उत्तराखंड के हर गांव में मिलेगा ‘आयुष्मान’ का सहारा: प्रदेश के सभी पीएचसी व सीएचसी होंगे सूचीबद्ध
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने शुरू की व्यापक पहल, 614 पीएचसी और शेष 24 सीएचसी को आयुष्मान योजना से जोड़ने के निर्देश

Amit Bhatt, Dehradun: अब आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदेशवासियों को उनके घर के नजदीक ही मिलेगा। राज्य सरकार ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के सभी प्राथमिक (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
रीना जोशी ने कहा कि सरकार की मंशा है कि आमजन को दूरदराज के बड़े अस्पतालों तक भटकना न पड़े। उन्हें अपने गांव या कस्बे में ही निःशुल्क उपचार की सुविधा मिलनी चाहिए। इसके लिए सभी 614 पीएचसी और शेष 24 सीएचसी को सूचीबद्ध करने का अभियान चलाया जाएगा। यह पहल उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों की तर्ज पर की जा रही है, जहां पहले से ही प्राथमिक स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों को योजना में शामिल कर लाभार्थियों को राहत पहुंचाई जा रही है।
प्रदेश में पीएचसी की स्थिति (जनपदवार)
पौड़ी गढ़वाल – 93
अल्मोड़ा – 65
देहरादून – 62
टिहरी – 54
पिथौरागढ़ – 53
नैनीताल – 51
हरिद्वार – 40
उधमसिंह नगर – 40
चमोली – 39
रुद्रप्रयाग – 38
उत्तरकाशी – 32
बागेश्वर – 29
चंपावत – 18
सीएचसी की स्थिति:
राज्य में कुल 83 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिनमें से 59 पहले ही योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं। शेष 24 को अब इस पहल में सम्मिलित किया जा रहा है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बैठक में यह भी निर्देशित किया कि सूचीबद्धता की प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण तत्काल प्रभाव से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा, “यह केवल स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम है। हमारी प्राथमिकता है कि एक भी व्यक्ति किसी भी कारणवश इस योजना के लाभ से वंचित न रह जाए।”
इस फैसले से लाखों ग्रामीण और दूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को अब शहरों की ओर भागना नहीं पड़ेगा। यह कदम उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।