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दून में बैंक लॉकर से ही गायब हो गए 56 लाख के गहने, मैनेजर समेत कई पर मुकदमा

बैंक ऑफ बड़ौदा के लॉकर में सेंध, वर्ष 1995 से रखे हुए थे गहने, 2018 के बाद खाताधारक ने नहीं खोला था लॉकर

Amit Bhatt, Dehradun: घर मे गहने रखना सुरक्षा के लिहाज से अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए तमाम लोग बैंक के लॉकर पर भरोसा जताते हैं। आभूषण समेत कीमती वस्तुओं या अभिलेख को बैंक को अच्छी खासी फीस देकर लॉकर का विकल्प चुना जाता है। लेकिन, जब लॉकर में ही सेंध लगा दी जाए तो खाताधारक किस पर भरोसा करें। राजधानी दून में बैंक आफ बड़ौदा (बीओबी) की मुख्य शाखा के लॉकर में रखे करीब 56 लाख रुपये के सोने व चांदी के गहने गायब हो गए। खाताधारक की ओर से बैंक के कई चक्कर काटने के बावजूद भी उन्हें कोई सही जवाब नहीं दिया गया। अब पीड़ित की शिकायत पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के निर्देश पर डालनवाला कोतवाली पुलिस ने बैंक के वर्तमान शाखा प्रबंधक, क्षेत्रीय प्रबंधक व अन्य सहकर्मी और पूर्व प्रबंधन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस को दी गई तहरीर में 86 वर्षीय बुजुर्ग महिला सुशीला देवी, निवासी घोसी गली ने बताया कि उन्होंने वर्ष 1995 में बैंक ऑफ बड़ौदा मुख्य शाखा ओल्ड सर्वे रोड, इंटरनेशनल ट्रेड टावर में अपने व अपने पुत्र अनूप कुमार के नाम से बचत खाता खोलने के लिए संपर्क किया। बैंक कर्मियों ने विश्वास दिलवाया कि बैंक में लॉकर भी खोल दें। उनके गहने पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे। महिला की सहमति के बाद बैंक ने उन्हें लॉकर नंबर 38 आवंटित करते हुए लाकर की एक चाबी दे दी। वर्ष 1995 में बचत खाता व लाकर खोलने के बाद वर्ष 1995 से 2018 के बीच बैंक के लाकर पूर्व प्रबंधक के समक्ष अपने व अपने परिवार के बेशकीमती गहने रखे और इस अवधि में लगातार लाकर का संचालन किया।

बैंक लॉकर में करीब 55 लाख रुपये के सोने के गहने व 01 लाख रुपये के चांदी के गहने रखे गए थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि अत्यधिक वृद्ध होने के कारण वह वर्ष 2018 के बाद उक्त बैंक लाकर का संचालन नहीं कर पाई। 26 नंवबर 2024 को उनका पुत्र अनूप कुमार जो कि खाते में सह खाताधारक है, बैंक पहुंचा तो वर्तमान के बैंक अधिकारी ने उन्हें बताया कि उनके नाम के लाकर नंबर 38 को वर्ष 2022 में बैंक के पूर्व कर्मचारियों ने तोड़ दिया है। अनूप कुमार ने बिना पूर्व सूचना के तोड़ने का तर्क दिया तो बैंक कर्मियों ने स्पष्ट किया कि आज शाखा प्रबंधक नहीं है। गहने पूरी तरह से सुरक्षित हैं। लाकर बैंक प्रबंधक, बैंक अधिवक्ता, बैंक का जेवरात का मूल्यांकन करने वाले अधिकृत व्यक्ति और दो स्वतंत्र व्यक्तियों के समक्ष तोड़ा गया है, जिसका चालान बनाकर सुरक्षित स्थान में रखा गया है। अगले दिन आकर अपने जेवरात ले जाना।

27 नवंबर को उनके दो बेटे दोबारा बैंक पहुंचा और शाखा प्रबंधक मोहित कुमार, क्षेत्रीय बैंक अधिकारी अरविंद जोशी व अन्य बैंक कर्मियों से गहनों के बारे में पूछा तो उन्होंने 28 नवंबर को आने को कहा। जब बैंक अधिकारियों से लाकर तोड़ने की बैंक पत्रावली दिखाने के लिए कहा तो मोहित कुमार ने फाइल न दिखाकर दोनों पुत्रों को शाखा से बैरंग लौट दिया। 29 नवंबर को दोबारा जब वह बैंक गए तो मोहित कुमार व अरविंद जोशी ने गहने न होने की बात कही साथ ही कहा कि उनके गहने चोरी हो चुके हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि 12 दिसंबर 2024 को उनकी ओर से बैंक अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजा गया लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। डालनवाला कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक मनोज मैनवाल ने बताया कि तहरीर के आधार पर मोहित कुमार वर्तमान शाखा प्रबंधक बैंक आफ बड़ौदा मुख्य शाखा, अरविंद जोशी क्षेत्रीय प्रबंधक व अन्य सहकर्मी व भूतपूर्व प्रबंधक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

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