countryUttarakhand

बाबा रामदेव की कंपनी पर 42.46 करोड़ की वसूली की तलवार 

जीएसटी इंटेलिजेंस चंडीगढ़ ने भेजा 27.46 करोड़ नोटिस, उत्तराखंड जीएसटी भी 15 करोड़ की वसूली को तैयार 

Amit Bhatt, Dehradun: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की पतंजलि आयुर्वेद कंपनी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब करोड़ों रुपये की जीएसटी वसूली का संकट मंडराने लगा है। उत्तराखंड के आयुष विभाग की लाइसेंसिंग अथारिटी पतंजलि के 14 उत्पादों पर रोक लगा चुकी है। इस कार्रवाई के एक दिन बाद ही जीएसटी इंटेलिजेंस ने भी पतंजलि पर निगाहें टेढ़ी कर दी हैं। आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के गलत क्लेम के मामले में डायरेक्टोरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआइ) की चंडीगढ़ यूनिट ने पतंजलि फूड्स को 27.46 करोड़ रुपये का वसूली नोटिस जारी किया है। दूसरी तरफ 15 करोड़ रुपये के मामले में राज्य कर विभाग उत्तराखंड भी सक्रिय हो गया है।

जीएसटी इंटेलिजेंस चंडीगढ़ के नोटिस में कहा गया है कि कंपनी से क्यों न 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट की वसूली की जाए। दरसल, कंपनी पर आरोप है कि जिस माल की वास्तविक आवक हुई ही नहीं है, उस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ कैसे प्राप्त कर लिया गया। ऐसे में इस राशि को कंपनी को वापस करना पड़ सकता है या कंपनी पर विधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। इस तरह की बात भी सामने आई है कि पतंजलि के विरुद्ध इसी तरह का नोटिस बंगलुरू यूनिट ने भी जारी किया है।

उत्तराखंड जीएसटी ने पकड़ चुका है 15 करोड़ रुपये का आइटीसी गोलमाल
बीते वर्ष राज्य कर (स्टेट जीएसटी) उत्तराखंड के हरिद्वार के अधिकारियों ने पतंजलि की 08 से 09 फर्मों के विरुद्ध आइटीसी का गोलमाल पकड़ा था। इसी तरह का मामला डीजीजीआइ गाजियाबाद ने भी पकड़ा था। उत्तराखंड के अधिकारियों का केस मजबूत होने के चलते इसे राज्य कर के सुपुर्द कर दिया था। गोलमाल की जांच में आगे बढ़ते हुए राज्य कर विभाग के अधिकारी पतंजलि की फर्मों पर सर्वे और सीजर की कार्रवाई भी कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि अब 15 करोड़ रुपये की वसूली को लेकर राज्य कर विभाग बड़ा कदम उठा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button