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ब्रेकिंग: राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा में एनओसी आवास की और निर्माण कमर्शियल, डीजे की तेज धुन और रोशनी का जंगल में खलल

सूचना आयोग में सामने आई राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन की गंभीर चूक, आश्रम की आड़ में नियमों का मखौल

Amit Bhatt, Dehradun: राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा में डीजे की तेज धुन और तेज रोशनी वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण में खलल पैदा कर रही है। यह सब उस एनओसी की आड़ में किया जा रहा है जिसे टाइगर रिजर्व प्रशासन ने आवासीय निर्माण के लिए तमाम शर्तों के साथ जारी किया था। लेकिन, इसके विपरीत यहां पर कमर्शियल निर्माण कर दिया गया और सभी शर्तों को किनारे कर दिया गया। एक अपील की सुनवाई में उत्तराखंड सूचना आयोग पहुंचे इस प्रकरण में अधिकारियों की अनदेखी भी उजागर हुई है। क्योंकि, एनओसी की शर्तों के उल्लंघन पर भी वन विभाग के अधिकारी हाथ बांधे खड़े नजर आ रहे हैं। अब राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने अधिकारियों से अगली सुनवाई तक कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।

गंगा दर्शन माई ग़िंदा कुंवर सुभाषघाट (हरिद्वार) के प्रबंधक रमेश चंद शर्मा ने राजाजी टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज के वन क्षेत्राधिकारी से आरटीआइ में एनओसी को लेकर जानकारी मांगी थी। जिसमें उन्होंने पूछा था कि मायापुर वन ब्लाक की सीमा पर निजी भूमि पर निर्मल पंचायती अखाड़ा की दी गई एनओसी और उसकी शर्तों के विपरीत किए गए निर्माण पर क्या कार्रवाई की गई। तय समय के भीतर उचित जानकारी न मिलने पर मामला सूचना आयोग पहुंचा। अपील पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने दी गई एनओसी और शर्तों के उल्लंघन पर पूरी रिपोर्ट तलब की।

सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि एनओसी वर्ष 2013 में आवासीय निर्माण के लिए जारी की गई थी। जिसमें तय किया गया था कि संबंधित निर्माण से निकलने वाले प्रकाश को वन क्षेत्र में रोकने की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा राजाजी की तरफ ग्रीन बेल्ट बनाकर चौड़ी पत्ती की ऊंची प्रजाति का पौधारोपण किया जाएगा। वन्यजीवों के पीने के पानी के लिए बड़े वाटर होल बनाए जाएंगे, जैविक-अजैविक कूड़े का वैज्ञानिक विधि से निस्तारण कराया जाएगा और राजाजी टाइगर रिजर्व के टाइगर फाउंडेशन में 05 लाख की धनराशि दो वर्ष में दो समान किश्तों में प्रदान की जाएगी।

योगेश भट्ट, राज्य सूचना आयुक्त (उत्तराखंड)

इन सभी नियमों की अनदेखी के साथ ही यह बात भी सामने आई कि बहुमंजिला निर्माण करते हुए वेडिंग प्वाइंट का भी निर्माण कर दिया गया है। मुख्य गेट भी पार्क की दिशा में खोला गया है। जिससे वन क्षेत्र की तरफ तेज रोशनी खलल डालती है। आयोग के समक्ष यह बात भी उजागर हुई कि एनओसी की शर्तों के विपरीत की गई गतिविधि को रोकने के नाम पर विभागीय अधिकारियों ने महज खानापूर्ति की है। क्योंकि, फाइलों पर जारी कार्रवाई कभी धरातल पर उतर ही नहीं पाई।

2021 से 2023 के बीच भेजे 08 पत्र, कर्तव्यों की इतिश्री
सूचना आयोग में यह बात भी सामने आई कि राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा में किए गए निर्माण में शर्तों के उल्लंघन पर वन्यजीव प्रतिपालक, हरिद्वार कार्यालय ने वर्ष 2021 से 2023 के बीच 08 पत्र जारी किए। जिसमें मानकों का पालन न करने की दशा में एनओसी निरस्त किए जाने की चेतावनी जारी की गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने धरातल पर कुछ नहीं किया।

डीजे की तेज आवाज पर प्रशासन से शिकायत का भी असर नहीं
आयोग के समक्ष वन क्षेत्राधिकारी हरिद्वार का एक पत्र भी सामने आया। जिसे जिलाधिकारी, एसएसपी हरिद्वार के साथ ही हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण और नगर आयुक्त हरिद्वार को भेजा गया। जिसमें लिखा गया है कि आश्रम की ओर से संचालित वेदाग्रीन बैंक्विट हॉल से बड़े स्पीकर की तेज ध्वनि और तेज प्रकाश निकलता है। साथ ही नियमों के उल्लंघन पर स्वीकृत मानचित्र और शर्तों के उल्लंघन पर कार्रवाई का अनुरोध किया गया।

आयोग ने सभी से मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट सूचना आयोग ने सभी तथ्यों पर गौर करने के साथ ही राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन और जिलाधिकारी, एसएसपी हरिद्वार, नगर आयुक्त और हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को भी निर्देश जारी किए। जिसमें उन्होंने सभी से अपने अपने स्तर पर अपेक्षित कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। प्रकरण पर सुनवाई की अगली तिथि 28 मार्च 2025 को तय की गई है।

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