वीडियो: अति संवेदनशील डीआरडीओ परिसर में हंगामा, हुक्के के साथ इंजीनियर और झगड़े का वीडियो सामने
डीआरडीओ के डील परिसर में एमईएस इंजीनियर, ठेकेदार और श्रमिकों में लेनदेन को लेकर लेकर बिगड़ी बात
Amit Bhatt, Dehradun: रक्षा मंत्रालय के डीआरडीओ के अंतर्गत अति संवेदनशील डील परिसर में हंगामे और हुक्के के साथ इंजीनियर का वीडियो सामने आया है। यह वीडियो परिसर के सामने बने बागीचे में रह रहे मजदूरों ने बनाया है। जिसमें एक वीडियो में दिख रहा है कि एक व्यक्ति इस संवेदनशील स्थल पर हुक्का पकड़े हुए बैठे हैं। इन पर आरोप है कि यह अक्सर यहां पर हुक्का पीते हैं। इन्हें एमईएस (मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस) का इंजीनियर बताया जा रहा है। वहीं, दूसरे वीडियो में श्रमिक और एमईएस के ठेकदार के बीच झगड़ा हो रहा है।
अति संवेदनशील डील परिसर में हंगामे का यह वीडियो सामने न आता, यदि कुछ मजदूरों और ठेकेदार के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद न उपजा होता। मजदूरों की ओर से रायपुर पुलिस को बताई गई आपबीती के मुताबिक डील (डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स एप्लिकेशंस लैबोरेटरी) परिसर में पिछले दो-ढाई साल से वाच टावर बनाने का कार्य गतिमान था। यह कार्य एमईएस के माध्यम से ओम ट्रेडर्स को दिया गया था। ठेकेदार ओम ट्रेडर्स ने जिन मजदूरों को काम पर रखा था, वह डील परिसर में ही बाग में झुग्गी बनाकर रह रहे थे।
अब काम पूरा हो चुका था तो डील प्रशासन ने मजदूरों को परिसर छोड़ने के आदेश जारी किए। दिन बढ़ते गए और मजदूरों ने परिसर नहीं छोड़ा। फिर अचानक ठेकेदार और मजदूरों के बीच विवाद की नौबत खड़ी हो गई। बताया जा रहा है कि ठेकदार ने मजदूरों को अभी करीब ढाई लाख रुपये का भुगतान करना है। मजदूर भुगतान लिए बिना झुग्गी छोड़ने को तैयार नहीं हुए। इसी तनातनी के बीच किसी मजदूर ने ठेकदार के परिसर में बनाए गए अस्थाई कार्यालय का वीडियो बना लिया। जिसमें इंजीनियर बताए जा रहे एक व्यक्ति हुक्का पकड़े बैठे हैं और बगल में कुर्सी में ठेकदार को बैठा बताया जा रहा है।
वीडियो पूरा बना भी नहीं था कि तभी मजदूर के मोबाइल छीनने के प्रयास में वीडियो बंद हो जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य वीडियो में ठेकदार और मजदूरों के बीच तीखी नोकझोंक नजर आती है। जिसमें महिला मजदूर समेत अन्य ठेकेदार पर तमाम आरोप जड़ते नजर आ रहे हैं। वह ठेकेदार पर बिजली-पानी काटने का भी आरोप लगाते हैं। इसके बाद मजदूर सोमवार शाम को रायपुर थाने पहुंचते हैं और ठेकेदार की शिकायत दर्ज कराते हैं।
मजदूरों के इंचार्ज पप्पू ने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ठेकेदार ने फिलहाल 50 हजार रुपये का भुगतान कर दिया है। बाकी राशि होली के बाद वसूल की जाएगी। इसके साथ ही डील परिसर से झुग्गी भी हटा दी गई है। कुछ बकाया राशि का इंतजाम हो जाने के बाद श्रमिकों के इंचार्ज पप्पू ने उन्हें पैसे देकर होली के लिए वापस बिहार भिजवा दिया है। इस प्रकरण में डील निदेशक एलएस मंगल से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।