उत्तराखंड में आज भी कायम है शस्त्र पूजन की प्राचीन परंपरा, इस राजघराने के वंशज निभा रहे रीति
Amit Bhatt, Dehradun: टिहरी राजपरिवार के वंशज राव कीर्ति प्रताप सिंह पंवार, कुंवर भवानी प्रताप सिंह पंवार एवं कुंवर निलय प्रताप सिंह पंवार तथा समस्त राजपरिवार के सदस्यों ने टिहरी रियासत का पारंपरिक शस्त्र पूजन का कार्यक्रम आज 11अक्टूबर 2024 अष्टमी तिथि को राजपुर रोड स्थित समर निवास पर पूर्ण विधि विधान से किया गया। इस अवसर पर अस्त्र-शस्त्र पूजन की प्राचीन एवं महत्वपूर्ण परंपरा को पारंपरिक रीति रिवाजों के रूप में संपन्न किया गया।
टिहरी राजपरिवार के वंशज राव कीर्ति प्रताप सिंह पंवार एवं राजकुंवर ठाकुर और भवानी प्रताप सिंह पंवार ने पूर्व परंपराओं के बारे में बताते हुए कहा कि इस इसकी शुरुआत गढ़वाल रियासत में पवांर वंश के द्वारा की गई थी। महाराज कनकपाल ने दशहरे के दिन शस्त्र पूजन का विधान चांदपुर गढ़ी से आरंभ किया था। यही परंपरा देवलगढ़ से होते हुए श्रीनगर व टिहरी तक बड़े ही धूम धाम से मनाई जाती रही।
रियासत काल मे इस दिन राजकोष की घोषणा भी की जाती थी। विभिन्न थोकों से जागीरदारों, थोकदारों द्वारा दरबार में कुल देवी राजराजेश्वरी की पूजा के साथ भेंट चढ़ाने की प्रक्रिया संपन्न होती थी। इसी के साथ समस्त कुल देवताओं व वीरपुरुषों आदि का भी पूजन व स्मरण भी किया जाता था। रियासत काल की उसी परंपरा का निर्वहन आज भी गतिमान है। दशहरा पूजन में शस्त्रपूजा का विधान थातराजगुरु आचार्य कृष्णानन्द नौटियाल, माघव नौटियाल के द्वारा किया गया।
भगवान श्रीबदरी विशाल जी के प्रसाद रूप में तुलसी माला हरीश डिमरी जी द्वारा लाई गई। इस अवसर पर राजवंश की कुलदेवी भगवती श्रीराजराजेश्वरी का पूजन अर्चन पारंपरिक विधि विधान के साथ संपन्न हुआ। इसी के साथ पारंपरिक रूप से थोकदार ठाकुर द्वारा भुजेला की बलि दी गई, जिसका निर्वहन इस वर्ष मेजर महावीर सिंह रावत द्वारा किया गया। इस पावन अवसर पर संपूर्ण गढ़वाल मंडल आए हुए समस्त जमींदारों एवं थोकदारों का आपसी मिलन के साथ-साथ आगामी समय में 12 वर्ष बाद आयोजित होने वाली नंदा देवी राजजात के बारे में भी चर्चा परिचर्चा हुई।
कार्यक्रम में ठाकुर मनबर सिंह बर्त्वाल, सतेन्दर सिंह बर्त्वाल, धीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल, ठाकुर गौरव सिंह बर्तवाल, डॉक्टर मानवेंन्द्र सिंह बर्त्वाल, ठाकुर नरेंद्र सिंह रौथाण, पुष्कर सिंह नेगी, डॉक्टर हेमंत बिष्ट,संतोष नौटियाल, स्वास्तिक नौटियाल आदि उपस्थित थे। राजपरिवार के सदस्यों, राव कीर्ति प्रतापसिंह पंवार एवं राजकुंवर ठाकुर भवानी प्रतापसिंह पवार द्वारा टिहरी रियासत की परम्परा से जुड़े हुए समस्त महानुभावों को अस्त्र पूजन के शुभ अवसर पर उपस्थित होने के लिए धन्यवाद दिया गया।