
Amit Bhatt, Dehradun: निर्धन व जरूरतमंदों बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा मुफ्त प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किए गए पुरकल यूथ डेवलपमेंट सोसाइटी के स्कूल में इन दिनों हंगामा मचा हुआ है। स्कूल के स्टाफ ने सचिव अनूप सेठ के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। महिला स्टाफ ने सचिव पर मानसिक उत्पीड़न कर स्कूल से निकालने का आरोप लगाया है। यही नहीं स्कूल की छात्राएं भी सचिव पर गंभीर आरोप लगा रही हैं। स्कूल के स्टाफ ने जिलाधिकारी से लेकर महिला आयोग तक शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है। वहीं, एक छात्रा ने बाल आयोग को पत्र लिख शिकायत की है। छात्रा ने खुद को और परिवार को परेशान कर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इस प्रकरण में जिलाधिकारी भी कार्रवाई की बात कह चुके हैं। साथ ही महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए शिकायतकर्ताओं को बुलाया है।
शिकायतकर्ता रोमा सकलानी ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में बताया कि पुरकल यूथ डेवलपमेंट सोसाइटी (PYDS) में अन्याय हो रहा है और भय का माहौल है। जो संस्था के सचिव अनूप सेठ और उनके सहयोगियों के कारण बना हुआ है। जिस संस्था की स्थापना स्वामी सर के एक महान दृष्टिकोण के रूप में हुई थी, वह आज एक मजाक बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से उन बैठकों में रही हैं, जहां शिक्षकों को अपने सहकर्मियों पर नजर रखने और जासूसी कर सचिव को सूचित करने को कहा जाता है। राजनीति के कारण स्कूल में वातावरण खराब हो गया है और निशाना बनाकर स्टाफ के प्रताड़ित किया जा रहा है।
जब सचिव किसी शिक्षक या प्रशासनिक कर्मचारी से नाराज होता है, तो उस कर्मचारी को जानबूझकर परेशान किया जाता है, सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाता है, धमकाया जाता है और ऐसे हालात में डाल दिया जाता है कि उसे मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ता है। सभी शिक्षक जानते हैं कि अगर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया, तो उनके साथ और भी अपमानजनक व्यवहार किया जाएगा।
पिछले कुछ समय में कई लोग स्कूल में उत्पीड़न से परेशान होकर इस्तीफा दे चुके हैं। साथ ही अब सचिव और प्रधानाचार्य मिलकर स्टाफ को परेशान कर निकाल रहे हैं। सच्चाई यह है कि किसी ने भी स्वेच्छा से पुरकल नहीं छोड़ा, उन्हें जबरन इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया।
इन्होंने की है शिकायत
संजला वज़ीर, फिडुशियरी कमेटी की अध्यक्ष एवं वेल्हम गर्ल्स स्कूल की पूर्व डीन, को एक आनलाइन बैठक के दौरान सिर्फ इसलिए बाहर जाने को कहा गया क्योंकि उन्होंने कुछ बिंदुओं पर असहमति जताई थी। उसी दिन उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया।
आरती नागराज, पूर्व प्रधानाचार्य को लगातार अपमानित किया गया, क्योंकि उन्होंने अनूप सेठ के कठोर निर्णयों पर सवाल उठाए। वे छात्रों के लिए बहुत कुछ कर चुकी थीं, फिर भी उन्हें इस्तीफा देने के बाद विद्यालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्हें छात्रों से मिलने तक नहीं दिया गया।
मनीष चंदेल, पूर्व उप-प्रधानाचार्य, को बार-बार छात्रों और शिक्षकों के सामने अपमानित किया गया और सचिव से बात करते समय उन्हें जेब से हाथ निकालने के लिए जोर-जोर से डांटा गया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से बेइज्जत किया गया, ताकि वह स्कूल छोड़ दें।
रोमा सकलानी, वेल्हम गर्ल्स स्कूल की मानविकी विभाग की सेवानिवृत्त प्रमुख और PYDS की मनोविज्ञान शिक्षिका को यह तक नहीं बताया गया कि स्कूल से मनोविज्ञान विषय हटाया जा रहा है। उन्हें सचिव अनूप सेठ के सामने प्रस्तुत होने को कहा गया, जिन्होंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। उंगली दिखाकर चिल्लाते हुए अपमानजनक व्यवहार किया। उन्होंने रोमा सकलानी को इतना अपमानित किया कि वह रोने लगीं और मजबूर होकर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद उनकी अंतिम तनख्वाह भी नहीं दी गई।
कंचन ध्यानी को मातृत्व अवकाश के बाद स्कूल आने से मना कर दिया गया। यह सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन है।
पलक बहुगुणा, प्रशासनिक विभाग पर गंभीर आरोप लगाकर इस्तीफा मांगा गया।
पूनम मिश्रा, PYDS की पूर्व वार्डन को झूठे बहानों पर जबरन ‘रिटायर’ कर दिया गया, सिर्फ इसलिए क्योंकि संस्था उन्हें हटाना चाहती थी।
स्कूल के अंग्रेजी विभाग के निखिल, मंजुला डोभाल और सोमवती को भी इसी प्रकार प्रताड़ित किया गया और मजबूर होकर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
गरीब छात्रा समेत 10 बच्चों को भी किया निष्कासित, पुराने प्रबंधन की तारीफ पड़ी भारी
पुरकल यूथ सोसाइटी के सचिव के मनमानी के किस्से और भी हैं। सोसाइटी की लर्निंग अकादमी की 10वीं की छात्रा आफिया ने आरोप लगाया है कि उसे आलराउंडर छात्रा होने के बाद भी बिना कारण निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने सिर्फ यही कहा था कि स्कूल पहले की तरह क्यों नहीं चल रहा है और जीके स्वामी के समय जैसी सुविधा क्यों नहीं मिल पा रही है। छात्रा ने जिलाधिकारी से शिकायत कर उचित कार्रवाई की मांग कर न्याय की गुहार लगाई है। यह भी आरोप लगाया कि सचिव अनूप सेठ स्कूल से कई होनहार व जरूरतमंद छात्रों को निकाल चुके हैं।
यह भी पढ़ें: