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अफसरों तक पहुंची जंगल की आग की आंच, 10 सस्पेंड और 05 अटैच

मुख्यमंत्री धामी ने ली अधिकारियें की बैठक, जनता को जागरुक करने के लिए फायर लाइन बनाने के कार्य में स्वयं उपस्थित रहेंगे मुख्यमंत्री

Amit Bhatt, Dehradun: विकराल होती जा रही जंगल की आग की आंच अफसरों को भी अपने लपेटे में लेने लगी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े रुख के बाद आग बुझाने में लापरवाही के आरोप में 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही 05 कार्मिकों को अटैच करते हुए 02 को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। जंगल की आग पर काबू पाने के लिए बुलाई गई मुख्यमंत्री धामी की बैठक में इस कार्रवाई की जानकारी अधिकारियों ने दी। हालांकि, जंगल की आग में अभी भी सवाल सुलग रहे हैं। आखिर यह आग इतनी बेकाबू क्यों होती जा रही है? कौन लोग हैं, जो प्रकृति के दुश्मन बने बैठे हैं? जंगल की आग के विकराल रूप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस फायर सीजन में अब तक आग की 1000 से अधिक घटनाएं प्रकश में आ चुकी हैं और 1320 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्रफल आग से प्रभावित हो चुका है। आग में अब तक 05 व्यक्तियों की मौत ही चुकी है, जबकि 04 लोग झुलसकर घायल भी हो चुके हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद आग लगाने वालों के विरुद्ध 388 से अधिक मुकदमे दर्ज कर 64 व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।

जांगल की आग पर काबू पाने के लिए सचिवालय में अधिकारियों की बैठक लेते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

जंगल की बढ़ती आग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर फ्रंटफुट पर आते हुए अधिकारियों की बैठक ली और जंगल की आग की रोकथाम के कार्यों की समीक्षा की। बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि फायर लाईन बनाने की कार्रवाई में वह स्वयं भी प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वनाग्नि को पूर्णतः रोकने के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। उधर, मुख्यमंत्री धामी ने रुद्रप्रायग में पिरूल हटाकर जनजागरूकता का संदेश भी दिया।

इन कार्मिकों को किया गया निलंबित और संबद्धता की कार्रवाई।

वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए
मुख्यमंत्री के निर्देश पर वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया गया है। अन्य कुछ कार्मिकों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन सहयोग लिया जाए। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाए जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए। पिरूल संग्रहण केंद्र बनाए जाएं। इसमें सहकारिता विभाग का भी सहयोग लिया जाए। पिरूल एकत्रीकरण के लिए दी जाने वाली धनराशि में बढ़ोतरी भी की जाए।

मानसून से पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाए
आगामी मानसून सीजन की तैयारियों के संबंध में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाईजेशन की कार्रवाई पूर्ण की जाए। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूर्ण होने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। यह भी आंकलन किया जाए कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है।


सचिवालय में अधिकारियों को संबोधित करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

प्रो-एक्टिव एप्रोच से काम करें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ ही पूरी तैयारी की जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। आपदा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ कार्य करें। पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं रखी जाए। जहां पेयजल की समस्या है, वहां टैंकर और खच्चर से पीने के पानी की आपूर्ति की जाए। इसके लिए सभी कार्यदायी संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें।

चारधाम यात्रियों को मौसम अलर्ट की व्यवस्था
मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए कि राज्य में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत भी सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से लोगों को मिले। चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीकि का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पांडे, डॉ. आर राजेश कुमार, एडीजी एपी अंशुमान, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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