साइबर ठग के हवाले कर दिए 90 लाख, एसटीएफ आरोपियों को राजस्थान से खींच लाई
एम.स्टॉक (मिराया एसेट) कंपनी का कर्मचारी बताकर शेयर ट्रेडिंग का दिया झांसा, नैनीताल निवासी पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर एसटीएफ ने की कार्रवाई
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Amit Bhatt, Dehradun: तमाम लोग अपने परिचतों या जरूरतमंदों को छोटी रकम उधार देने में भी कई बार सोचते हैं। लेकिन, जब उन्हें मोटे लाभ का झांसा दिया जाता है तो ऐसे व्यक्तियों की अक्ल पर पर्दा पड़ जाता है। फिर पर्दा तब हटता है, जब साइबर ठग लाखों-करोड़ों रुपये लेकर चंपत हो जाते हैं। ऐसे ही एक प्रकरण में नैनीताल निवासी एक व्यक्ति ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगों को 90 लाख रुपये सौंप दिए। लेकिन, इसके बाद मोटा मुनाफा मिलना तो दूर, पूरी रकम ही हाथ से चली गई। हालांकि, इस मामले में एसटीएफ उत्तराखंड की टीम ने सक्रियता दिखाई और 02 आरोपियों को राजस्थान से पकड़ कर ले आई। आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त 05 मोबाइल फोन, 09 सिम कार्ड, 04 चेक बुक, 02 डेबिट कार्ड, 01 पास बुक, 02 आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद किए गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह के अनुसार प्रकरण में जनपद नैनीताल निवासी पीड़ित ने सितंबर 2024 में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके अनुसार पीड़ित व्यक्ति ने माह अगस्त-सितंबर 2024 में फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा। विज्ञापन पर क्लिक करते ही एक अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप J07 Future Capital Investment Management Group M.Stocks से जुड़ना बताया गया। उस ग्रुप में ऑनलाईन शेयर ट्रेडिंग हेतु प्रशिक्षित किया जाना बताया। ग्रुप में पूर्व से जुडे लोगों द्वारा अपने प्रॉफिट की धनराशि संबंधी स्क्रीनशॉट शेयर किये जाते थे। शिकायतकर्ता को ऑनलाईन ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट करने के लिए अभियुक्तगणों द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 90 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी से जमा कराई गई।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखंड के दिशा निर्देशन में विवेचना शरद चौधरी निरीक्षक साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कुमाऊं मंडल (रुद्रपुर) के सुपुर्द की गई। मामले में जांच शुरू करते हुए साइबर क्राइम पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों/व्हाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनियों और मेटा कंपनी (फेसबुक) से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साइबर अपराधियों ने घटना में पीड़ित से शेयर ट्रेडिंग में लाभ कमाने के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर करवाई है।
विवेचना के दौरान साइबर थाना पुलिस टीम ने अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया गया। पुलिस टीम ने तकनीकी/डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपीगण 1- संतोष कुमार मीणा पुत्र शिवराम मीणा निवासी ग्राम कटकड खेडा, थाना सदर, हिंडोन सिटी, जिला करौली, राजस्थान (हाल निवासी- म0नं0 172/133 सैक्टर 17, निकट रावत पब्लिक स्कूल प्रतापनगर थाना प्रतापनगर जयपुर, राजस्थान) 2- नीरज कुमार मीणा पुत्र लाखन लाल मीणा निवासी ग्राम घाटियान का पुरा, कटकड़ थाना सदर, हिंडोन सिटी, जिला करौली, राजस्थान (हाल निवासी म0नं0 172/133 सैक्टर 17, निकट रावत पब्लिक स्कूल प्रतापनगर थाना प्रतापनगर जयपुर, राजस्थान) को चिह्नित करते हुए आरोपियों की की तलाश शुरू की। कई स्थानों पर दबिश देने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
निवेश की राशि फर्जी एप में दिखती है मोटे मुनाफे में, फिर लुट जाता है सब कुछ
अभियुक्तगणों द्वारा फेसबुक पर विज्ञापन प्रकाशित किया जाता था, जिसमें क्लिक करने पर पीड़ित स्वतः ऑनलाइन ट्रेडिंग संबंधी व्हाट्सएप/ग्रुपों J07 Future Capital Investment Management Group M.Stocks, Kurti 175 जुड़ जाते थे। जिसमें ऑनलाइन ट्रेडिंग करने पर शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी। जिनके द्वारा व्हाट्सएप ग्रुपों में अलग-अलग शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर लाभ प्राप्त होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजकर खुद को अधिक लाभ होने की बातें करते थे। जिससे ग्रुप में जुड़े अन्य पीड़ित इनके झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे। इन्वेस्ट की गई धनराशि में मुनाफा दिखाने हेतु यह एक फर्जी एप का प्रयोग करते थे तथा उसके डैशबोर्ड पर पीड़ितों द्वारा इन्वेस्ट की गई धनराशि को भारी लाभ के साथ दिखाया जाता था। जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था। ऐसे में लोग स्वयं के साथ हो रही साईबर धोखाधड़ी का अंदेशा नहीं कर पाते थे। अपराधियों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। साइबर पुलिस देशभर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है ।
प्रारंभिक पूछताछ में यह बात पता चली कि अभियुक्तगणों ने साइबर अपराध हेतु जिन बैंक खातों का प्रयोग किया गया है, उसमें मात्र 4-5 माह में ही 70 लाख रुपये से अधिक का लेन-देन होना प्रकाश में आया है। जांच में यह भी प्रकाश में आया है कि अभियुक्तगण के बैंक खाते के विरुद्ध देश के कई राज्यों में कुल 06 साइबर अपराधों की शिकायतें निम्नवत दर्ज हैं।
S.No Complaint No State District Police Station
1 21910240108721 MAHARASHTRA THANE CITY SHANTINAGAR
2 31109240144543 GUJARAT KHEDA VASO
3 31909240130090 MAHARASHTRA BRIHAN MUMBAI CITY BHANDUP
4 31909240130902 MAHARASHTRA BRIHAN MUMBAI CITY BHANDUP
5 32409240028611 ODISHA UPD, BHUBANESHWAR CYBER PS
6 33210240027822 WEST BENGAL RANAGHAT TAHERPUR
गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम व पता-1- संतोष कुमार मीणा पुत्र श्री शिवराम मीणा निवासी ग्राम कटकड खेडा, थाना सदर, हिंडोन सिटी, जिला करौली, राजस्थान हाल निवासी- म0नं0 172/133 सैक्टर 17, निकट रावत पब्लिक स्कूल प्रतापनगर थाना प्रतापनगर जयपुर, राजस्थान
2- नीरज कुमार मीणा पुत्र श्री लाखन लाल मीणा निवासी ग्राम घाटियाँन का पुरा, कटकड़ थाना सदर, हिंडोन सिटी, जिला करौली, राजस्थान हाल निवासी म0नं0 172/133 सैक्टर 17, निकट रावत पब्लिक स्कूल प्रतापनगर थाना प्रतापनगर जयपुर, राजस्थान
गिरफ्तारी का स्थान- जयपुर, राजस्थान
बरामदगी-
1- 05 मोबाइल फोन
2- 09 विभिन्न कम्पनियों के सिम कार्ड
3- 04 चैक बुक, 01 पास बुक
4- 02 डेबिट कार्ड
5- 02 आधार कार्ड
6- 01 पैन कार्ड
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम
1- निरीक्षक शरद चौधरी
2- अपर उपनिरीक्षक सत्येंद्र गंगोला
3- हे.कां. मनोज कुमार
4- कानि. मौ. उस्मान
टैक्निकल टीम-
1- कानि. अंकुर मेहरा
जागरूकता से ही बचेगी गाढ़ी कमाई की धनराशि, एसएसपी ने की अपील
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखंड नवनीत सिंह द्वारा जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें। साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइव, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आएं अथवा न ही किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें। किसी भी अन्जान कॉल आने पर लालच में न आएं, अन्जान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना/दस्तावेज न दें। किसी भी प्रकार के ऑनलाइन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन संबंधित कंपनी आदि से भली-भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नंबर को सर्च न करें। आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। यह स्कैम्स सस्ती वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं और फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कहीं भी पैसा कमाने के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर संपर्क करें । वित्तीय साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें।