हाई कोर्ट शिफ्टिंग पर काउंटडाउन शुरू, हां और ना बताने का पोर्टल शुरू
नैनीताल हाईकोर्ट की वेबसाइट पर दिया गया है लिंक, अधिवक्ताओं के साथ ही अन्य व्यक्ति भी दर्ज करा सकेंगे अपनी इच्छा
Amit Bhatt, Dehradun: चीफ जस्टिस ऋतु बाहरी और जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ के हालिया आदेश के क्रम में हाई कोर्ट की शिफ्टिंग के मामले में पहला कदम बढ़ा दिया गया है। खंडपीठ के आदेश के मुताबिक नैनीताल उच्च न्यायालय के महानिबंधक ने कोर्ट की वेबसाइट पर उस पोर्टल का लिंक डाल दिया है, जिसके माध्यम से अधिवक्ता व नागरिक अपनी हां या ना दर्ज कर सकते हैं। जो भी व्यक्ति हाई कोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट कराने के पक्ष में हैं, वह हां का विकल्प चुनेंगे, जबकि शिफ्टिंग न चाहने वाले व्यक्ति ना का विकल्प अपना सकते हैं। पोर्टल में विकल्प के चुनाव के लिए अधिवक्ताओं और नागरिकों के लिए पृथक-पृथक व्यवस्था की गई है। आगे दिए गए इस https://highcourtofuttarakhand.gov.in/ लिंक पर क्लिक करके आप नैनीताल हाईकोर्ट की वेबसाइट पर जाकर पोर्टल के लिंक के माध्यम से अपना मत दर्ज करा सकते हैं।
चीफ जस्टिस ऋतु बाहरी और जस्टिस राकेश थपलियाल की बेंच के 08 मई 2024 के आदेश (उत्तराखंड राज्य बनाम गुलशन मनोट एवं अन्य) में हाई कोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट किए जाने की आवश्यकता को लेकर तमाम कारण गिनाए गए हैं। यह आदेश अपनेआप में यह बताता है कि हाई कोर्ट को नैनीताल जैसी जगह से क्यों शिफ्ट किया जाना चाहिए। इसी आदेश में हाई कोर्ट की शिफ्टिंग के लिए हल्द्वानी के गौलापार की 26 हेक्टेयर भूमि के विकल्प को खारिज भी कर दिया गया है। क्योंकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि वह उस भूमि में शिफ्टिंग के पक्ष में नहीं है, जिसके 75 प्रतिशत भाग पर वन हैं।
हालांकि, पीठ ने हाई कोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने की दिशा में सीधे कोई आदेश जारी करने जगह लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाने का निर्णय किया है। जिसके एक पहलू में कोर्ट के महानिबंधक की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी है, जबकि दूसरे पहलू के रूप में अधिवक्ताओं व नागरिकों का मत जानने की व्यवस्था अपनाई जा रही है। हाई कोर्ट की वेबसाइट पर जारी किए लिंक की व्यवस्था इसी का हिस्सा है। शिफ्टिंग को लेकर मत दर्ज करने के लिए 31 मई 2024 तक का समय दिया गया है। इस अवधि को और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
इस प्रक्रिया के साथ-साथ कोर्ट ने मुख्य सचिव उत्तराखंड को हाई कोर्ट के लिए 50 वर्षों की जरूरत के हिसाब से भूमि का विकल्प तलाशने का आदेश भी दिया है। इसके लिए सरकार/शासन को 07 जून 2024 तक का समय दिया गया है। लिहाजा, हाई कोर्ट की शिफ्टिंग के मामले में अधिवक्ताओं व जनता की राय बेहद मायने रखेगी। ऐसे में जितने अधिक व्यक्ति अपना मत दर्ज कराएंगे, कोर्ट को निर्णय करने में उतनी ही आसानी भी होगी। यह लिंक नैनीताल हाई कोर्ट के होम पेज पर ही आसानी से मिल जाएगा।