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तीन और फर्जी रजिस्ट्री मिली, चंद्र बहादुर से है संबंध

-चक रायपुर व लाडपुर क्षेत्र की जमीनों का मामला, यहां भी चंद्र बहादुर से संबंधित है संपत्ति
अमित भट्ट, देहरादूनः रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने अभी चार प्रकरण में कागजात खंगालना शुरू ही किया है और इधर रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के तीन और मामले प्रकाश में आ गए हैं। यह जमीनें चक रायपुर व लाडपुर क्षेत्र की हैं और यहां भी इनका संबंध चंद्र बहादुर की जमीनों से है। चंद्र बहादुर की अधिकांश भूमि सीलिंग से संबंधित है, जिन्हें सरकार में निहित कर दिया गया है। भूमाफिया इन जमीनों के न सिर्फ फर्जी रिकार्ड तैयार कर रहे हैं, बल्कि रजिस्ट्री कार्यालय के रिकार्ड रूम व राजस्व अभिलेखागार में सेंधमारी कर मूल रिकार्ड भी गायब कर दिए गए हैं।
जिन व्यक्तियों पर फर्जी रजिस्ट्री तैयार करने का आरोप लगा है, उनका कनेक्शन डिब्रूगढ़ असम से है और अब तक सामने आए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े और सीलिंग भूमि को खुर्दबुर्द करने में भी यही कनेक्शन बार-बार सामने आ रहा है। सीलिंग भूमि को बचाने की लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ता विकेश नेगी ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के रिकार्ड जिला प्रशासन के सुपुर्द करते हुए संतोष अग्रवाल, उमेश कुमार और मोतीलाल पर इसका आरोप लगाया है। अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा एसके बरनवाल को सौंपे गए रिकार्ड के मुताबिक चक रायपुर क्षेत्र की चंद्र बहादुर से जुड़ी भूमि को उमेश कुमार ने वर्ष 1952 में चंद्र बहादुर से क्रय करना दिखाया है,

जबकि यह भूमि चंद्र बहादुर को अपने पिता शमशेर बहादुर से वर्ष 1954-55 के बीच मिली। ऐसे में चंद्र बहादुर से भूमि को क्रय करने का प्रश्न ही नहीं होता। दूसरी तरफ इसी भूमि को संतोष अग्रवाल ने चंद्र बहादुर से वर्ष 1984 में क्रय करना दिखाया है। इसके अलावा चंद्र बहादुर की ही लाडपुर क्षेत्र की भूमि को मोतीलाल ने वर्ष 1975 में क्रय किया जाना दर्शाया है। यह रजिस्ट्री किन मूल अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ कर तैयार की गई, इस पर से पर्दा उठना बाकी है। हालांकि, जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और जिलाधिकारी सोनिका ने प्रकरण में गहनता के साथ छानबीन कर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।

संतोष और उमेश ने एक दूसरे पर दर्ज कराया है मुकदमा
चक रायपुर की चंद्र बहादुर की जिस जमीन की रजिस्ट्री लेकर संतोष अग्रवाल व उमेश कुमार घूम रहे हैं, उन्होंने एक दूसरे पर ही फर्जी रजिस्ट्री तैयार कराने का मुकदमा दर्ज कराया है। संतोष ने उमेश पर सहारनपुर में मुकदमा दर्ज कराया है, जबकि उमेश ने संतोष पर कोर्ट से आदेश लेकर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। गंभीर यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद प्रशासन और पुलिस रजिस्ट्री फर्जीवाड़े को अब जाकर गंभीरता से ले रहे हैं। लेकिन, पूर्व में दर्ज इन मुकदमों पर पुलिस अब तक कुछ नहीं कर पाई।

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