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ईडी ने दून में कब्जे में ली जमीन, बोर्ड लगाया और निर्माण कोई और कर रहा

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बंशीवाला में अटैच की गई भूमि को निर्माण की जद में ले लिया गया

Amit Bhatt, Dehradun: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जब किसी संपत्ति को अटैच करता है तो उस पर मामले के निस्तारण तक संपत्ति के स्वामी का अधिकार नहीं रहता है। मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि होने पर ईडी ऐसी संपत्ति को नीलाम भी कर देता है। ताकि ठिकाने लगाई गई रकम की भरपाई की जा सके। ईडी के देहरादून स्थित सब-जोनल कार्यालय ने पछुवादून के बंशीवाला में ऐसी ही एक संपत्ति को अटैच कर कब्जे ले लिया। लेकिन, इस भूमि को किसी अन्य व्यक्ति ने निर्माण की जद में ले लिया है।

पछवादून के बंशीवाला क्षेत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने 02 मार्च 2022 के आदेश के क्रम में हीरा लाल नाम के व्यक्ति की 0.0380 हेक्टेयर भूमि अटैच की थी। जिसका खसरा नंबर बंशीवाला गांव के अंतर्गत 199क है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई। जमीन को अटैच करने के बाद ईडी के देहरादून स्थित सब-जोनल कार्यालय ने इस पर अपना बोर्ड भी लगा दिया था। जिस पर साफ लिखा है कि संबंधित संपत्ति पर अतिक्रमण करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ईडी की स्पष्ट चेतावनी के बाद भी संपत्ति को निर्माण की जद में लेना गंभीर है।

प्रकरण में गौर करने वाली बात यह भी है कि ईडी ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। क्योंकि, संपत्ति पर ईडी का बोर्ड अभी भी ज्यों का त्यों खड़ा है। जिसका आशय यह भी हुआ कि संपत्ति अभी भी ईडी के कब्जे में ही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस प्रकरण के सामने आने के बाद ईडी क्या कार्रवाई करता है। फिलहाल, ईडी की तरफ से अभी मामले में कोई अपडेट प्राप्त नहीं हो पाया है। यदि कहीं संपत्ति को लेकर राजस्व अभिलेखों में कोई त्रुटि है तो उसे भी पुष्ट किए जाने की जरूरत है।

इसी क्षेत्र में निजी बिल्डर के फ्लैट हो रहे खड़े
जिस संपत्ति को ईडी ने अटैच किया है, उसी क्षेत्र में निजी बिल्डर जैमिनी पैकटेक प्रा.लि. के विला बने हैं, जबकि कुछ फ्लैट भी निर्माणाधीन हैं। यहां अवैध निर्माण को लेकर विला स्वामियों ने एमडीडीए व रेरा में वाद भी दायर किया है। यहां के निवासियों की मांग है कि ईडी के अटैचमेंट वाली संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। यह भी संभव है कि अटैचमेंट वाली संपत्ति के दायरे में निर्माण कार्य बिना स्वीकृति के किए जा रहे हों। क्योंकि, ऐसी संपत्ति पर नक्शा पास किया जाना संभव नहीं है।

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