Rajkumar Dhiman, Dehradun: पुलिस को भी आबकारी एक्ट में कार्रवाई का अधिकार इसीलिए दिया गया है कि उसके पास आबकारी विभाग की अपेक्षा कहीं अधिक संसाधन और नेटवर्क हैं। लेकिन, इन सब के बाद भी तीर्थनगरी ऋषिकेश जैसे प्रतिबंधित क्षेत्र में न सिर्फ शराब का अवैध धंधा फूलता-फलता रहा, बल्कि शराब माफिया के हौसले भी बुलंद होते रहे। यही कारण है कि पत्रकार योगेश डिमरी ने जब शराब माफिया के विरुद्ध अभियान चलाया तो पुलिस ने उल्टे उन्हें ही डपट दिया। पुलिस और माफिया के बीच का कनेक्शन तब भी उजागर हुआ जब, योगेश डिमरी को आरोपी सुनील गंजा ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
हमले के घटनाक्रम के दौरान की एक छोटी वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि पत्रकार योगेश डिमरी जमीन पर बदहवाश स्थिति में फटे कपड़ों के साथ बैठे हैं और आरोपी उन्हें पुलिस के नाम पर धौंस देते हुए मां के नाम की गाली तक दे रहा है। साथ ही उस पर तमंचा लगाने की बात भी की जा रही है। इसी दौरान कुछ ऐसी बातें भी सुनाई दे रही हैं, जिसमें संभवतः पत्रकार को ही 06 महीने के लिए कोतवाली के माध्यम से अंदर करने की धमकी दी जा रही है।
हमले में गंभीर रूप से घायल होने से पहले ऋषिकेश कोतवाली पहुंचे पत्रकार योगेश डिमरी के तीखे वार्तालाप का एक अन्य वीडियो भी सामने आया था। जिसमें योगेश डिमरी ने आरोप लगाया कि शराब पकड़वाने में मदद करने पर पुलिस उल्टा उन्हें ही धमका रही है। यह महज एक संयोग नहीं था और जिस माफिया को संरक्षण देने के आरोप पुलिस पर लगते रहे हैं, उसकी परिणीति भी चंद रोज बाद सामने आ गई।
यह भी महज एक संयोग नहीं है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह घटना का कड़ा संज्ञान लेते हैं और शराब तस्करी रोकने में असमर्थ एसओजी देहात को भंग कर दिया जाता है। इसके अलावा जब उन्होंने ऋषिकेश कोतवाली और थाना रायवाला पुलिस की कार्यप्रणाली की समीक्षा की तो तमाम कार्मिकों की लापरवाही भी उजागर हो जाती है। जिस पर एसएसपी ने ऋषिकेश और रायवाला के 37 पुलिस कार्मिकों को अपने ऑफिस में अटैच करने के साथ ही अन्य थानों में स्थानांतरित भी कर दिया। इसी तरह एसओजी देहात के सभी 11 पुलिस कार्मिकों को एसओजी देहरादून में अटैच कर दिया गया।
पुलिस के नाम पर धौंस दिखाने वाले गंजा का चरित्र कैसे अच्छा? एसएसपी करेंगे समीक्षा
ऋषिकेश क्षेत्र के जिस इंदिरानगर क्षेत्र में शराब का अवैध कारोबार जोरों पर चलता रहा, उसकी हकीकत किसी से छिपी नहीं है। इसी क्षेत्र में आरोपी हिस्ट्रीशीटर सुनील गंजा ने पत्रकार योगेश डिमरी पर जानलेवा हमला किया। सुनील गंजा ऋषिकेश कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर वर्ष 1981 से लेकर वर्ष 2019 तक 25 मुकदमे दर्ज हैं। 25 में से 13 मुकदमे आबकारी एक्ट में दर्ज हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि सुनील गंजा को 15 मामलों में बरी किया जा चुका है, जबकि वर्ष 2005 में गुंडा एक्ट में निरुद्ध होने के बाद भी वर्ष 2006 में चरित्र अच्छा होना बताकर कार्यवाही समाप्त की गई है।
क्या पत्रकार पर हमले का वायरल वीडियो इसी अच्छे चरित्र की निशानी है? हालांकि, एसएसपी अजय सिंह ने कहा है कि सुनील गंजा को किन परिस्थितियों में दोषमुक्त किया गया था, उसका परीक्षण कराया जाएगा। वह स्वयं भी पूरी जांच पर निगाह बनाए रखेंगे। ऋषिकेश में पत्रकार पर हमले के प्रकरण में सुनील गंजा की पत्नी और ऋषिकेश कोतवाली में नियुक्त हेड कांस्टेबल अनिल कुमार की ओर से विभिन्न धाराओं में पत्रकार योगेश डिमरी समेत सुरेंद्र सिंह नेगी, अरविंद हटवाल, वीरेंद्र बिष्ट, नरेंद्र शर्मा और अन्य पर पर तीन अलग अलग शिकायतों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र सिंह नेगी पर ऋषिकेश कोतवाली में 07, जबकि अरविंद हटवाल पर 06 अभियोग दर्ज हैं। ऐसे में पूरे प्रकरण की अब निष्पक्ष जांच हो सके, इसके लिए एसपी देहात की क्लोज मॉनिटरिंग में एक टीम गठित की गई है।