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सिलक्यारा में बड़ी सफलता: वर्टिकल ड्रिलिंग को मिला स्थान, सुरंग में कैद श्रमिकों के लिए खाना भेजने का रास्ता भी खुला

एसजेवीएन सुबह शुरू करेगा वर्टिकल ड्रिलिंग, गुजरात से मंगाई बड़ी मशीन

Dehradun: उत्तरकाशी में चारधाम राजमार्ग परियोजना की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान में नवें दिन बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। श्रमिकों के लिए खाने-पीने का सामान पहुंचाने के लिए डाला जा रहा छह इंच का लाइफ लाइन पाइप आर-पार हो गया है। 57 मीटर की दूरी पर सुरंग आरपार हुई। अभी तक यह कार्य पानी की लाइन के माध्यम से किया जा रहा था। इसके साथ ही श्रमिकों को नवें दिन भोजन के रूप में खिचड़ी भी नसीब हो सकी।

इससे उनके लिए जीवन की नई उम्मीद भी जगी है। वहीं, वर्टिकल (लंबवत) ड्रिलिंग के विकल्प की दिशा में भी पहली सफलता मिल गई है। राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे विशेषज्ञ दल ने ड्रिलिंग के लिए सुरंग की पहाड़ी के ऊपर दो वर्टिकल सुरंग बनाने के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन कर लिया है। एक सुरंग श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए तैयार की जाएगी, जबकि दूसरी सुरंग लाइफ लाइन के रूप में खाद्य पदार्थ (फाइबर युक्त मुख्य भोजन) व अन्य सामग्री पहुंचाने का काम करेगी। श्रमिकों को निकालने के लिए मुख्य वर्टिकल सुरंग तैयार करने का जिम्मा सतलुज जलविद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड को दिया गया है और लाइफ लाइन सुरंग को तैयार करने का काम रेलवे विकास निर्माण निगम ली (आरवीएनएल) करेगी।

दोनों ही निर्माण एजेंसी ने सोमवार सुबह ही गहन सर्वेक्षण कर ड्रिलिंग के लिए उपयुक्त स्थान चिह्नित कर लिए। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए बड़ी राहत की बात यह भी है कि इस काम में अंतररार्ष्ट्रीय ड्रिलिंग एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स का सहयोग भी मिल रहा है। वह भी ड्रिलिंग के स्थान चिह्नित करने के सर्वे दल के साथ शामिल रहे।

श्रमिकों को निकालने के लिए मुख्य सुरंग बनाने के स्थल को चिह्नित करते एसजेवीएन लिमिटेड के महाप्रबंधक जसवंत कपूर।

पहाड़ी पर सर्वेक्षण टीम के साथ पहुंचे एसजेवीएन के महाप्रबंधक जसवंत कपूर ने विभिन्न स्थानों पर जांच-पड़ताल के बाद सुरंग के चैनेज 320 पर गदेरे के दाएं किनारे को उपयुक्त पाया। यहां पर 1.2 मीटर के डायामीटर की ड्रिलिंग की जाएगी और लंबवत सुरंग 84 मीटर पर आरपार हो जाएगी। महाप्रबंधक जसवंत कपूर के मुताबिक इस स्थल की क्षमता की ड्रिलिंग के लिए उपयुक्त है। वहीं, लाइफ लाइन लंबवत सुरंग के लिए आरवीएनएल के वरिष्ठ भूगर्भविज्ञानि व पूर्व अपर महाप्रबंधक विजय डंगवाल ने चैनेज 300 के स्थल से ड्रिलिंग किए जाने को उपयुक्त पाया। उन्होंने बताया कि इस हिस्से से लंबवत सुरंग करीब 80 से 82 मीटर पार आरपार हो जाएगी। इन दोनों स्थल का परीक्षण अंतररार्ष्ट्रीय ड्रिलिंग एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स से भी कराया गया और उन्होंने भी अपनी सहमति दे दी है।

ड्रिलिंग के लिए मशीनें पहुंचाने को सड़क तैयार।

ड्रिलिंग के लिए मशीनें पहुंचाने को सड़क तैयार
सिलक्यारा सुरंग के ऊपर पहाड़ी से लंबवत ड्रिलिंग के लिए ड्रिलिंग मशीनों को पहुंचाने के लिए सड़क निर्माण का कार्य भी साथ-साथ तेजी से दिन-रात गतिमान है। ड्रिलिंग स्थलों तक करीब 1200 मीटर की सड़क प्रस्तावित थी। सोमवार रात तक सड़क निर्माण का कार्य भी पूरा लिया गया।

नोडल अधिकारी डा खैरवाल ने ली बैठक
सिलक्यारा की सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की आठ से अधिक एजेंसियां युद्ध स्तर पर जुटी हैं। सभी एजेंसियों के साथ बेहतर तालमाल बनाने के लिए राज्य सरकार ने आइएएस अधिकारी डा नीरज खैरवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। डा खैरवाल ने नियुक्ति के तत्काल बाद सिलक्यारा पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। इसके साथ ही निर्माणदाई संस्था एनएचआइडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला और रेस्क्यू में जुटे विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की।

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