दूनवासी आज 03 मार्गों पर निकलने से करें परहेज, विरोध-प्रदर्शन से भारी जाम
उपनल कर्मियों के भारी विरोध-प्रदर्शन के चलते पुलिस ने डायवर्ट किया 03 मार्गों का ट्रैफिक
Amit Bhatt, Dehradun: यदि आप शहर में निकल रहे हैं तो उससे पहले दून पुलिस की ट्रैफिक एडवाइजरी पर अवश्य नजर डाल लें। कहीं ऐसा न हो कि आप जाम में बुरी तरह फंस जाएं। क्योंकि, उपनल कर्मियों के भारी विरोध-प्रदर्शन के चलते कुछ हिस्सों में यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। नागरिकों को असुविधा से बचाने के लिए पुलिस ने 03 मार्गों पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया है। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए संबंधित मार्गों का प्रयोग करने से बचा जाए।
इन मार्गों पर डायवर्ट किया गया ट्रैफिक
01: कनक चौक से कोई भी वाहन सुभाष रोड की ओर नहीं जायेगा, सभी वाहनों को कनक चौक से डायवर्ट किया जायेगा।
02: ओरियंट/ग्लोब चौक से कोई भी वाहन सुभाष रोड की ओर नहीं जायेगा, सभी वाहन ओरियंट/ग्लोब चौक से डायवर्ट किए जाएंगे।
03: सचिवालय से कनक चौक की ओर कोई वाहन नहीं भेजा जाएगा।
इसलिए सड़कों पर उतरे हैं उपनल कर्मी
विभिन्न लंबित मांगों का समाधान नहीं होने से नाराज उपनल कर्मियों ने शुक्रवार को परेड मैदान से सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के हाथीबड़कला स्थित आवास कूच किया। पुलिस ने उपनल कर्मियों को रोकने के लिए 03 जगह बैरिकेडिंग लगाई है। सचिवालय चौक, सुभाष रोड और एस्लेहाल चौक से पहले बैरिकेडिंग लगाई गई है। पुलिस ने कर्मचारियों को सुभाष रोड की बैरिकेडिंग पर रोक लिया। कुछ कर्मचारी वहां धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मी 15–18 वर्ष से विभिन्न विभागों में अल्प वेतन पर कार्य कर रहे हैं।
जिनकी उम्र 40 से 45 वर्ष की चुकी है। इसके बाद भी उन्हें नियमित करने की जगह बिना कारण नौकरी से हटाया जा रहा है। जो कार्य कर भी रहे हैं, उन्हें न तो समय पर वेतन दिया जा रहा है और न ही महंगाई के अनुरूप वेतन बढ़ोतरी की जा रही है। दूसरी तरफ राजकीय कर्मचारियों का वर्ष 2021 से अभी तक 18-22 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास उपनल कर्मियों को समय पर वेतन देने व वेतन बढ़ोतरी के लिए पैसा नहीं है, पर सुप्रीम कोर्ट में प्रति सुनवाई 20 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इन्हीं बातों से खिन्न होकर उपनल कर्मी सड़कों पर उतर पड़े हैं।
संयुक्त ट्रेड यूनियन की रैली ने भी निकाला दम
न्यूनतम मासिक वेतन 26 हजार रुपये घोषित करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने गांधी पार्क से जिलाधिकारी कार्यालय तक कूच किया। शुक्रवार को कार्यकर्ता गांधी पार्क में एकत्र हुए। यहां से दर्शनलाल चौक होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक रैली निकाली। जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ गई, जिसके चलते अधिकतर कार्यकर्ता बाहर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद एसडीएम हरि गिरी को ज्ञापन सौंपा। इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज, एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि लंबे समय से शर्म विरोधी कानून की मांग उठाई जा रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जिससे उन्हें सड़को पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा। कार्यकर्ताओं ने गैस तेल के दामों को कम करने, पुरानी पेंशन की बहाली, 40 हजार संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, अतिथि शिक्षकों को स्थाई करने, आंगनबाड़ी, भोजनमाता व आशा वर्करों को राज्य कर्मचारी के समान वेतन देने, निजीकरण पर रोक लगाते हुए राजकीयकरण करने, एफआरआई में भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से करने, चाय बगान के श्रमिकों को भूमिका मालिकाना हक देने की मांग उठाई। दूसरी तरफ विक्रम चालकों ने भी सड़क पर उतर कर परिवहन विभाग की कार्रवाई का विरोध किया। एक ही दिन में इन विरोध-प्रदर्शन के कारण भी शहर में जगह-जगह जाम की स्थिति है।