उत्तराखंड भर्ती परीक्षा कांड: पुलिस की जांच टिहरी की शिक्षिका तक पहुंची, कहानी का खलनायक खालिद लापता
कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद कहानी में नया मोड़, सवालों के घेरे में आयोग और पुलिस की कहानी

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं पर एक बार फिर से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। UKSSSC स्नातक स्तरीय पदों की लिखित परीक्षा में पेपर लीक का सनसनीखेज मामला सामने आया है। परीक्षा के दौरान ही प्रश्नपत्र के कुछ हिस्से इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे न केवल अभ्यर्थियों का आक्रोश फूटा, बल्कि परीक्षा की विश्वसनीयता भी कठघरे में खड़ी हो गई।
हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद भी लीक!
इस बार पेपर लीक की कहानी और भी पेचीदा है। परीक्षा से ठीक एक दिन पहले कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी पंकज गौड़ को डील करते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बावजूद इसके, रविवार को परीक्षा के बीच ही सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र के फोटो वायरल हो गए।बेरोजगार संघ ने आरोप लगाया कि पेपर लीक हुआ है। वहीं, आयोग ने पहले तो पेपर लीक से इनकार किया, लेकिन बाद में माना कि प्रश्नपत्र के कुछ पन्नों की तस्वीर बाहर गई है, जो गंभीर विषय है।
सोशल मीडिया पर 11:35 बजे ही वायरल हो गए थे सवाल
देहरादून एसएसपी ने इस मामले में SIT का गठन कर जांच शुरू कराई। थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच में पाया गया कि परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई थी, लेकिन 11:35 बजे ही प्रश्नपत्र के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। यानी परीक्षा केंद्रों से महज आधे घंटे में पेपर बाहर पहुंच गया। यह सवाल खड़ा करता है कि परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था आखिर कितनी लचर थी।
टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर तक पहुंचा पेपर
पुलिस जांच में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि प्रश्नपत्र के फोटो सबसे पहले टिहरी जिले में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के पास पहुंचे थे। पूछताछ में सुमन ने बताया कि ये फोटो उन्हें खालिद मलिक नामक व्यक्ति ने भेजे थे।
खालिद से उनकी पहचान वर्ष 2018 में नगर निगम ऋषिकेश में टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत रहते समय हुई थी। खालिद ने फोटो अपनी बहन के नाम से भेजे और सुमन से उनके उत्तर मांगे। सुमन ने उत्तर भेजे और फोटो का स्क्रीनशॉट भी सेव कर लिया।
बॉबी पंवार पर वायरल करने का आरोप
पुलिस के कथन के अनुसार सुमन ने बताया कि वह इस पूरे प्रकरण की जानकारी पुलिस को देने वाली थीं, लेकिन इसी बीच बॉबी पंवार नाम के व्यक्ति ने उनसे स्क्रीनशॉट मांगे और पुलिस तक मामला न पहुंचाने का दबाव बनाया। बाद में बॉबी पंवार ने ही यह स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स ने भी शेयर कर मामले को और सनसनीखेज बना दिया।
SIT जांच पर उठ रहे सवाल
SIT की अब तक की जांच में किसी संगठित गिरोह या पेपर माफिया की संलिप्तता नहीं पाई गई है। पुलिस का कहना है कि किसी एक परीक्षा केंद्र से कुछ प्रश्नों की फोटो लेकर बाहर भेजी गई। मगर यह तर्क कई सवाल छोड़ जाता है…
जब हाकम सिंह जैसे नकल माफिया को पहले ही पकड़ा जा चुका था, तो फिर पेपर की फोटो बाहर कैसे गई? खालिद मलिक जैसे संदिग्ध अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर क्यों हैं? आयोग और पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामने रखी गई कहानी क्यों अधूरी और अविश्वसनीय लग रही है? क्या यह वाकई सिर्फ “कुछ सवालों की फोटो” का मामला है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है?
पुलिस आखिर देर रात की गई पत्रकार वार्ता में भी खालिद को लेकर कुछ ठोस बात क्यों नहीं बता पाई? खालिद इस समय कहां है? अगर पुलिस के पास ठोस जानकारी नहीं थी तो प्रेस कॉन्फ्रेंस का असल मकसद क्या था? इनके जवाब भी शायद पुलिस ही खुद दे पाए।
बेरोजगारों में आक्रोश
प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा इस घटनाक्रम से आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि बार-बार पेपर लीक की घटनाएँ उनकी मेहनत और भविष्य के साथ मजाक हैं। बेरोजगार संघ ने सरकार और आयोग से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा मिले। सोमवार को बेरोजगार संघ की ओर से व्यापक विरोध प्रदर्शन प्रस्तावित है।