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सिलक्यारा हादसा: ऑगर मशीन से ट्रेंचलेस ड्रिलिंग के प्रयास, अंदर फंसे श्रमिकों को जल्द बाहर आने की आस

पेयजल निगम की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे संसाधन, दिल्ली से आएंगे विशेषज्ञ, आज सुबह शुरू हो सकती है ड्रिलिंग

देहरादून: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में मलबे के कारण बंद हुई सुरंग को खोलने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं। पेयजल निगम की ओर से ऑगर मशीन से ट्रेंचलेस ड्रिलिंग के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। साथ ही हर प्रकार से संसाधन और मैनपावर उपलब्ध कराई जा रही है। दिल्ली से टनल ड्रिलिंग के विशेषज्ञ भी बुला दिए गए हैं। ऑगर मशीन से 800 मिमी व्यास के स्टील पाइप से करीब 60 मीटर तक ड्रिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें छह-छह मीटर लंबाई के 11 पाइप प्रयोग में लाए जा रहे हैं। भीतर फंसे 40 श्रमिकों को बुधवार दोपहर तक बाहर निकलने की उम्मीद है।
 पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक एससी पंत ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों के साथ घटना स्थल का मुआयना किया और वस्तुस्थिति का जायजा लेने के साथ ही ड्रिलिंग की संभावना तलाशींं। भौतिक निरीक्षण के बाद देहरादून व गाजियाबाद से ऑगर ड्रिलिंग मशीन के पार्ट्स उत्तरकाशी के सिल्क्यारा पहुंचा दिए गए। यह मशीन होरिजोंटल ड्रिलिंग के लिए प्रयोग में लाई जा रही है। सुरंग खाेलने के लिए किए जा रहे प्रयासाें में औगर मशीन खासी कारगर साबित हो सकती है। इसमें 800 मिमी के 11 पाइप से करीब 60 मीटर तक ड्रिल किया जाएगा। दिल्ली से पेयजल निगम के साथ अनुबंधित टनल और सीवर लाइन ड्रिलिंग विशेषज्ञ को बुला लिया गया है।
पेयजल निगम की ओर से दून में भंडारी बाग क्षेत्र में चल रहे सीवर लाइन के कार्य में लगी औगर मशीन को रेस्क्यू के लिए भेजा गया। इसके अलावा पेयजल निगम के महाप्रबंधक गढ़वाल दीपक मलिक भी मौके पर डटे हुए हैं और हर संभव सहयोग प्रदान कर रहे हैं। वे खुद भी टनलिंग व ड्रिलिंग कार्य के विशेषज्ञ हैं। निगम के प्रबंध निदेशक एससी पंत भी लगातार फोन के माध्यम से रेस्क्यू आपरेशन का नियमित अपडेट ले रहे हैं। साथ ही मानव संसाधन से लेकर तकनीकी उपकरण तत्काल मुहैया कराने के लिए अधीनस्थों को भी निर्देशित किया है।

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