Uttarakhand: रिश्वतखोरी में गिरफ्तार मुख्य शिक्षा अधिकारी को तीन साल का कठोर कारावास
स्कूल को मान्यता देने की एवज में मांगे थे 15 हजार, विजिलेंस ने रंगे हाथों दबोचा
Amit Bhatt, Dehradun: रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार मुख्य शिक्षा अधिकारी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए भ्रष्टाचार निवारण की अलग अलग धारा में तीन-तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। मामला सात साल पुराना है और उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से जुड़ा है।
वर्ष 2017 में घूस लेते गिरफ्तार किए गए तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) अशोक कुमार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम/विशेष न्यायाधीश हल्द्वानी नीलम रात्रा की कोर्ट ने सजा और जुर्माने का यह आदेश जारी किया।
विजिलेंस से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता रिजवानुर्रहमान निवासी मौहल्ला नियाजगंज अल्मोड़ा ने सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय हल्द्वानी (नैनीताल) में दिनांकः 25.4.2017 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने कहा कि मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह पुत्र श्री इन्द्र देव सिंह निवासी ग्राम दोलतिया पो० बनकट जिला वाराणसी (उ०प्र०) उनके के मोहल्ला नियाजगंज अल्मोड़ा में स्थित फैजे आम सिटी मॉडर्न जूनियर हाईस्कूल की मान्यता के लिए 15000/- रुपये रिश्वत की मांग रहे हैं।
जांच से तथ्य सही पाये जाने पर निरीक्षक पंकज उप्रेती के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया गया। ट्रैप टीम द्वारा दिनांक 28.04.2017 को तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा अशोक कुमार सिंह को 15,000/- रुपये रिश्वत लेते हुये स्वतंत्र साक्षियों के समक्ष रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया तथा उत्कोच में लिये गये 15,000/- रुपये अशोक कुमार सिंह उपरोक्त से मौके पर ही बरामद किये गये।
इस सम्बन्ध में थाना सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर नैनीताल हल्द्वानी में मु०अ०सं० 1/2017 धारा 7 व13 (1) (डी) सपठित धारा 13 (2) अ०नि०अधि० 1988 बनान अशोक कुमार सिंह पंजीकृत किया गया। अभियोग की विवेचना निरीक्षक संजय कुमार पाण्डे द्वारा की गयी तथा विवेचना उपरान्त अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र माननीय न्यायालय प्रेषित किया गया। अभियोजन की कार्यवाही के दौरान अभियोजन अधिकारी श्रीमती दीना रानी द्वारा न्यायालय के समक्ष 13 गवाहों को परीक्षित कराया गया।
अभियोग की पैरवी मुख्य आरक्षी सतपाल राम चिन्याल द्वारा की गयी। अभियोग की केस आफिसर निरीक्षक ललिता पाण्डे थी। न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम/विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नैनीताल श्रीमती नीलम रात्रा की अदालत द्वारा दिनांक 23.12.2024 को अभियुक्त अशोक कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अपराध के लिये तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा 25,000/- रुपये (पच्चीस हजार रुपये) के जुर्माने से दण्डित किया गया है।
जुर्माना अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को छह माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) सपठित धारा 13 (1) (डी) के अपराध के लिये तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा 25,000/- रुपए (पच्चीस हजार रुपये) जुर्माने से दंडित किया गया है तथा जुर्माना अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दंडित किया गया जाएगा।