विवादित आइएफएस सुशांत पटनायक से आखिरकार हटाया गया महत्वपूर्ण चार्ज
महिला कार्मिक से छेड़छाड़ और कॉर्बेट की पाखरो रेंज में गड़बड़ी में रहा नाम
Amit Bhatt, Dehradun: वन विभाग में इन दिनों अधिकारियों के प्रभार को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। पहले कॉर्बेट की पाखरो रेंज में हुई गड़बड़ी में कॉर्बेट के तत्कालीन निदेशक को राजाजी पार्क का निदेशक बनाने पर हल्ला मचा। इसके बाद अब एक और आईएफएस सुशांत पटनायक के चार्ज को लेकर सवाल खड़े हो गए। हालांकि, शोर मचने पर वन विभाग ने पटनायक से चार्ज वापस ले लिया है। दरअसल, लगातार विवादों में चल रहे सीसीएफ सुशांत पटनायक को दिया गया सीसीएफ एनटीएफए का चार्ज शनिवार को हटा लिया गया। उन्हें चार्ज देने को लेकर हुए विवाद के बाद पीसीसीएफ डॉ. धनंजय मोहन ने एपीसीसीएफ गढ़वाल नरेश कुमार को यह चार्ज सौंपने के आदेश कर दिए। साथ ही तत्काल पटनायक से चार्ज लेने का प्रमाण पत्र भी आइएफएस नरेश कुमार से मांगा गया है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तहत पाखरो रेंज में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पेड़ काटे गए और अवैध निर्माण भी किए गए। इसके अलावा सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग किया गया। इस मामले का सूत्रधार तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत को बताया जा रहा है। इस प्रकरण में वन विभाग के कई बड़े अफसर शामिल होने की बात सामने आई। जिनमें से एक कॉर्बेट नेशनल पार्क के तत्कालीन निदेशक राहुल भी हैं। ऐसे में मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी ने जांच और करवाई तो की ही, प्रकरण कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंप गया। जिस पर कई महीनों से सीबीआई भी जांच और पूछताछ में जुटी है। कई अधिकारियों पर मुकदमे भी दर्ज किए गए। हालांकि, चंद दिनों पहले आईएफएस राहुल को राजाजी नेशनल पार्क का निदेशक बना दिया गया। इस पर वन विभाग चौतरफा घिर गया। जांच के दायरे में आ रहे रहे अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी दिया जाना किसी के गले नहीं उतर रहा था। हालांकि, इस मामले में वन मंत्री और मुख्य सचिव के विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री के कहने पर आईएफएस राहुल को राजाजी नेशनल पार्क का निदेशक बनाए जाने की बात भी कही गई। जिस पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। वहीं वन मंत्री इस मामले में उनकी सहमति के बाद ही मुख्यमंत्री की सहमति मिलने की बात कह चुके हैं। उनके अनुसार, आईएफएस राहुल अब तक दोषी नहीं पाए गए हैं। ऐसे में उन्हें चार्ज देना गलत नहीं है।
यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था की शनिवार को वन मुख्यालय से एक नया आदेश आने से चर्चाओं का बाजार फिर गरम हो गया। चारों ओर से विरोध से घिरता देख आईएफएस सुशांत पटनायक से भी चार्ज छीन लिया गया। दरअसल, आइएफएस सुशांत पटनायक पर पहले एक महिला कार्मिक के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा। इसके कुछ समय बाद ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पखारो रेंज में हुई अनियमितता के मामले में भी पटनायक का नाम आ गया और इस मामले में ही ईडी ने उनके आवास पर छापा मारा। इस प्रकरण की जांच सीबीआइ भी गतिमान है। मामले में आइएफएस सुशांत पटनायक का नाम आने के बावजूद सीसीएफ एनटीएफए का चार्ज दे दिया गया। इसके बाद से ही मामले का विरोध होने लगा और इस पर सवाल उठने लगे। जिस पर वन मंत्री और शासन ने भी नाराज की जताई थी। इसके बाद वन विभाग के मुखिया ने पटनायक से चार्ज हटाने का निर्णय लिया और नरेश कुमार को यह अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया। इससे इस बात को भी बल मिलता है कि वन विभाग में दागी अधिकारियों को भी महत्वपूर्ण पद दिए जा रहे हैं। साथ ही विरोध होने पर अपने ही आदेश को वन मुख्यालय बदल रहा है। इस सब के बीच वन विभाग के मुखिया धनंजय मोहन जरूर दुविधा में हैं।