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देशभर में ठगी करने वाले प्रेमनगर में सक्रिय, खातों में 03 माह में 1.5 करोड़ का ट्रांजेक्शन

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का उत्तराखंड एसटीएफ ने किया भंडाफोड़, 02 आरोपी किए गए गिरफ्तार

Amit Bhatt, Dehradun: प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर देशभर में ठगी करने वाला गिरोह देहरादून के प्रेमनगर में सक्रिय पाया गया। गृह मंत्रालय के 14सी के विभिन्न पोर्टलों पर इस ठगी का विवरण खंगालने पर एसटीएफ को ठगी से संबंधित मोबाइल नंबर प्रेमनगर क्षेत्र में सक्रिय मिले। जांच-पड़ताल करते हुए एसटीएफ उत्तराखंड को कुछ ऐसे बैंक खातों की जानकारी भी मिली, जिनमें देशभर से रकम जमा कराई जा रही थी। बीते 03 माह में भी इन खातों में 1.5 करोड़ रुपये जमा कराए गए और निकाले भी गए। एसटीएफ उत्तराखंड की टीम ने देशभर में ठगी करने वाले इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश निवासी राहुल चौधरी व बदायूं निवासी सिद्धांत चौहान को गिरफ्तार किया।

पत्रकारों से रूबरू एसटीएफ उत्तराखंड के एसएसपी आयुष अग्रवाल के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों से 1.31 लाख रुपये, 64 सिम कार्ड, 10 मोबाइल, 02 पासबुक और 07 चेकबुक बरामद की गई। गिरोह के सदस्यों ने ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों तेलांगना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के निवासियों को शिकार बनाया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों के संदिग्ध बैंक खातों में देशभर के करीब हर राज्य से अलग-अलग व्यक्तियों की ओर से प्रतिदिन 25 से 30 हजार रुपये किश्त में लाखों रुपये जमा कराए जा रहे थे।

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर की जा रही ठगी की जानकारी देते एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल।

प्रथम दृष्टया प्रकाश में आए 03 संदिग्ध बैंक खातों में ही पिछले 02 माह में करीब 1.5 करोड़ रुपये जमा किए गए और निकाले गए। विशेषकर भारत के दक्षिणी राज्य तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक से ज्यादा धनराशि जमा की जानी पाई गई है। इस संबंध में दक्षिण भारत के राज्यों में ऑनलाइन ठगी की घटनाओं का फौरी विश्लेषण भी किया गया। पता चला कि सैकड़ों की संख्या में ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिनसे मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी की जा रही थी। जिनमें से अभी तक 35 शिकायतें तेलंगाना, आंध्रा और महाराष्ट्र राज्य में दर्ज पाई गई।

प्रेमनगर क्षेत्र में ठिकाने का पता लगाना नहीं था आसान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि इस गिरोह को लेकर यह जानकारी तो पुख्ता हो गई थी कि इसका संचालन प्रेमनगर क्षेत्र से किया जा रहा है, लेकिन यह लोग रह कहां पर रहे हैं, यह पता करना चुनौती बन था। क्योंकि, ठगी में जिन सिम कार्ड का प्रयोग किया जा रहा था, वह फर्जी आईडी पर लिए गए थे। साथ ही तकनीक का प्रयोग करके लोकेशन कहीं और दिखाई गई थी। लिहजा, पूरे क्षेत्र में निगरानी के लिए कार्ययोजना बनाई गई और 15 दिन तक रेकी की गई।

सघन निगरानी के बाद टीम को सफलता हाथ लगी और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह का सरगना दीपक राज शर्मा निवासी ग्राम विशुनपुर, छोटेपट्टी, जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश है, जिसकी तलाश की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि सरगना को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

12वीं पास है गिरोह का मुख्य सदस्य राहुल चौधरी
पूछताछ में गिरोह के मुख्य सदस्य राहुल चौघरी उर्फ राहुल कन्नौजिया ने बताया गया कि वह 12वीं पास है और उसके पास कोई काम-धंधा नहीं था। वह गिरोह के सरगना दीपक राज शर्मा के गांव के बगल के गांव का रहने वाला है। दीपक राज ही राहुल को देहरादून लेकर आया। दीपक राज शर्मा देहरादून में पिछले 4-5 सालों से रह रहा है। उसी ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करना सिखाया। राहुल को यह काम दिया गया कि वह लोगों को कॉल कर और खुद को इस योजना कार्यालय का सरकारी कर्मचारी बताए। ताकि लोग आसानी से झांसे में फंस सकें।

ठगी के लिए राहुल लोगों को मुद्रा लोन दिलाने में मदद करने का झांसा देता और उसके बाद मुद्रा लोन को स्वीकृत होना बताकर सरकार से ज्यादा सब्सिडी पाने का प्रलोभन भी देता था। इसके लिए कमीशन और प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में अपने बताए गए बैंक खातों में लोन के मुताबिक 05 से 10 प्रतिशत धनराशि को जमा करा लेता था। जिसके गैंग ने धोखाधड़ी करने के लिए 4-5 लडके आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में भी रखे थे। जैसे ही पैसा जमा होने का मैसेज मिलता, तत्काल एटीएम से पैसों को निकाल लिया जाता था। ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी सिम कार्डस फर्जी आईडी पर लिए जाते, जिन्हे प्रति सिम 1000 रुपये में खरीदा जाता था। सिम को तीन-चार महीने प्रयोग करने के बाद तोड़कर फेंक दिया जाता था।

ठगी से कमाए पैसों से खरीदी जमीन, सरगना बना रहा हॉस्टल
एसटीएफ के मुताबिक गिरोह के मास्टर माइंड दीपक राज शर्मा ने ठगी पैसों से सुद्धोवाला में एक जमीन खरीदकर उस पर हॉस्टल का निर्माण शुरू किया है। साथ ही ठाकुरपुर में नित्या रेडिमेड गार्मेंट नाम से दुकान भी खोल रखी है। बताया गया कि गिरोह के सदस्य ठगी से प्रत्येक सप्ताह 5 से 6 लाख रुपये बना लेते थे। एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक ठगी का पर्दाफाश करने में पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा एवं गृह मंत्रालय के आई4सी के सीईओ डॉ राजेश कुमार और उनकी टीम ने अहम मुख्य भूमिका निभाई।

गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली पुलिस टीम
1.उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, टीम प्रभारी
2.उ०नि० नरोत्तम बिष्ट
3.अपर उ०नि० देवेंद्र भारती
4.हे०कां० देवेंद्र ममगाईं
5.हे०कां० प्रमोद कुमार
6.हे०का संदेश यादव
7.हे०का० रवि पंत
8.कां० दीपक चंदोला
9.कांo नितिन कुमार
10.काo कादर खान

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