आढ़त बाजार की शिफ्टिंग को 02 कॉन्ट्रेक्टर का चयन, काम इसी माह शुरू
महालक्ष्मी को नए स्थल पर आढ़त बाजार के विकास का जिम्मा, कॉन्ट्रेक्टर शिव कुमार अग्रवाल को मल्टीलेवल पार्किंग की जिम्मेदारी
Amit Bhatt, Dehradun: करीब डेढ़ दशक से अधिक के लंबे इतंजार के बाद वह घड़ी भी आ ही गई, जब देहरादून के सबसे बड़े बॉटलनेक आढ़त बाजार को शिफ्ट करने के लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। आढ़त बाजार को पटेलनगर कोतवाली के पास शिफ्ट किया जाना है। नए स्थल पर आढ़त बाजार के विकास के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से दो कॉन्ट्रेक्टर का चयन कर लिया गया है। नए आढ़त बाजार के विकास की जिम्मेदारी महालक्ष्मी कॉन्ट्रेक्टर, जबकि इसी स्थल पर 400 से अधिक वाहनों की चार मंजिला मल्टीलेवल कार पार्किंग का काम कॉन्ट्रेक्टर शिव कुमार अग्रवाल को दिया गया है। यह परियोजना करीब 145 करोड़ रुपये की है।
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के मुताबिक टेंडर जारी किए जाने के बाद अब चयनित ठेकेदारों के साथ अनुबंध गठित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। ताकि धरातल पर निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराए जा सकें। एमडीडीए उपाध्यक्ष तिवारी ने बताया कि आढ़त बाजार को नए स्थल पर शिफ्ट करने के साथ ही सहारनपुर चौक से लेकर तहसील चौक तक सड़क के 1.55 किलोमीटर भाग को 24 मीटर तक चौड़ा किया जाना है। ताकि जाम की समस्या को दूर किया जा सके। आढ़त बाजार की शिफ्टिंग के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर प्रतिष्ठानों का सर्वे कराया गया था। योजना के तहत आढ़त बाजार शिफ्टिंग में 55 भवन आढ़तियों से संबंधित, जबकि 301 भवन सड़क चौड़ीकरण में आंशिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
एमडीडीए की 106वीं बोर्ड बैठक में आढ़त बाजार शिफ्टिंग के लिए 145 करोड़ रुपये (90 करोड़ भूमि अधिग्रहण व 55 करोड़ रुपये आढ़त बाजार के विकास को) का बजट भी पास कर दिया गया था। इस कवायद के साथ ही नए स्थल पर आढ़त बाजार का लेआउट तैयार कराने का काम शुरू करा दिया गया था। अब टेंडर आमंत्रित कर दिए जाने के बाद निर्माण की दिशा में भी कदम बढ़ा दिए गए थे। अब अनुबंध गठित किए जाने के साथ ही इसी माह निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।
शासन की ओर से हस्तांतरित 7.7 हेक्टेयर भूमि पर होगा काम
नए आढ़त बाजार के विकास के लिए पटेलनगर कोतवाली के पीछे की चयनित भूमि को आवास विभाग को राज्य कैबिनेट ने जुलाई 2023 में निःशुल्क आवास विभाग को हस्तांतरित कर चुका है। इसके साथ ही भू-उपयोग परिवर्तन में लगने वाले शुल्क समेत सड़क चौड़ीकरण के लिए लोनिवि के पक्ष में रजिस्ट्री के स्टांप शुल्क को भी माफ किया जा चुका है। सरकार की ओर से दी गई यह छूट करीब 260 करोड़ रुपये की है।
सीएम धामी का है ड्रीम प्रोजेक्ट, ऐसे राह की गई आसान
-भूमि हस्तांतरण, सर्किल रेट के मुताबिक 222.79 करोड़ रुपये की 7.7493 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित
-भूमि का उपयोग आवासीय व कुछ कृषि है, इसे कमर्शियल करने को 33.41 करोड़ रुपये का शुल्क माफ किया गया
-सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक सड़क चौड़ीकरण के लिए शिफ्ट होने वाले कारोबारी व अन्य व्यापारी लोनिवि के पक्ष में रजिस्ट्री करेंगे। इसकी रजिस्ट्री में लगने वाले 3.31 करोड़ रुपये के स्टांप शुल्क को भी कैबिनेट ने माफ कर दिया है।
नए आढ़त बाजार में चार आकार के प्लाट तैयार होंगे
नए आढ़त बाजार स्थल में 60, 120, 180 व 240 वर्गमीटर के प्लाट तैयार किए जाएंगे। इसी के मुताबिक मुआवजे की गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि किसी कारोबारी का आढ़त बाजार में 120 वर्गमीटर की जगह थी और वह नए स्थल पर 60 वर्गमीटर की जगह चाह रहा है तो उसे शेष आकार के हिसाब से मुआवजा देने का प्रविधान किया गया है। इसी तरह आकार में कमी व अधिकता के हिसाब से गणना की गई। शहर के अन्य क्षेत्रों के आढ़ती भी नए बाजार में स्थल आवंटित करा सकते हैं। इसके लिए शिफ्टिंग के साथ प्लाट खरीद दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।
स्वामित्व या किरायेदारी की कट ऑफ डेट नौ मार्च
प्रभावित भवनों में दीर्घकालीन किरायेदारों को नए स्थल पर भी किरायेदारी का अधिकार मिलेगा। हालांकि, किसी भी भवन के स्वामित्व , किरायेदारी व लीज के लिए कट ऑफ डेट नौ मार्च 2023 तक की गई।
परियोजना के प्रमुख बिंदु
-आढ़त बाजार में 55 भवन प्रभावित हो रहे हैं।
-301 भवन आढ़त बाजार से इतर चौड़ीकरण परियोजना में आंशिक रूप से प्रभावित होंगे।
18 से 24 मीटर होगी सड़क की चौड़ाई, यातायात होगा सुगम
चौड़ीकरण में शामिल सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच की 1.55 किलोमीटर सड़क की अभी औसत चौड़ाई 18 मीटर है। आढ़त बाजर क्षेत्र में यह चौड़ाई और भी कम है। इससे पूरे क्षेत्र में जाम की स्थिति बनी रहती है। एंबुलेंस तक को निकालने का रास्ता नहीं मिल पाता। अब प्रस्ताव के मुताबिक चौड़ाई 24 मीटर हो जाने के बाद जाम की समस्या काफी हद तक दूर की जा सकेगी।