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हाई कोर्ट के लपेटे में आई स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी, अधिवक्ता को कैशलेस ट्रीटमेंट न देने पर संज्ञान

58 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रीमियम बटोर रही कंपनियां, कैशलेस क्लेम के नाम पर बहाने क्यों?

Amit Bhatt, Dehradun: हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर की देश की नामी कंपनी स्टार हेल्थ एलाइड नैनीताल हाई कोर्ट की कार्यवाही की जद में आ गई है। कोर्ट ने नैनीताल बार एसोसिएशन के पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए इस पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। यह मामला हाई कोर्ट के एक अधिवक्ता को उपचार के लिए तत्काल वित्तीय सहायता (कैशलेस ट्रीटमेंट) न देने से जुड़ा है। अब इस मामले में हाई कोर्ट 05 अगस्त को सुनवाई करेगा।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने कंपनी का पक्ष सुनने के लिए 05 अगस्त की तिथि नियत की है। उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत व महासचिव सौरभ अधिकारी ने मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष पत्र पेश कर कहा कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता को 03 दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। उन्हें पहले बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल और हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें 72 घंटे तक आइसीयू में निगरानी में रखने के बाद देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। 31 जुलाई 2024 को उनका तत्काल ऑपरेशन किया गया।

सहयोगी अधिवक्ता के पास स्टार हेल्थ एलाइड इंश्योरेंस कंपनी की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है, लेकिन कंपनी ने बिना किसी उचित कारण के तत्काल वित्तीय सहायता देने से इनकार कर दिया है। जिसकी वजह से हॉस्पिटल में उन्हें वित्तीय समस्या से जूझना पड़ रहा है। यह कंपनी की अपने उपभोक्ता के साथ एक प्रकार की धोखाधड़ी है। जब जरूरत हो तो कंपनी अपने उपभोक्ता का साथ नही दे रही है तो ऐसी स्वास्थ्य पालिसी का क्या फायदा। इसलिए इस पर उचित निर्णय लिया जाए। यह पहला मामला नहीं है, जब कोई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी बीमाधारक के क्लेम को तरह तरह के कारणों से अटकाती रहती है। यह स्थिति तब है जब हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम निरंतर बढ़ाए जा रहे हैं। मेडिकल इन्फ्लेशन बढ़ने का यह भी एक कारण है।

किस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के कितने ग्राहक (आईआरडीएआई की 2022-2023 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार)
बीमा कंपनी, नेटवर्क अस्पतात, उपगत दावा अनुपात (2022-2023)
आदित्य बिड़ला स्वास्थ्य बीमा, 11000+, 64.68%
बजाज आलियांज स्वास्थ्य बीमा, 18400+, 74.27%
केयर स्वास्थ्य बीमा, 22900+, 53.82%
चोलामंडलम एमएस स्वास्थ्य बीमा, 11000+, 67.88%
गो डिजिट स्वास्थ्य बीमा, 16400+, 71.87%
फ्यूचर जनरली हेल्थ इंश्योरेंस, 8000+, 79.18%
एचडीएफसी एर्गो स्वास्थ्य बीमा, 12000+, 79.04%
इफको टोकियो स्वास्थ्य बीमा, 7000+, 111.18%
कोटक महिंद्रा स्वास्थ्य बीमा, 9000+, 56.01%
लिबर्टी हेल्थ इंश्योरेंस, 6000+, 74.17%
मैग्मा एचडीआई स्वास्थ्य बीमा, 8400+, 72.10%
मणिपालसिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस, 8500+, 64.66%
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा, 6000+, 102.35%
न्यू इंडिया एश्योरेंस हेल्थ इंश्योरेंस, 8000+, 103.33%
निवा बूपा स्वास्थ्य बीमा, 10000+, 54.05%
ओरिएंटल स्वास्थ्य बीमा, 3300+, 130.09%
रहेजा क्यूबीई स्वास्थ्य बीमा, 5000+, 138.67%
रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस, 9100+, 86.31%
रॉयल सुंदरम स्वास्थ्य बीमा, 10000+, 83.36%
एसबीआई हेल्थ इंश्योरेंस, 16625+, 73.92%
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस, 14000+, 65.00%
टाटा एआईजी हेल्थ इंश्योरेंस, 10000+, 78.33%
यूनाइटेड इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस, 14000+, 89.57%
यूनिवर्सल सोम्पो स्वास्थ्य बीमा, 12000+, 82.84%
ज़ूनो (पूर्व में एडलवाइस) स्वास्थ्य बीमा, 10000+, 89.59%
Note: मार्केट शेयर में कंपनियों की स्थिति (इंश्योरेंस देखो डॉट कॉम के अनुसार)

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी, बाजार हिस्सेदारी (प्रतिशत में)
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस, 12.18%
केयर हेल्थ इंश्योरेंस, 4%
निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस, 3%
आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस, 2%

कंपनियों की झोली में बढ़ता जा रहा प्रीमियम (राशि करोड़ रु. में )
FY15 20,096
FY16 24,498
FY17 30,392
FY18 37,029
FY19 45,532
FY20 50,752
FY 21 58,237
(आईआरडीएआई की रिपोर्ट)

सर्वाधिक हेल्थ बीमा कवर वाले राज्य (पारिवारिक)
Rajasthan, 88%
Andhra Pradesh, 80%
Goa, 73%
Chhattisgarh, 71%
Telangana, 69%
Assam, 67%
Kerala, 58%
Mizoram, 50%
Gujarat, 44%
Himachal Pradesh, 39%
Tripura, 36%
West Bengal, 34%
Karnataka, 32%
Sikkim, 28%
Delhi, 25%
Nagaland , 22%
Maharashtra, 22%
Bihar, 17%
Jammu and Kashmir, 14%

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