Dehradun

देहरादून में आंधी बनी काल, तहसील चौक में महिला की पेड़ से दबने से मौत

दून में 24 घंटे में पेड़ गिरने से दूसरी मौत, बेटी संग खरीदारी करने आई थी महिला

Amit Bhatt, Dehradun: शनिवार 31 मई को शिमला बाइपास रोड निवासी 63 वर्षीय रेखा अपनी बेटी आकृति और नातिन के साथ खरीदारी करने पलटन बाजार पहुंची थीं। खरीदारी के बाद वह तहसील चौक स्थित पार्किंग की ओर लौट रही थीं, तभी अचानक आए तेज अंधड़ के बीच एक विशाल पेड़ उनके ऊपर आ गिरा। राजधानी देहरादून में लापरवाही और प्रशासनिक अनदेखी अब जानलेवा साबित हो रही है। बीते 24 घंटों के भीतर पेड़ गिरने की दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। शुक्रवार को एफआरआई परिसर में एक सूखा पेड़ ऑटो चालक पर गिरा, जबकि शनिवार को पलटन बाजार में एक महिला पेड़ के नीचे दब गई।

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रेखा गंभीर रूप से घायल हो गईं। वहीं, उनकी बेटी आकृति जो कुछ कदम आगे चल रही थी, बाल-बाल बच गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों की मदद से पेड़ हटाया गया और रेखा को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। राहत की बात यह रही कि आकृति और उनकी गोद में मौजूद बच्ची सुरक्षित हैं।

एफआरआई में सूखा पेड़ बना मौत का कारण

इससे ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को एफआरआई परिसर में वसंत विहार निवासी ऑटो चालक अनिल कुमार (उम्र 38) अपनी दवाई लेने अस्पताल पहुंचा था। डॉक्टर के कहने पर वह अपने ऑटो में इंतजार कर रहा था। तभी अचानक एक सूखा पेड़ ऑटो पर गिर पड़ा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। लोगों ने उसे दून अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

प्रशासन की लापरवाही बनी जानलेवा

दोनों मामलों में यह सामने आया कि पेड़ पुराने, जर्जर और लंबे समय से सूखे थे, जिनके कटान या छंटाई को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर भर में ऐसे दर्जनों पेड़ हैं जो जान जोखिम में डाल रहे हैं, लेकिन नगर निगम, वन विभाग और अन्य जिम्मेदार एजेंसियां आंख मूंदे बैठी हैं।

जान का खतरा बना हर पेड़

राजपुर रोड, चकराता रोड, मालसी, मोहब्बेवाला, रिंग रोड और शिमला बाईपास जैसे क्षेत्रों में कई पेड़ या तो सड़कों पर झुके हुए हैं या सूख चुके हैं। हर आंधी और बारिश के साथ इनमें से कोई भी पेड़ गिरकर हादसे का कारण बन सकता है।

आपात सर्वे और त्वरित कार्रवाई हो

इन घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि दून शहर में पेड़ों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। अब समय है कि प्रशासन पूरे शहर में ऐसे पेड़ों की पहचान कर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करे। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो ऐसी घटनाएं बार-बार दोहराई जाएंगी और बेकसूर लोग जान गंवाते रहेंगे।

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