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Uttarakhand: कंप्यूटर इंजीनियर बना शातिर नशा तस्कर, हेलीकाॅप्टर से कर रहा था स्मैक सप्लाई
देहरादून से स्मैक चमोली लेजाकर बेच रहा था युवक, गौचर में पुलिस ने दबोचा
Amit Bhatt, Dehradun: पढ़े-लिखे नौजवान भी अपराध की दुनिया में कारनामे कर रहे हैं। मास्टर ऑफ कंप्यूटर साइंस (एमसीए) की पढ़ाई के बाद कहीं मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने की बजाय इस शातिर युवक को नशे की तस्करी में ज्यादा मुनाफा नजर आया। मोटी कमाई के चक्कर में पढ़ा-लिखा यह युवक नशा तस्कर बन गया। यही नहीं शातिर युवक हेलीकाॅप्टर स्मैक की तस्करी कर रहा था। देहरादून के सप्लायर से कम दाम में स्मैक खरीदकर आरोपी चमोली में बेच रहा था। हेलीकॉप्टर से उतरने पर गौचर में पुलिस ने उसे दबोच लिया। युवक पहले सड़क के जरिये ही स्मैक व चरस पहाड़ों में पहुंचा रहा था, लेकिन एक बार पकड़ा गया तो उसने हवाई मार्ग से अपना काला कारोबार शुरू कर दिया।
पुलिस अधीक्षक रेखा यादव के मुताबिक, पुलिस को पता चला कि एक युवक हेलीकाप्टर के जरिये जिले में नशा पहुंचा रहा है, जो सोमवार को स्मैक की खेप के साथ गौचर आने वाला है। इस पर पुलिस की एक टीम गौचर हेलीपैड पर तैनात कर दी गई। हेलीकाप्टर की लैंडिंग के बाद टीम ने उससे उतरे यात्रियों की तलाशी ली तो आलोक थपलियाल निवासी वार्ड नंबर सात, गौचर के पास 7.05 ग्राम स्मैक मिली। आरोपित को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित ने पुलिस को बताया कि उसने देहरादून के एक शिक्षण संस्थान से एमसीए पास किया है और कई वर्ष से नशा तस्करी कर रहा है। वह देहरादून से स्मैक लाकर गौचर में रेलवे कंपनी सहित अन्य जगहों पर युवाओं को मुंह मांगे दाम पर उसकी बिक्री करता था।
पूर्व में आरोपित देहरादून से चमोली तक सड़क मार्ग से नशा ले जाता था। इस दौरान वर्ष 2022 में पुलिस ने उसे पकड़ लिया, जिसके बाद उस पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और काफी दिन तक उसे जेल में रहना पड़ा। जेल से जमानत पर छूटने के बाद आरोपित ने फिर से नशा तस्करी शुरू कर दी, लेकिन इस बार उसने पुलिस से बचने के लिए सड़क मार्ग के बजाय हेलीकाप्टर से सफर करना शुरू किया। देहरादून से गौचर तक का एक तरफ का हेली सेवा का किराया लगभग चार हजार रुपये है। आरोपित से खरीदार व गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है।