Amit bhatt, Dehradun: दून में रेडियोएक्टिव या केमिकल घटना की आशंका से पूरे पुलिस महकमे में 24 घंटे हड़कंप की स्थिति रही। यह स्थिति तब उपजी जब पुलिस को राजपुर रोड स्थित एक फ्लैट में कुछ युवकों के रेडियोएक्टिव डिवाइस के साथ होने की खबर मिली। एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर राजपुर थाना क्षेत्र की पुलिस ने फ्लैट पर छापा मारा तो वहां संदिग्ध डिवाइस के साथ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 05 युवक मिले। पुलिस ने उनसे डिवाइस के बारे में पूछा तो इसे न सिर्फ रेडियोएक्टिव पदार्थ से संबंधित बताया गया, बल्कि यह भी कहा कि डिवाइस को खोलने पर रेडिएशन फैल सकता है। यह बात सुनकर पुलिस सकते में आ गई और किसी बड़ी घटना की आशंका को देखते हुए तत्काल उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई। आनन-फानन में डिवाइस की जांच के लिए बुलंदरशहर से रेडिएशन इमरजेंसी रिस्पांस टीम बुलाई गई। परीक्षण में रेडिएशन की जगह केमिकल होने पर अब डिवाइस को जांच के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र भेजा गया है। ताकि डिवाइस की सत्यता को लेकर स्पष्ट जानकारी प्राप्त की जा सके।
दूसरी तरफ दून में डिवाइस लाने की मंशा जानने के लिए पुलिस आरोपित युवकों से गहन पूछताछ में जुट गई है। हालांकि, अभी यह पता चल पाया है कि डिवाइस को खरीद फरोख्त के लिए दून लाया गया था और इसकी डील करोड़ों रुपए में की जानी थी। इस डील में तीन अन्य आरोपितों की जानकारी भी सामने आई है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए नोएडा और सहारनपुर में दबिश दी जा रही है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि जाखन स्थित ब्रुक एंड वुड्स सोसाइटी में पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन का फ्लैट है, जिसे कुछ बाहरी व्यक्तियों को किराए पर दिया है। गुरुवार को सूचना मिली कि फ्लैट में कुछ संदिग्ध व्यक्ति अपने साथ कोई रेडियोएक्टिव पदार्थ की डिवाइस व अन्य सामग्री लेकर आए हैं। व्यक्ति डिवाइस की खरीद फरोख्त की बात कर रहे हैं। सूचना पर थाना राजपुर से एक टीम मौके पर भेजी गई, जहां पांच व्यक्ति मिले। उनके पास से एक डिवाइस जिस पर रेडियोग्राफी कैमरा निर्मित विकिरण और आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड भारत सरकार परमाणु ऊर्जा विभाग भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र नवी मुंबई लिखा हुआ था। इसके साथ ही एक काले रंग का बाक्स मिला, जिसे फ्लैट में मौजूद व्यक्तियों ने रेडियाे एक्टिव पावर आर्टिकल बताया।
मामला सुरक्षा से जुड़ा हुआ था और रेडिएशन फैलने की आशंका को देखते हुए उपकरणों वाले कमरे को सील करते हुए मौके पर एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। एसडीआरएफ की टीम ने टेलीटेक्टर, अल्साइन मानिटर व मिनि रेड बीटा इंटरनल उपकरणों से डिवाइस की जांच की तो उसमें रेडियो एक्टिव तत्व होने की आशंका जताई गई। जिसे बाद एसएसपी अजय सिंह ने तत्काल भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई को डिवाइस के संबंध में जानकारी दी। जिसके क्रम में नरोरा बुलंदशहर से नरोरा एटोमिक पावर स्टेशन से रेडिएशन इमरजेंसी रिस्पांस टीम शुक्रवार सुबह घटनास्थल पर पहुंची। टीम ने लगभग तीन से चार घंटे तक डिवाइस का परीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में टीम को डिवाइस में रेडियो एक्टिव पदार्थ तो नहीं मिले, लेकिन उसमें कुछ अन्य केमिकल होने की बात सामने आई। केमिकल की जांच के लिए डिवाइस को गहन परीक्षण के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई भेजे जाने की संस्तुति की गई। पुलिस के मुताबिक डिवाइस को परमाणु अनुसंधान केंद्र भेज दिया गया है।
पुलिस ने इन आरोपितों को किया गिरफ्तार
– सुमित पाठक निवासी विजयनगर आगरा, उत्तर प्रदेश वर्तमान निवासी आधार अपार्टमेंट नगला, न्यू आगरा उत्तर प्रदेश
– तबरेज आलम निवासी रिढी ताजपुर थाना बेहट, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
– सरवर हुसैन निवासी मोहन गार्डन, उत्तम नगर, नई दिल्ली
– जैद अली निवासी बडोवाली मस्जिद, थाना जहांगीराबाद, भोपाल मध्य प्रदेश
– अभिषेक जैन निवासी टाप रेजिडेंसी, थाना करोल, भोपाल मध्य प्रदेश
मुख्य सचिव के घर के पास ही चल रही थी डील
पुलिस ने जिस फ्लैट से आरोपितों को गिरफ्तार किया है वह शहर का पाश एरिया है और फ्लैट के निकट ही मुख्य सचिव का आवास भी है। पुलिस आरोपितों के कुछ सहयोगियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पता किया जा रहा है कि आरोपित किस मंसूबे से डिवाइस को देहरादून लेकर आए थे। पुलिस इस एंगल की भी जांच कर रही है कि कहीं इस घटना के पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका तो नहीं थी। इसके अलावा उनके अपराधिक इतिहास की भी जांच की जा रही है और उनके संपर्क भी खंगाले जा रहे हैं।
दुबई से लाई गई डिवाइस, मास्टर माइंड है सुमित पाठक
अब तक हुई पूछताछ में सामने आया है कि इस गिरोह का मास्टर माइंड सुमित पाठक है, जोकि किसी बिट्टू नाम के व्यक्ति से डिवाइस को दुबई से लेकर आया था। इस डिवाइस की खरीद फरोख्त करने के लिए वह देहरादून आए थे। डिवाइस की जांच के बाद पता चलेगा कि उसके अंदर कितना खतरनाक केमिकल है। यदि डिवाइस के अंदर खतरनाक केमिकल मिलता है तो यह बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। दून पुलिस तीन आरोपितों की तलाश में अब नोएडा व सहारनपुर में दबिश दे रही है। उनकी गिरफ्तारी के बाद शनिवार को मामले का पर्दाफाश हो सकता है।
टेररिज्म से भारत को बचने का एक ही तरीका है
“हिंदू परिवारों वा सभाओं में
एकता जागृति वा सुस्ती
से छुटकारा”
Hinduism में यदि अच्छाइयां हैं
तो
त्रुटियां भी बतेरी हैं।
दुनिया में और भी इंसानी प्रजातियां हैं।सब न हिंदू हैं न, दिमाग से खाली हैं।सबमें कुछ न कुछ समझदारियां भीहैं।
विदेश यात्रा पर जाते समय केवल वहां के मंदिर,मस्जिद,चर्च आदि या ..,देखने के, उनके “एक परिवार” से दोस्ती भी करके उनके कल्चर को जानने का प्रयत्न करना चाहिए। सिर्फ कट्टर हिंदू न बनिए एक अच्छे इंसान भी बनने का प्रयत्न करना चाहिए।
मुठीभर अंग्रेजों ने करोड़ो भारतीयों पर क्यों और कैसे राज किया?
त्रुटि भरे कानून क्यों और कैसे बनाए?
जिनके देश में घुसे, उन्हें ही को नौकर बनाया, उन्ही देशवासियों को सरकारी नौकरियों से लुभाया वा गलत कानूनों से रिझाया
और उन्ही के
देश को लूट कर खुद ऐश करी!!
ये केवल अंग्रेजों ने भारत में नहीं किया..आज भी सरकारी मुलाजिम खुद को “sir”, “यौर एक्सीलेंसी”, “यौर लॉर्डशिप” कहलवा के, आम आदमी पर राज करते है!!
८० साल की आजादी के बाद। एक से एक चोर बईमान, वकील, मजिस्ट्रेट, पुलिस अफसर वा जज आज भी इस अंग्रेजी राज की बीमारी से पीड़ित हैं।
” सबसे बड़ा रुपइया” बस एक ही सिद्धांत है सबका। इसका इलाज केवल एक ही है “जन जागृति वा एकता” जो हम हिंदुओं ने नहीं सीखा।