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निशाने पर कारगिल शहीदों के परिवार, साइबर ठगों ने 44 लाख हड़पे, एसटीएफ ने 05 को दबोचा

कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद के परिजनों को साइबर ठगों ने दिया 12 लाख रुपये की प्रति वर्ष की ग्रांट का झांसा, शहीदों के परिवार व पूर्व सैनिकों को किया जा रहा था टारगेट

Amit Bhatt, Dehradun: कारगिल शहीद कीर्ति चक्र से सम्मानित एक कैप्टन के परिजनों को झांसे में लेकर 44.46 लाख रुपये ठगने वाले साइबर ठग गिरोह पर उत्तराखंड एसटीएफ ने आखिरकार शिकंजा कस डाला है। एसटीएफ टीम ने दिल्ली-एनसीआर से साइबर ठग गिरोह के 05 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरोह ने कीर्ति चक्र की प्रति वर्ष 12 लाख रुपये की ग्रांट का झांसा देकर शहीद के परिवार से 44 लाख 46 हजार 80 रुपये ठग लिए थे। यह गिरोह दिल्ली में बीते 05-06 माह से एक कॉल सेंटर चलाकर इसी तरह शहीदों के परिवारों व पूर्व सैनिकों को टारगेट कर रहा था। गिरफ्तार किए गए साइबर ठगों से एसटीएफ ने 20 मोबाइल, 42 सिम कार्ड, 02 लैपटॉप, 42 डेबिट कार्ड, 15 फर्जी पहचान पत्र (आधार कार्ड व पैन कार्ड) सहित 1.7 लाख रुपये बरामद किए।

एसटीएफ की गिरफ्त में कारगिल शहीद कीर्ति चक्र विजेता कैप्टन के पिता से ठगी करने वाले आरोपी, जानकारी देते एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल व साथ में पुलिस टीम।

गुरुवार को पत्रकारों से रूबरू उत्तराखंड एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आयुष अग्रवाल के मुताबिक कुछ दिन पहले साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में गुमानीवाला (ऋषिकेश) निवासी वरिष्ठ नागरिक ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनका बेटा आर्मी में कैप्टन था। कारगिल के युद्ध में शहीद हो गया था और मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। फरवरी 2024 में उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर स्वंय को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी व मुख्य सतर्कता अधिकारी (रंक्षा मंत्रालय) कार्यालय भारत सरकार बताकर बात की। उसने कहा कि आपके बेटे के कीर्ति चक्र की ग्रांट के साथ-साथ आपको अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जानी थी, लेकिन आपकी तरफ से फार्म-॥ को दिनांक 31 दिसंबर 2023 तक जमा नहीं किया गया था। जिस कारण आपकी कीर्ति चक्र की ग्रांट निरस्त हो गई है।

साथ ही उसने बताया कि ग्रांट का निरस्त आर्डर नंबर जेआर 00439 है, जिसकी फाइल उसके पास आई है। अज्ञात व्यक्ति ने यह भी बताया गया कि इस फाइल में अग्रिम कार्यवाही चीफ सर्तकता अधिकारी रक्षा मंत्रालय पीएन गुलाटी की ओर से की जानी है, जिनके सचिव विवेक राजपूत के मोबाइल नंबर 729790726 पर संपर्क कर लें। शिकायतकर्ता ने कथित विवेक राजपूत से संपर्क किया तो उन्होने बताया कि आपका ग्रांट निरस्त कर दिया गया है। अब गुलाटी साहब ही इसे पुनः एक्टिवेट कर सकते हैं। गुलाटी नाम के कथित व्यक्ति से संपर्क करने पर बताया कि कीर्ति चक्र की ग्रांट करीब 12 लाख रुपये वार्षिक को फिर से शुरू किया जा रहा है।

यह भी बताया गया कि यह ग्रांट वर्ष 2021 से 2037 तक मिलनी है। कुछ दिन बाद कथित पीएन गुलाटी ने शिकायतकर्ता को फोन पर बताया कि उसने ग्रांट स्वीकृत कर दी है। जिसके एवज में 1,98,000/- रुपये बताए गए खाते में शिकायतकर्ता से आरटीजीएस करवा लिए गए। इसके अतिरिक्त उपरोक्त अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भिन्न-भिन्न तिथियों पर शिकायताकर्ता से एनओसी व अन्य फाइल प्रोसेस चार्जेज आदि के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में अलग-अलग पार्ट में दिनांक 22.04.2024 तक कुल 44,46,080/- रुपये जमा करवा दिए गए। इसके बाद भी कथित ग्रांट की रकम शिकायकर्ता के खाते में जमा नहीं कराई गई।

शक होने पर शिकायतकर्ता ने सैनिक कल्याण बोर्ड उत्तराखंड देहरादून से संपर्क किया तो इस फर्जीवाड़े का पता चला। शिकायत के आधार पर थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर मु.अ.सं.-25/2024 धारा 420/120बी भादवि व 66-डी आईटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत किया गया। एसएसपी आयुष अग्रवाल के मुताबिक चूंकि यह प्रकरण शहीद के परिजनों को मिले सम्मान की एवज में धोखाधड़ी किए जाने को लेकर था, जोकि गंभीर एवं संवेदनशील प्रकरण भी था। ऐसा मामला प्रथम बार उत्तराखंड साइबर पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ था। जिसका खुलासा एसटीएफ के लिए एक चुनौती भी था।

इस चुनौती को स्वीकार करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने पुलिस उपाधीक्षक अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर साइबर ठगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश जारी किए। गठित टीम ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर व संबंधित खातों आदि की जानकारी व तकनिकी विश्लेषण किया। पता चला कि अपराध में संलिप्त आरोपी दिल्ली से संबंधित हैं। टीम को संभावित स्थानों के लिए रवाना किया गया। पुलिस टीम ने अथक मेहनत एवं प्रयास से उन बैंक खातों का पूरा विवरण निकाल लिया, जिनमें रकम जमा करवाई गई थी। हालांकि, इन्हें फर्जी आईडी पर खोला गया था। कुछ और जानकारी जुटाने पर पता लगा लिया गया कि यह फर्जीवाड़ा कपिल अरोड़ा, राहुल कुमार दत्ता, रवि सैनी, राजेश कुमार यादव व अनुराग शुक्ला नाम के व्यक्तियों ने किया है। सभी को लक्ष्मी नगर क्षेत्र नई दिल्ली से गिरफ्तार भी कर लिया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तगण का विवरण
1.कपिल अरोड़ा पुत्र स्व. हरीचन्द नि. 43 ए रशीद मार्केट गली नं0-7 बाना जगतपुरी नियर भगत सिंह रोड दिल्ली 51, उम्र 33 वर्ष
2. राहुल कुमार दत्ता पुत्र अजीत कुमार दत्ता नि. न्यू स्टेट बैंक कालोनी निवर शिव मंदिर धामपुर बिजनौर, उम्र 34 वर्ष
3. रवि सैनी पुत्र राम अवतार सिंह नि. एम-8 ब्लाक निकट डीएवी चौक सेक्टर 12 प्रताप विहार गाजियाबाद, उम्र 33 वर्ष
4. राजेश कुमार यादव पुत्र रविंद्र यादव नि. ग्राम गोरखपुर थाना रसड़ा जिला बलिया, उम्र 32 वर्ष
5. अनुराग शुक्ला पुत्र विनोद कुमार शुक्ला नि.135 रामपुरम श्याम नगर थाना चकेरी निकट सरयु प्रसाद स्कूल जिला कानपुर उ.प्र., उम्र 33 वर्ष

गूगल से निकाली जाती है जानकारी, फिर किया जाता है फ्रॉड
पूछताछ में आरोपियों ने बताया गया कि उनके द्वारा कारगिल युद्ध में शहीदों की सूची एवं उनके मोबाईल नंबर की जानकारी गूगल पर सर्च कर प्राप्त की गई थी। उसके बाद शहीदों के परिजनों से संपर्क कर शहीदों को मिलने वाली ग्रांट के नाम पर शहीदों के परिजनों के साथ धोखाधड़ी की जाती है। जिसके लिए उनके द्वारा स्वयं को मुख्य सतर्कता अधिकारी (रंक्षा मंत्रालय) से व सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी के रूप में परिचय देकर एवं मरणोपरांत प्राप्त कीर्ति चक की एकमुश्त ग्रांट के साथ-साथ अतिरिक्त धनराशि 12 लाख रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से वर्ष 2021 से वर्ष 2037 तक प्रदान करने का झांसा दिया जाता है। इनके द्वारा देशभर में सरकारी सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों की जानकारी गूगल व अन्य माध्यम से प्राप्त की जाती व उनकी पेंशन/फंड/ ग्रेच्युटी बंद/ चालू करने अथवा बढ़ाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की गई है। उक्त अपराधियों द्वारा यह गिरोह दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में विगत 5-6 माह से संचालित किया जा रहा था।

गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
1- निरीक्षक विकास भारद्वाज
2- उ.नि राजीव सेमवाल
3- अपर उ.नि. सुरेश कुमार
4- कॉन्स. शादाब अली

पुलिस टीम को 10 हजार इनाम की घोषणा, जनता से भी अपील
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखंड आयुष अग्रवाल ने पुलिस टीम को 10 हजार रुपये इनाम से पुरस्कृत करने की घोषणा की है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वह किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों, फर्जी साइट, धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अनजान अवसरों के प्रलोभन में न आएं। किसी भी प्रकार की ऑनलाइन कंपनी की फ्रैंचाइजी लेने, यात्रा टिकट आदि को बुक कराने से पूर्व उक्त साइट का स्थानीय बैंक, संबंधित कंपनी आदि से पूर्ण वैरीफिकेशन व भली-भांति जांच-पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर कीर नंबर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तत्काल 1930 नंबर पर सूचित करें। इसके अतिरिक्त साइबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अंतर्गत हैली सेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है। जिसको वर्तमान समय तक काफी लोग देख व शेयर भी कर चुके हैं।

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