Uttarakhandराजनीति

चैंपियन-उमेश विवाद: हजारों गुर्जर समाज के लोग लंढौरा पहुंचे, महापंचायत की मांग, भारी पुलिस बल तैनात

लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए खोलने पड़े रंग महल के गेट, लक्सर में महापंचायत स्थगित करने के बाद लंढौरा पहुंचे लोग

Amit Bhatt, Dehradun: खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच उपजे विवाद के बीच गुर्जर समाज के लोग आक्रोशित हो गए हैं। चैंपियन के समर्थन में हजारों की संख्या में गुर्जर समाज के लोग बुधवार को लंढौरा पहुंच गए। वह महापंचायत पर अड़े हैं। इससे पहले महापंचायत लक्सर में प्रस्तावित थी। लेकिन, जेल से चैंपियन ने खत लिखकर महापंचायत टालने का आग्रह किया था। इसके बाद गुर्जर समाज के लोग सीधे लंढौरा कक तरफ रुख कर गए। यहां बढ़ती भीड़ को देखते हुए रंग महल के गेट खोल दिए गए हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और उच्चाधिकारी पल-पल की खबर ले रहे हैं।

दरअसल, उमेश और चैंपियन के बीच विवाद तब सतह पर आ गया, जब 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर चैंपियन दल-बल के साथ खानपुर विधायक के आवास/कैंप कार्यालय पर धमके और कई राउंड की फायरिंग कर दी। इस दौरान चैंपियन और उनके समर्थकों ने भद्दे शब्दों का भी प्रयोग किया। इस कांड को अंजाम देने के बाद देहरादून लौटते समय नेहरू कालोनी पुलिस ने चैंपियन को गिरफ्तार कर रुड़की पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। दूसरी तरफ गोलीबारी के बाद कैंप कार्यालय पहुंचे विधायक उमेश गुस्से में हाथ मे पिस्टल लिए बाहर निकलते देखे गए, जिन्हें पुलिस और कार्यकर्ताओं ने किसी तरह काबू किया। दोनों घटनाओं के वीडियो भी सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म और डिजिटल मीडिया पर खूब वायरल हुए।

तब यह बात भी सामने आई कि चैंपियन ने विधायक उमेश की मां को टारगेट करते हुए भद्दे शब्दों का प्रयोग किया था। जिस पर 25 जनवरी को उमेश अपने कार्यकर्ताओं के साथ चैंपियन के महल पहुंचे थे। यहां उमेश ने चैंपियन को ललकारा और अपना गुस्सा उतारा। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। लिहाजा, पुलिस ने इस मामले में चैंपियन की पत्नी देवयानी की तहरीर पर न सिर्फ मुकदमा कायम किया, बल्कि 26 जनवरी की ही रात को विधायक उमेश को भी गिरफ्तार कर लिया।

यहां तक भी मामला दोनों तक सीमित था। लेकिन, जब 27 जनवरी को सीजेएम कोर्ट से चैंपियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया और उमेश को बेल मिल गई तो चैंपियन समर्थक भड़क उठे। इसी के बाद गुर्जर समाज की एकजुटता और उमेश के विरोध का ज्वार उठने लगा। जो बुधवार को लंढौरा कूच के रूप में सामने आया। गुर्जर समाज के लोगों को राष्ट्रीय वीर गुर्जर महासभा के अध्यक्ष रविंद्र सिंह, जगादरी विधायक अर्जुन सिंह, मनीष सिंह तीतरो, रविंदर कुमार सिंह मिरगपुर ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रंगमहल गुर्जर अस्मिता का प्रतीक है। यदि कोई रंगमहल की ओर आंख उठा कर देखेगा, उसे गुर्जर बर्दाश्त नहीं करेगा। मोके पर एसपी देहात शेखर सुयाल, सीओ मंगलोर विवेक कुमार, सीओ रुड़की नरेंद्र पंत समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। रंग महल के अंदर हजारों की भीड़ है।

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