इलाज के पैसों में भी घूसखोरी, स्वास्थ्य महानिदेशक का वरिष्ठ सहायक गिरफ्तार
विजलेंस की टीम ने 6000 रुपये की घूस लेते वरिष्ठ सहायक मुकेश कोटियाल को रंगे हाथ दबोचा
Amit Bhatt, Dehradun: घूसखोरी का घुन है कि छूटने का नाम नहीं ले रहा। भ्रष्ट कार्मिक इलाज खर्च की राशि के रिम्बर्समेंट (चिकित्सा प्रतिपूर्ति) के नाम पर भी घूस मांगने से बाज नहीं आ रहे। अब विजिलेंस की सेक्टर देहरादून की टीम ने स्वास्थ्य महानिदेशालय के वरिष्ठ सहायक मुकेश कोटियाल को 6000 रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विजिलेंस के अधिकारी निरंतर घूसखोरों को सलाखों के पीछे पहुंचा रहे हैं। 15 दिन के भीतर ही विजिलेंस का यह तीसरा ट्रैप है।
विजिलेंस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) धीरेंद्र गुंज्याल के अनुसार एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि स्वास्थ्य महानिदेशालय में चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि के भुगतना के लिए घूस मांगी जा रही है। महानिदेशालय के वरिष्ठ सहायक के 8500 रुपये मांगने पर वह 2500 रुपये दे भी चुके। हैं। इसके बाद भी और राशि मांगी जा रही है।
इस शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून ने जांच की और प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया गया। टीम ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए आज दिनांक 15-10-2024 को वरिष्ठ सहायक मुकेश कोटियाल को शिकायतकर्ता से 6000 रु. (छह हजार रुपये) की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। घूसखोरी के आरोपी कर्मचारी के आवास से भी संपत्ति आदि अर्जित करने की जानकारी जुटाई जा रही है।
ट्रैप टीम को इनाम की घोषणा, अपील भी जारी
निदेशक सतर्कता डॉ वी मुरुगेसन ने ट्रैप टीम को नगद पुरस्कार की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने जनता से अपील की है कि सतर्कता अधिष्ठान के टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 एवं Whatsapp हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर 24X7 पर संपर्क कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
03 साल में 70 को भ्रष्टाचार के आरोप में भेजा जेल
पिछले दिनों विजिलेंस ने चमोली और पौड़ी से 02 अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों को सुनने के लिए राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 को शुरू किया है। सभी सरकारी दफ्तरों में एप की जागरूकता के लिए पोस्टर लगाए गए हैं। एप से अब तक 980 से ज्यादा विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतें दर्ज हुई हैं। इन शिकायतों पर गंभीरता से कार्य करते हुए विजिलेंस अफसरों ने रिश्वतखोरों को जेल भेजा है। बीते 09 माह में विजिलेंस ने करीब 32 रिश्वतखोरों को जेल भेजा है। वहीं, 23 साल में उत्तराखंड में जहां भ्रष्टाचार से जुड़े 281 ट्रैप में कुल 303 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं, बीते 3 सालों में विजिलेंस ने करीब 70 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है।