Amit Bhatt, Dehradun: चर्चित विनय क्षेत्री हत्याकांड में दून की नेहरू कालोनी पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। जिस गोली से प्रॉपर्टी डीलर विनय क्षेत्री की हत्या की गई और वारदात में जिस मोबाइल का प्रयोग किया गया, उसे पुलिस की नाक के नीचे उसके ही मालखाने से गायब कर दिया गया है। इस बात का पता तब चला, जब कोर्ट ने साक्ष्य के रूप में गोली और मोबाइल फोन को प्रस्तुत करने को कहा। पहले तो पुलिस ना-नुकुर करती रही, लेकिन जब कोर्ट ने अंतिम अवसर प्रदान किया तो पुलिस को स्वीकार करना पड़ा कि गोली और मोबाइल मालखाने से गायब हैं। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
मोथरोवाला निवासी प्रॉपर्टी डीलर विनय क्षेत्रों की 27 जनवरी 2008 की रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की रिपोर्ट विनय की पत्नी रुचि क्षेत्री ने 28 जनवरी 2008 को दर्ज कराई थी। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने कुख्यात यतेंद्र चौधरी, हरीश कुमार, सुमित कुमार, रामवीर सिंह, बिट्टू रोहताश को आरोपी बनाया था। साथ ही सुमित कुमार निवासी जड़ोदा मुज्जफरनगर समेत हरीश कुमार व रामवीर को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि यतेंद्र चौधरी वर्ष 2013 में गिरफ्त में आ सका। पुलिस ने प्रकरण में गोली (जिससे विनय की हत्या की गई) और वारदात में प्रयुक्त मोबाइल फोन को कब्जे में ले लिया था। साक्ष्य में रूप में इन्हें मालखने में सीलबंद किया गया था।
अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम में विचाराधीन है केस
विनय क्षेत्री की हत्या का केस देहरादून की अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम की कोर्ट में लंबित है। लंबे समय से पुलिस कोर्ट के समक्ष हत्या में प्रयुक्त मोबाइल व गोली को प्रस्तुत नहीं कर पा रही थी। कोर्ट ने पुलिस को इन साक्ष्यों को प्रस्तुत करने के लिए 20 जनवरी 2024 तक का समय दिया है। अब सिर्फ एक दिन का समय शेष है तो पुलिस ने इन्हें मालखाने से गायब बताते हुए अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। थानाध्यक्ष मोहन सिंह के मुताबिक मालखाने से साक्ष्य गायब किए जाने के मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पत्नी रुचि ने कराई थी हत्या, जेल में रची गई साजिश
विनय क्षेत्री की हत्या के कुछ समय बाद ही पुलिस को यह पता चल गया था कि विनय क्षेत्री की हत्या उसकी पत्नी रुचि क्षेत्री ने ही करवाई थी। विनय क्षेत्री की पत्नी रुचि क्षेत्री पर अपने ससुर समेत परिवार के तीन लोगों की हत्या का आरोप भी था। रुचि क्षेत्री इस हत्याकांड के आरोप में वर्ष 2006 में जेल गई थी। वहां पर उसकी मुलाकात कुख्यात यतेंद्र चौधरी से हुई। वहीं पर उसने अपने पति विनय क्षेत्री की हत्या की साजिश की थी। विनय क्षेत्री हत्याकांड में यतेेंद्र चौधरी को भी पुलिस पांच साल बाद वर्ष 2013 में गिरफ्तार कर पाई थी। हालंकि, हत्या की मुख्य शाजिशकर्ता रुचि क्षेत्री की मौत वर्ष 2016 में बीमारी के चलते होनी बताई गई है।