ने दो सप्ताह पूर्व शासन में प्रत्यावेदन दिया था, लेकिन अब तक निर्णय पर पुनर्विचार न होने से अभियंता खफा हैं। बीते सात जुलाई को शासन की ओर से पेयजल निगम के मुख्य अभियंता मुख्यालय एससी पंत को प्रबंध निदेशक नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए। साथ ही मुख्यालय में रिक्त हुए मुख्य अभियंता के पद का मुख्य अभियंता गढ़वाल संजय सिंह को प्रभार दे दिया गया। हालांकि, निगम में उनसे वरिष्ठ अधीक्षण अभियंता पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। शासन के इस आदेश के बाद वरिष्ठता को दरकिनार करने का विरोध भी शुरू हो गया था। निगम के कई वरिष्ठ अधीक्षण अभियंताओं ने बीते 10 जुलाई को ही सचिव पेयजल को प्रत्यावेदन देकर अपनी आपत्ति दर्ज करा दी थी। जिसमें उनका कहना था कि मुख्य अभियंता मुख्यालय के पद पर अधीक्षण अभियंता सिविल व विद्युत-यांत्रिक दोनों की पात्रता के तहत वरिष्ठतम अभियंता को ही प्रभार दिए जाने का प्रविधान है। पेयजल निगम में मुख्य अभियंता स्तर के चार पद मुख्य अभियंता मुख्यालय, मुख्य महाप्रबंधक निर्माण विंग, मुख्य अभियंता कुमाऊं और मुख्य अभियंता गढ़वाल स्वीकृत हैं। अभियंता सेवा नियमावली के तहत अधीक्षण अभियंता सिविल-विद्युत-यांत्रिक में से ऐसे अभियंता योग्य हैं, जिन्होंने उस चयन वर्ष तक कम से कम दो वर्ष बतौर अधीक्षण अभियंता की सेवा दी हो। सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता व अधीक्षण अभियंता के पद पर कम से 20 वर्ष की सेवा अनिवार्य रूप से पूर्ण की हो। श्रेष्ठता के आधार पर जो सबसे ऊपर हो उसे मुख्य अभियंता मुख्यालय का प्रभार दिया जाना चाहिए। अब करीब ढाई माह बाद भी प्रत्यावेदन पर विचार न किए जाने पर उक्त अधीक्षण अभियंता हाई कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

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