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जब डेंगू पनप रहा था, तब क्या कर रहे थे दून के अफसर: डॉ धन सिंह

डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने की डेंगू रोकथाम के कार्यों की समीक्षा, डेंगू की रोकथाम को संबंधित विभागों को 10 दिन के लिए माइक्रो प्लान बनाकर काम करने को कहा

Usha Gairola, Dehradun: देहरादून शहर में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। शहर के अस्पतालों में इलाज के लिए मारामारी मची है। तमाम जगह बेड फुल हो गए हैं और प्लेटलेट्स के लिए तीमारदार कहीं ब्लड बैंकों के चक्क्र काट रहे हैं, तो कहीं डोनर के लिए एड़ियां घिस रहे हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत व स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को भी अब धरातल पर उतरना पड़ गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की तो वह बोल उठे कि जब डेंगू का मच्छर पनप रहा था तो नगर स्वास्थ्य अधिकारी व अन्य जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे थे।

सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने डेंगू रोकथाम की दिशा में अपेक्षित प्रयास न करने पर नगर निगम के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि नगर स्वास्थ्य अधिकारी व अन्य जिम्मेदार अधिकारी समय रहते डेंगू रोकथाम के प्रयास करते तो आज दून की जनता में ऐसी हड़कंप की स्थिति नजर न आती। अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते ही डेंगू का मर्ज आज के आधुनिक दौर में भी असामान्य स्थिति की तरफ बढ़ता दिख रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि डेंगू के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। जरूरत के मुताबिक अस्पतालों में बेड बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं और प्लेटलेट्स की कमी दूर करने के लिए भी विभिन्न स्तर पर काम किया जा रहा है।

देहरादून कलेक्ट्रेट में डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत।

10 दिन के लिए बनाएं माइक्रो प्लान, समन्वय से करें अमल
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि डेंगू की रोकथाम के लिए 10 दिन का माइक्रो प्लान तैयार किया जाए। साथ ही आपस में समन्वय बनाकर उस पर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी जाए। विशेषकर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग मिलाकर युद्ध स्तर पर काम करें। तभी डेंगू को हराया जा सकता है। इस अवसर पर महापौर सुनील उनियाल गामा, जिलाधिकारी सोनिका, नगर आयुक्त मनुज गोयल, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ बिनीता शाह, मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना आदि उपस्थित रहे।

क्यों आ रही अस्पतालों में लापरवाही की शिकायतें
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि अस्पतालों में उपचार और फॉगिंग को लेकर शिकायतें क्यों आ रही हैं। इस पर उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी और दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य के प्रति नाराजगी जाहिर की। हिदायत दी गई कि मरीजों के प्रति संवेदनशीलता बरती जाए। उनकी सभी जरूरत पूरी की जाए। साथ ही निर्देश दिए कि अस्पतालों में जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उनका समुचित प्रचार-प्रसार किया जाए। रक्त/प्लेटलेट्स की समुचित व्यवस्था ही, इसके लिए नागरिकों को रक्तदान के प्रति प्रेरित किया जाए। वार्डों में पूर्व सूचना प्रसारित कर शिविर भी लगाए जाएं।

जनता को करें जागरूक, नागरिक घबराएं नहीं
बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश जारी किए गए कि वह डेंगू से लड़ने के लिए जनता को जागरूक करें। उन्हें बताएं कि घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को काउंसिलिंग करने और जागरूकता कार्यक्रम चलाने को भी कहा गया। निर्देश दिए गए कि स्कूलों में चिकित्सक/काउंसलर भेजे जाएं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में फागिंग सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा आशा व अनगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सर्वे कराकर डेंगू पनपने वाले स्थानों को चिह्नित कराकर कार्रवाई कराई जाए।

जिलाधिकारी व नगर आयुक्त की जिम्मेदारी तय, रोजाना करेंगे समीक्षा
स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू रोकथाम के लिए जिलाधिकारी व नगर आयुक्त की जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने कहा कि दोनों अधिकारी वर्चुअल माध्यम से डेंगू रोकथाम की दिशा में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करें।

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