वन विभाग का अलर्ट, इस क्षेत्र में अकेले न जाएं नागरिक
गढ़वाल और कुमाऊं के वन क्षेत्रों से सटे रिहायशी इलाकों में बाघ और गुलदार की सक्रियता पर निरंतर चल रहा ऑपरेशन पिंजरा, ट्रैंकुलाइज और कैमरा ट्रैप, कार्बेट टाइगर रिजर्व की भी सघन निगरानी गतिमान
Amit Bhatt, Dehradun: वर्तमान में उत्तरखंड के तमाम वन क्षेत्रों समेत कार्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे आबादी क्षेत्रों में बाघ और गुलदार की सक्रियता बढ़ी है। गढ़वाल और कुमाऊं के विभिन्न इलाकों में बाघ और गुलदार के हमलों में तमाम लोग जान गंवा चुके हैं और कई घायल हुए हैं। बीते कुछ समय से कार्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज से सटे आबादी क्षेत्रों में बाघ की सक्रियता कुछ अधिक ही बढ़ी है। कार्बेट टाइगर प्रशासन अपनी तरफ से बाघ को पिंजरे में कैद करने या ट्रैंकुलाइज करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। इसके लिए आवश्यक क्षेत्रों में कैमरा ट्रैप लगाकर भी निगरानी बढ़ाई गई है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व की मीडिया सेल के मुताबिक प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव)/मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की अनुमति के क्रम में बाघ को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। बीते एक माह से रेस्क्यू टीम बाघ की उपस्थिति और उसकी गतिविधि को ट्रैक करने के लिए कैमरा ट्रैप और ड्रोन की मदद ले रही है। इस दौरान क्षेत्र में बाघ की उपस्थिति के प्रमाण भी मिले हैं। रेस्क्यू टीम ने विभिन्न स्थल चिह्नित कर 02 पिंजरे भी लगाए हैं। कार्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन के मुताबिक जल्द ही चिह्नित किए गए बाघ को ट्रैंकुलाइज कर या पिंजरे के माध्यम से पकड़ लिया जाएगा।
वन विभाग के उच्च अधिकारी पूरे अभियान की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही वन अधिकारियों ने बाघ के पकड़े जाने तक नागरिकों से अपील की है कि वह ढेला रेंज के बफर जोन में अनावश्यक और अकेले प्रवेश न करें। कार्बेट प्रशासन ने कहा कि विभाग की पूरी टीम नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तरह के प्रयास राजधानी देहरादून और गढ़वाल मंडल के विभिन्न क्षेत्रों में गुलदार और बाघ की सक्रियता के मद्देनजर किए जा रहे हैं। वहीं, मुख्य्मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी वन विभाग को हाईअलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं।