देहरादून: उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने विभिन्न मुद्दों को लेकर ऊर्जा निगम प्रबंधन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। जिसमें निगमों के एकीकरण, वेतन कटौती बंद करने और ग्रेड पे की विसंगतियों को दूर करने समेत विभिन्न मांगों को रखा गया। ऊर्जा निगम प्रबंधन की ओर से मांगों पर यथासंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया।ऊर्जा निगम प्रबंधन को पूर्व में दिए गए 15 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर सोमवार को कामगार संगठन के प्रतिनिध मंडल ने प्रबंध निदेशक अनिल कुमार से वार्ता की। ऊर्जा के तीनों निगमों को एकीकृत करते हुए राज्य विद्युत परिषद बनाने की मांग पर प्रबंधन ने शासन से जुड़ा हुआ मुद्दा बताया। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कार्मिकों के वेतन से हो रही वेतन कटौती बंद करने की मांग पर प्रबंधन ने गठित समिति की ओर से दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया। समिति में कामगार संगठन के प्रतिनिधि को भी स्थान दिया जाएगा। तीन सितंबर 2005 तक नियुक्त कार्मिकों को जीपीएफ योजना से लाभांवित करने की मांग पर भी प्रबंधन ने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों जिन्हें पूर्व में तृतीय समयबद्ध वेतनमान के रूप में अवर अभियंता के बराबर ग्रेड पे मिलती थी, उन कार्मिकों की ग्रेड पे को वर्तमान में छोड़ते हुए केवल अवर अभियंता संवर्ग के कार्मिकों की ग्रेड पे को 4200 के स्थान पर 4600 कर दिया गया है जिससे वेतन विसंगति उत्पन्न हो गई है, इस पर प्रबंधन ने अध्ययन कराने की बात कही। इसके अलावा भी कई अन्य मांगों पर चर्चा हुई। बैठक में संगठन की ओर से संरक्षक एपी अमोली, प्रांतीय अध्यक्ष विजय बिष्ट, कार्यवाहक अध्यक्ष सोहन शर्मा आदि उपस्थित रहे।