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होटल हयात तक सड़क बनाने को निजी भूमि पर कर डाला सरकारी एमओयू
नगर निगम के तत्कालीन अधिशासी अभियंता और ग्रामीण निर्माण विभाग के वर्तमान अधीक्षण अभियंता अनुपम भटनागर की कार्यप्रणाली पर सवाल

Amit Bhatt, Dehradun: सितारा होटल ‘हयात’ तक सड़क निर्माण में नगर निगम देहरादून ने ऐसी तेजी दिखाई की बिना स्वामित्व वाली भूमि पर भी एमओयू (समझौता ज्ञापन) गठित कर दिया गया। यह एमओयू नगर निगम के तत्कालीन अधिशासी अभियंता अनुपम भटनागर ने लोनिवि प्रांतीय खंड के साथ गठित किया। आरटीआइ की अपील के रूप में सूचना आयोग पहुंचे इस मामले में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। साथ ही इसे उच्च स्तरीय जांच का विषय बताया है। क्योंकि, सड़क निर्माण के इस अजब-गजब प्रकरण की मूल पत्रावली भी गायब है।



भटनागर ने एमओयू पर हस्ताक्षर को बताया था फर्जी
सूचना आयोग में की गई पूर्व की सुनवाई में नगर निगम के तत्कालीन अधिशासी अभियंता अनुपम भटनागर ने एमओयू पर खुद के हस्ताक्षर को फर्जी बताया था। हालांकि, इसी सुनवाई में इस बात की पोल खुल गई। वर्तमान अधिशासी अभियंता नगर निगम जेपी रातूड़ी और अन्य अधिकारियों ने अभिलेखों के आधार पर कहा कि एमओयू पर अनुपम भटनागर के हस्ताक्षर हैं। साथ ही नगर निगम ने फिर से यह स्वीकार किया कि भूमि का स्वामित्व नगर निगम का नहीं है।
आयोग ने कहा, एमओयू से पूर्व परीक्षण नहीं, यह गहन जांच का विषय
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने सुनवाई में पाया कि तत्कालीन अधिशासी अभियंता भटनागर ने एमओयू से पूर्व शर्तों का परीक्षण नहीं किया। जिस आधार पर बिना स्वामित्व वाली भूमि पर सड़क निर्माण के लिए लोनिवि के साथ एमओयू कर लिया गया। सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि एमओयू के आधार पर ही शासन ने भी सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की। कहीं न कहीं उच्च अधिकारियों को भी अंधेरे में रखा गया।
एमओयू के 02 साल बाद पत्र भेजकर जमीन के स्वामित्व पर कैसा सवाल
वैसे तो एमओयू गठन को लेकर कोई स्पष्ट तिथि सामने नहीं आई। लेकिन, तत्कालीन अधिशासी अभियंता अनुपम भटनागर के हस्ताक्षर अगस्त 2020 के हैं और इसे ही एमओयू की तिथि माना गया है। इसके करीब दो वर्ष बाद अनुपम भटनागर ने दिसंबर 2022 में लोनिवि को पत्र जारी कर भूमि का स्वामित्व स्पष्ट कराने को कहा गया। साथ ही चेतावनी भी दी गई कि ऐसा न करने पर एमओयू निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि, इस पत्र के विपरीत एमओयू निरस्त भी नहीं किया गया।
आयोग ने अनुपम भटनागर को दिया अंतिम अवसर
अपने अंतरिम आदेश में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने नगर निगम के तत्कालीन अधिशासी अभियंता अनुपम भटनागर को अंतिम अवसर प्रदान किया है। क्योंकि, वह आयोग में उपस्थित होने से बच रहे हैं। आयुक्त योगेश भट्ट के आदेश के मुताबिक अंतिम निर्णय से पहले वह अनुपम भटनागर को एक अवसर और दे रहे हैं। यदि इसके बाद भी वह उपस्थित नहीं हुए तो उन पर कार्रवाई की संस्तुति कर दी जाएगी। प्रकरण में अगली सुनवाई अब 02 फरवरी को नियत की गई है।