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जीते जी नहीं मिला पनाष हाइट्स में फ्लैट, वारिस भी भटक रहे

वर्ष 2014 में अनिल कुमार पांडे ने बुक कराया था फ्लैट, वर्ष 2021 में हो चुकी मृत्यु

Amit Bhatt, Dehradun: पनाष हाइट्स परियोजना में खून-पसीने की कमाई लगाकर एक अदद फ्लैट का ख्वाब देखने वाले अनिल कुमार पांडे इसी आस में चल बसे। फ्लैट के लिए 46.96 लाख रुपये अदा करने के बाद भी जीते जी उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया और अब उनकी पत्नी और तीन बच्चे (एक पुत्र और दो पुत्री) भी दर-दर भटकने को मजबूर हैं। वर्ष 2014 में 46.96 लाख रुपये की लागत से फ्लैट बुक कराने वाले कुल्हान सहस्रधारा रोड निवासी अनिल कुमार पांडे अगस्त 2021 में चल बसे, जबकि उन्हें मार्च 2018 तक कब्जा दिया जाना था। हालांकि, रेरा ने बिल्डर को फ्लैट के लिए जमा कराई गई धनराशि 46.96 लाख रुपये पर 28.69 लाख रुपये ब्याज के रूप में अदा करने के आदेश दिए हैं।

पनास हाइट्स में फ्लैट पर कब्जा न दिए जाने की शिकायत पर रेरा का आदेश।

उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) के सदस्य नरेश सी मठपाल ने प्रकरण की सुनवाई में पाया कि फ्लैट की अंतिम किश्त 16 अगस्त 2017 को अदा की जा चुकी थी। अनुबंध के मुताबिक फ्लैट पर मार्च 2018 तक कब्जा दे दिया जाना चाहिए था। परिवार के मुखिया की मृत्यु के बाद भी जब फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया गया तो उत्तराधिकारियों ने मूल धनराशि पर ब्याज की अदायगी और फ्लैट पर अविलंब कब्जा दिलाने की शिकायत दर्ज कराई। रेरा ने बिल्डर को कई बार जवाब दाखिल करने का अवसर दिया, लेकिन उनकी तरफ से न तो कोई प्रतिनिधि उपस्थित हुआ और न ही किसी तरह का जवाब ही दाखिल किया गया।

लिहाजा, रेरा सदस्य नरेश सी मठपाल ने अभलेखों के परीक्षण में पाया कि बिल्डर तय समय के भीतर फ्लैट पर कब्जा देने में नाकाम रहे हैं। लिहाजा, आदेश जारी किया गया कि जमा कराई गई धनराशि 46.96 लाख रुपये पर तीन वर्ष से अधिक की अवधि पर 10.75 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा किया जाए। इस तरह मूल धनराशि पर   28.69 लाख रुपये का ब्याज 45 दिन के भीतर अदा किया जाएगा। साथ ही फ्लैट पर अधिकतम छह माह के भीतर कब्जा दिया जाएगा। इस अवधि तक प्रतिदिन 1383 की दर से मासिक आधार पर विलंबित ब्याज का भुगतान भी किया जाएगा।

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