अब जीएसटी में भर्ती में धांधली, आयुक्त डॉ इकबाल ने लगाई रोक
अपनल के माध्यम से 55 पदों पर कराई गई थी भर्ती, चयनित अभ्यर्थियों ने कर लिया था ज्वाइन
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड का नाम पिछले कुछ समय से भर्ती घोटालों में निरंतर सामने आ रहा है। अब स्टेट जीएसटी डिपार्टमेंट में की गई भर्ती पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। मामला इसलिए भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि पहले उपनल और पीआरडी के माध्यम से अनुसेवकों की भर्ती कराई जाती है और जब तमाम चयनित अभ्यर्थी ज्वाइनिंग दे देते हैं, तब अचानक भर्ती स्थगित कर दी जाती है। यह स्थगनादेश भी सीधे विभाग के मुखिया आयुक्त राज्य कर की ओर से जारी किया जाता है। जबकि यह भर्ती देहरादून और हरिद्वार संभाग के संयुक्त आयुक्त की ओर से गठित कमेटी के माध्यम से कराई गई थी। बताया जा रहा है कि हाल में की गई अनुसेवकों (चतुर्थ श्रेणी) की आउटसोर्स भर्ती में अनियमितता के आरोप लग रहे थे। यह बात जब आयुक्त राज्य कर डॉ अहमद इकबाल को पता चली तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से भर्ती को अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया। अन्यथा भर्ती को लेकर किसी भी तरह के आदेश या बदलाव के लिए दोनों संयुक्त आयुक्त अपने स्तर पर सक्षम थे।
राज्य कर (स्टेट जीएसटी) विभाग ने देहरादून व हरिद्वार संभाग में अनुसेवकों के कुल 55 पदों के लिए भर्ती कराई थी। यह भर्ती उपनल व पीआरडी के माध्यम से कराई गई। जिसके लिए दोनों क्षेत्र के संयुक्त आयुक्त ने भर्ती कमेटी बनाई। देहरादून संभाग के 26 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया 23 सितंबर, जबकि हरिद्वार संभाग के 19 पदों के लिए 12 सितंबर को भर्ती कराई गई। इस भर्ती के सापेक्ष तमाम अभ्यर्थियों ने ज्वाइनिंग भी दे दी थी। फिर अचानक ऐसा कुछ हुआ कि आयुक्त राज्य कर डॉ अहमद इकबाल ने भर्ती को स्थगित कर दिया। भर्ती स्थगित किए जाने के आदेश में इसका कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। फिर भी यह बात सामने आ रही है कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत आयुक्त को मिली थी। फिलहाल, भर्ती स्थगित करने के बाद अनुसेवक पद पर चयनित अभ्यर्थियों को आउटसोर्सिंग एजेंसी को वापस कर दिया गया है। जिसका मतलब यह हुआ कि जिन्हें हाल में रोजगार मिला था, वह अब अनिश्चितता के भंवर में हैं।
क्षेत्र विशेष के अभ्यर्थियों को अधिक नियुक्ति देने का आरोप
इस भर्ती प्रक्रिया में एक बात यह भी सामने आ रही है कि एक क्षेत्र विशेष के व्यक्तियों को अधिक संख्या में नियुक्ति दे दी गई। इसका विरोध भी होने लगा और कुछ शिकायत भी पाई गई। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसके बाद आयुक्त राज्य कर ने भर्ती को स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में भर्ती स्थगित किए जाने के अलावा किसी अन्य तरह की कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि भर्ती कब होगी और क्या पूर्व में चयनित अभ्यर्थियों को दोबार अवसर मिलेगा या प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा।