HealthUttarakhand

महिला ने समय से पूर्व 03 शिशुओं को दिया जन्म, शरीर था कमजोर और फिर चिकित्सकों का चमत्कार

श्रीनगर के बेस चिकित्सालय के डॉक्टरों ने 10 दिन के इलाज और देखभाल के बाद शिशुओं को दिया नया जीवन

Amit Bhatt, Dehradun: एक महिला ने समय से पूर्व 03 बच्चों (02 पुत्र और 01 पुत्री) को जन्म दिया तो उनके पैदा होने के साथ ही जीवन का संकट भी खड़ा हो गया था। वजह यह थी कि नवजात शिशुओं का वजन बेहड़ी कम था। ऐसे विकट समय पर श्रीनगर बेस अस्पताल के गायनी विभाग के चिकित्सकों ने अपनी असल भूमिका को सार्थक किया और 10 दिन के इलाज और देखभाल के बाद शिशुओं को नया जीवन दिया।

नंदानगर घाट क्षेत्र के भैटी गांव की निवासी 28 वर्षीय नेहा पत्नी कमल सिंह ने विगत 09 मार्च को बेस चिकित्सालय श्रीनगर के गायनी विभाग में भर्ती होने के बाद 03 बच्चों को जन्म दिया। गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया था। गर्भ में तीन शिशु होने पर डॉ. बोरा ने पहले ही परिजनों को अस्पताल के नजदीक रहने की सलाह दे दी थी। जिस पर अमल करते हुए नेहा के पति कमल सिंह ने श्रीकोट में ही छह माह पहले कमरा किराए पर ले लिया था।

प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने नेहा को बेस चिकित्सालय में भर्ती कराया था। जहां नेहा ने एक साथ तीन शिशुओं को जन्म दिया। शिशु जन्म से ही काफी कमजोर थे। विकट स्थिति को देखते हुए बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. अशोक शर्मा, एसो. प्रोफेसर डॉ. तृप्ति श्रीवास्वत, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकिता गिरी, मोनिका जसल, डॉ. मिनाक्षी ने बच्चों का आवश्यक उपचार शुरू किया। डॉ. अंकिता गिरी ने बताया कि समय से पहले जन्मे शिशुओं को निक्कू वार्ड में भर्ती कर कंप्लीट ट्रीटमेंट दिया गया।

इस दौरान कंगारू मदर केयर देने से लेकर तमाम सलाह, ट्रेनिंग मां व परिजनों को दी गई। अब शिशु मां का दूध पी रहे हैं। सभी जांचे सामान्य होने तथा बच्चे स्वस्थ्य होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। टीम में डॉ अर्चिता, डॉ प्रीती, डॉ संजना, डॉ उर्वशी, डॉ ज्ञान प्रकाश डॉ रविंद्र आदि शामिल रहे।

बेहतर इलाज देने पर डॉक्टरों का जताया आभार
नेहा के तीन शिशुओं को बेहतर इलाज देने पर महिला के पति कमल सिंह, बुआ बुदली देवी, सास बीना देवी, आशा कार्यकत्री सतेश्वरी कंडारी ने गायनी एवं बाल रोग विभाग के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया। कहा कि तीन शिशु होने पर डॉक्टरों ने जिस प्रकार से बेहतर ढंग से बच्चों व मां को बेहतर इलाज दिया गया, उससे उन्हें दुगनी खुशी मिली है। परिजनों ने इलाज के लिए बेहतर सुविधा दिलाने पर डॉक्टरों के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धमी के साथ शासन-प्रशासन का आभार प्रकट किया।

दो बेटों का नाम अक्षांश, अंयाश और बेटी का नाम रखा अंशिका
नेहा के पति कमल ने बताया कि 10 दिन भर्ती होने के बाद अस्पताल में ही बच्चों का नाम रख दिया गया। कहा कि एक बेटे का नाम अक्षांश, दूसरे बेटे का नाम अंयाश तथा उनकी बहन का नाम अंशिका रखा गया है। उन्होंने कहा कि वह मस्कट ओमान में होटल में कार्यरत थे, किंतु पिछले छह माह से पत्नी एवं बच्चों की देखभाल के लिए घर पर ही रहे।

‘बेस अस्पताल में नंदानगर घाट क्षेत्र की एक महिला ने तीन शिशुओं को जन्म दिया था, अस्पताल के गायनी विभाग, बाल रोग विभाग, एनेस्थिसिया विभाग के डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ ने महिला एवं उसके तीन शिशुओं को बेहतर उपचार व सुविधा देकर बेहतर कार्य किया है। महिला एवं उसके परिजनों द्वारा भी इलाज में बेहतर रिस्पांस दिया गया, जिसके लिए सभी इलाज मे सहयोगी चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ के साथ साथ सपोर्टिंग स्टाफ को बहुत बहुत बधाई।
डॉ अजेय विक्रम सिंह चिकित्सा अधीक्षक बेस चिकित्सालय।’

‘प्रेग्नेंसी होना, फिर ट्रिपलैट होना, उसके बाद तीनो सुरक्षित सिजेरियन कर निकालना, तत्पश्चात तीनों नवजात शिशुओं को सामान्य वजन के साथ सुरक्षित डिस्चार्ज करना, यही तो चिकित्सक व उनकी टीम की ईश्वरीय सेवा व सौगात है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के इन चिकित्सको व उनकी पूरी टीम की इस सेवा पर मुझे गर्व है। कमल सिंह एवं परिवार को बहुत बहुत बधाई व तीनो नवजात शिशु को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज परिवार की ओर से आशीर्वाद है।
डॉ. सीएमएस रावत, प्राचार्य श्रीनगर मेडिकल कॉलेज श्रीनगर।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button