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दूसरे की जमीन पर पास न हो जाए नक्शा, पता लगाने को बस एक लेखपाल तैनात

एमडीडीए में स्वामित्व की पुष्टि के लिए एक ही लेखपाल तैनात, रोजाना आती हैं 70 से 100 फाइलें, कभी भी हो सकती है गड़बड़

Round The Watch: ‘कख रैगी नीति, कख रैगी माणा, एक श्याम सिंह पटवारी ने कख कख जाणा’ यह कहावत मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के एकमात्र लेखपाल और उन तमाम अभियंताओं पर सटीक बैठती है, जो कार्मिकों की कमी के चलते काम के बोझ के मारे हैं।
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) का दायरा अब सिर्फ दून शहर, इसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों व मसूरी तक सीमित नहीं है। एमडीडीए के दायरे में लगभग पूरा जिला है। इसके साथ ही एमडीडीए पर अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के साथ-साथ सुनियोजित विकास की दिशा में भी सभी क्षेत्रों में सामान रूप से काम करने का भार बढ़ गया है। यह जिम्मेदारी दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) व ऋषिकेश के हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण वाले क्षेत्र के मर्ज होने के बाद और बढ़ी है। इसके बाद भी एमडीडीए में अभियंताओं व अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वाले आधे पद रिक्त चल रहे हैं। सीमित मानव संसाधन के चलते अवैध निर्माण पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के साथ तय समय के भीतर नक्शे पास करने में चुनौती खड़ी हो रही है।
एमडीडी में अभियंताओं व सुपरवाइजर के 98 पद स्वीकृत हैं, जबकि इसके सापेक्ष आधे ही कार्मिक तैनात हैं। जिन अवर अभियंताओं पर फील्ड में अवैध निर्माण की निगरानी व कार्रवाई का दारोमदार होता है, उनके 26 पद रिक्त हैं। इसी तरह निगरानी व्यवस्था की अहम कड़ी सुपरवाइजर के भी 22 पद रिक्त हैं। सहायक अभियंताओं की कमी को पूरा करने के लिए प्रतिनियुक्ति का सहारा लेना पड़ा है। अधिशासी अभियंताओं के मामले में भी प्रतिनियुक्ति के साथ ही प्रभारी व्यवस्था के भरोसे काम चलाया जा रहा है।


दून शहर का दृश्य। साभार इंटरनेट मीडिया

एक लेखपाल और रोजाना 70 से 100 फाइल
एमडीडीए में नक्शे पास करने के लिए लेखपाल की भूमिका अहम होती है। क्योंकि, जिस भूखंड का नक्शा पास कराया जा रहा है, उसका स्वामित्व दुरुस्त है या नहीं, इसका पता लगाने का काम लेखपाल का ही होता है। नक्शों के आवेदन के क्रम में स्वामित्व की पुष्टि के लिए लेखपाल के पास रोजाना 70 से 100 फाइलें भेजी जाती हैं। ऐसे में कई बार स्वामित्व की रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पाती है तो कई बार हड़बड़ी में रिपोर्ट भेजी जाती है। इसके चलते गलत स्वामित्व पर भी नक्शा पास होने का खतरा बना रहता है।

15 दिन में नक्शे पास करने को बढ़ाने होंगे संसाधन
मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुरूप आवासीय नक्शों को हर हाल में 15 दिन के भीतर निस्तारित किया जाना है। इसके लिए नक्शे की फाइल को एक साथ अवर अभियंता, लेखपाल व भू-उपयोग की पुष्टि के लिए भेजने की व्यवस्था की गई है। हालांकि, काम के बोझ के चलते जब फाइल पर स्वामित्व व भू-उपयोग की रिपोर्ट समय पर लग ही नहीं पाएगी तो अवर अभियंता कैसे उस पर कार्रवाई करेंगे।

एमडीडीए में पदों की स्थिति
पद, स्वीकृत, कार्यरत, रिक्त
अधीक्षण अभिंयता, 01, 01, शून्य
अधिशासी अभियंता, 04, 04 (01 प्रतिनियुक्ति, 03 प्रभारी)
सहायक अभियंता, 16, 16 (05 प्रतिनियुक्ति)
अवर अभियंता, 32, 06, 26
सुपरवाइजर, 45, 23, 22

बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण)

प्राधिकरण में काम के मुताबिक कार्मिकों की काफी कमी है। स्वीकृत पदों के सापेक्ष बेहद कम कार्मिक तैनात हैं। मानव संसाधन बढ़ाने के लिए सक्षम स्तर पर मांग रखी जाएगी।
बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण)

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