लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड की संपत्ति होगी जब्त, आदेश जारी
नकल से कमाए पैसों से खरीदे प्लाट, कुल 34 लाख की संपत्ति कुर्क करने के जिलाधिकारी हरिद्वार ने किए आदेश
Amit Bhatt, Dehardun: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) की लेखपाल और जेई-एई भर्ती परीक्षा के मास्टर माइंड संजीव चतुर्वेदी की संपत्ति कुर्क की जाएगी। यह कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट के तहत की जा रही है और जिलाधिकारी हरिद्वार ने इसके आदेश कर दिए हैं। संजीव ने पेपर लीक कर जो पैसे कमाए, उससे जगजीतपुर, लक्सर और पथरी क्षेत्र में प्लाट खरीद लिए। अब इन सभी की कुर्क की जाएगी, जिनकी कीमत करीब 34 लाख रुपये आंकी गई है। इन संपत्तियों पर हरिद्वार व् लक्सर के तहसीलदार को प्रशासक नियुक्त किया गया है। चतुर्वेदी आयोग में अतिगोपन अनुभाग-तीन में अनुभाग अधिकारी था। इसी का फायदा उठाकर उसने पेपर लीक करवाकर भर्ती घोटाले को अंजाम दिया। इस काम में उसकी पत्नी रितु व कुछ अन्य व्यक्तियों ने भी साथ दिया। दोनों परीक्षाओं में पुलिस मास्टरमाइंड समेत 18 से अधिक गिरफ्तारियां की।
संजीव मास्टरमाइंड, पत्नी ने दिया साथ और कुछ अन्य ने की मदद
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) की लेखपाल और जेई-एई भर्ती परीक्षा में धांधली का मास्टरमाइंड आयोग में अतिगोपन अनुभाग-तीन में कार्यरत अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी था और उसकी पत्नी रितू ने झटपट अमीर बनने के लालच में पति का पूरा साथ दिया। इसके अलावा इस कार्य में उसका साथ एक अन्य अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार ने भी दिया।
संजीव ने बरती थी पूरी सावधानी, फिर भी धरा गया
लेखपाल और एई-जेई भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड संजीव चतुर्वेदी, उसकी पत्नी रितु व पालीटेक्निक शिक्षक राजपाल ने पोल खुलने के डर से कई सावधानियां बरतीं। यहां तक कि उन्होंने दोनों परीक्षाओं में घपला करने के लिए अलग-अलग किरदार चुने, ताकि उनका भेद न खुले। बावजूद इसके जब एसआईटी ने अपराध के तार जोड़े तो फंदा उन तक पहुंच ही गया।
ऐसे फंसे जाल में
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने इसी वर्ष आठ जनवरी को लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा कराई थी। परीक्षा के दो दिन बाद ही 10 जनवरी को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने पेपर लीक होने का भंडाफोड़ करते हुए संजीव चतुर्वेदी व उसकी पत्नी रितु समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। उनसे 41 लाख रुपये की नकदी भी बरामद हुई थी। इस मामले की जांच हरिद्वार की एसपी क्राइम रेखा यादव के नेतृत्व में गठित एसआइटी को सौंपी गई। एसआइटी को प्राथमिक जांच में पता चला कि आरोपितों ने एई-जेई की भर्ती परीक्षा में भी धांधली की थी। मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आने पर उन्होंने जांच के निर्देश दिए। छानबीन में पेपर लीक होने की बात सामने आने पर एसआइटी के निरीक्षक बीएल भारती ने कनखल थाने में आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। लेखपाल भर्ती मामले में ही 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।