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हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों को एफआरआइ ने सिखाए हाई-टेक नर्सरी के गुर
सात दिवसीय प्रशिक्षण रविवार 17 सितंबर को हुआ संपन्न
Usha Gairola, Dehradun: वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ), देहरादून ने कृषि उच्च शिक्षा परियोजना-संस्थागत विकास योजना के तहत चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, बावल के स्नातक छात्रों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया।
सात दिवसीय प्रशिक्षण का उदघाटन 11 सितंबर को एफआरआइ की निदेशक डॉ रेणु सिंह, आईएफएस ने किया था। जो कि रविवार को संपन्न हो गया। इस दौरान डॉ चरण सिंह ने कृषि वानिकी प्रजातियों की बेहतर गुणवत्ता वाली पौध उगाने और उनके प्रबंधन के लिए हाई-टेक नर्सरी के विकास के महत्व और आवश्यकता पर तमाम जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि भूमि प्रबंधन और आय बढ़ाकर आजीविका सुधार के लिए कृषि वानिकी बेहतर विकल्प है। साथ ही कहा कि छात्र अपने आसपास के किसानों को प्रेरित करके कृषि वानिकी के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्रशिक्षण के विभिन्न तकनीकी सत्रों के दौरान विषय विशेषज्ञों ने कृषि वानिकी प्रजातियों की गुणवत्तापूर्ण पौध के उत्पादन के लिए हाई-टेक नर्सरी के विकास और उनकी प्रबंधन तकनीकों के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिए। उन्होंने मृदा सुधार के साथ भूमि प्रबंधन के लिए पारंपरिक से आधुनिक वैज्ञानिक कृषि वानिकी तक की यात्रा के साथ कृषि वानिकी की मूल अवधारणा और उत्पत्ति के बारे में भी बताया। विद्यार्थियों को एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन पर भी जानकारी प्रदान की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत छात्रों के लिए हरिद्वार के आसपास के कृषि वानिकी समृद्ध क्षेत्रों का एक क्षेत्रीय दौरा भी आयोजित किया गया, जहां उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी, हरिद्वार का भी दौरा किया और कृषि प्रबंधन पर नई जानकारी प्राप्त की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान छात्रों के अनुभव साझा करने के लिए उनकी प्रतिक्रिया और विचार लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम 17 सितंबर, 2023 को संपन्न हो गया। कार्यक्रम के समापन सत्र में डॉ अनिल मलिक, सहायक प्रोफेसर, कृषि विस्तार विभाग, सीसीएसएचएयू कृषि महाविद्यालय, बावल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गये।
प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्थान के विस्तार प्रभाग के वैज्ञानिक-एफ डॉ चरण सिंह के समग्र समन्वय के तहत आयोजित किया गया। टीम के अन्य सदस्यों में रामबीर सिंह, वैज्ञानिक-ई, विजय कुमार, सहायक वन संरक्षक, प्रीत पाल सिंह, वन रेंज अधिकारी और अन्य सदस्यों ने ऋचा मिश्रा आईएफएस, प्रमुख विस्तार प्रभाग के कुशल मार्गदर्शन में कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया।